Gautam Thapar Arrested: अवंता ग्रुप के मालिक और उद्योगपति गौतम थापर को प्रवर्तन निदेशालय ने मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत मंगलवार की देर रात गिरफ्तार कर लिया. गौतम थापर के खिलाफ बैंक घोटालों के अनेक मामलों की जांच की जा रही है, जिसमें यस बैंक घोटाला भी शामिल है.
प्रवर्तन निदेशालय के एक आला अधिकारी के मुताबिक गौतम थापर के खिलाफ धोखाधड़ी के अनेक मामले सीबीआई में दर्ज है. जिनके आधार पर प्रवर्तन निदेशालय जांच कर रहा है. इनमें बैंक को चूना लगाने के मामले में दर्ज FIR भी शामिल है, जो इसी साल जून महीने में दर्ज की गई थी. इसके अलावा इस साल की शुरुआत में भी यस बैंक के प्रमुख रहे राणा कपूर और उनकी पत्नी को लेकर एक मामले की जांच शुरू की गई थी.
रिश्वत देने का आरोप
इस मामले में आरोप था कि अवंता ग्रुप ने यस बैंक से लोन लेने के बदले राणा कपूर और उनकी पत्नी को कथित तौर पर रिश्वत दी थी. सीबीआई ने गौतम थापर और उनके ठिकानों पर दर्ज एफआईआर को लेकर छापेमारी भी की थी. इस दौरान सीबीआई का दावा था कि उन्हें अनेक महत्वपूर्ण दस्तावेज बरामद हुए. सीबीआई के मुताबिक इस मामले मे आरोप है कि राणा कपूर ने अन्य आरोपियो के साथ मिलकर आपराधिक साजिश रची और दिल्ली के अमृता शेरगिल मार्ग पर 378 करोड़ रुपये का एक बंगला लिया.
यह बंगला बिलिसस एडोब प्राइवेट लिमिटेड के नाम पर था. जिसमें राणा कपूर की पत्नी बिंदू कपूर को निदेशक बताया गया है. यह भी आरोप है कि यह बंगला अवैध उगाही के पैसों के जरिए खरीदा गया. सीबीआई के मुताबिक इस बंगले को खरीदने के फौरन बाद इंडिया बुल्स हाऊसिंग फाइनेंस को 685 करोड़ रुपये के बदले मार्टगेज कर दी गई.
आरोप है कि इस बंगले का दाम कीमत से काफी कम दिखाया गया. सीबीआई को शक था कि अंवता ग्रुप, जिसके निदेशक गौतम थापर थे, उऩ्होने इस आपराधिक षड्यंत्र में अहम भूमिका निभाई. सीबीआई को शक है कि इस मामले में अंवता रियल्टी को फायदा पहुंचाया गया और उसे नए लोन भी जारी किए गए और पुराने लोन में भी काफी छूट दी गई. सीबीआई को शक है कि राणा कपूर के इशारे पर यस बैक ने लोन में छूट दी थी और इसके बदले उन्हे रिश्वत के तौर पर बंगला कम रकम में दिया गया.
गिरफ्तार किया
प्रवर्तन निदेशालय ने उसके यहां चल रहे मामलों की जांच में पूछताछ के लिए गौतम थापर को मंगलवार को ईडी मुख्यालय में बुलाया था. ईडी के एक आला अधिकारी के मुताबिक देर शाम तक गौतम थापर ईडी के सवालों के जवाब गोलमोल देते रहे और उन्हें जांच में सहयोग न करता देख ईडी अधिकारियों ने उन्हें मंगलवार की रात गिरफ्तार कर लिया. ईडी के अधिकारियों के मुताबिक गौतम थापर को ईडी की विशेष अदालत में पेश कर रिमांड पर लिया जाएगा और उनसे जानने की कोशिश की जाएगी की रिश्वत का पैसा उनके जरिए कहां-कहां मनी लॉन्ड्रिंग किया गया था या उस पैसे से और कौन-कौन सी जायदादें खरीदी गई थी. मामले की जांच जारी है.
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