विमानन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने बताया- रविवार को 501 घरेलू उड़ानों से 44,593 लोगों ने की यात्रा
लॉकडाउन-4 के अंतिम दिन देश में कुल 501 घरेलू उड़ानों से 44,593 लोगों ने यात्रा की है.इस बात की जानकारी नागर विमानन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने ट्वीट कर दी है.
नई दिल्लीः नागर विमानन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने सोमवार को बताया कि 31 मई को देश भर में कुल 501 घरेलू उड़ानों का संचालन किया गया, जिनमें 44,593 लोगों ने यात्रा की है. कोरोना वायरस संक्रमण को काबू करने के लिए लागू लॉकडाउन की वजह से देश में घरेलू विमान सेवाएं निलंबित कर दी गई थीं और दो महीने तक बंद रहने के बाद इन्हें 25 मई को बहाल किया गया.
भारतीय विमानन कंपनियों ने 31 मई तक 3,370 उड़ानों का संचालन किया. इनमें 25 मई को 428, 26 मई को 445, 27 मई को 460, 28 मई को 494, 29 मई को 513 और 30 मई को 529 उड़ानें संचालित की गईं.
हरदीप सिंह पुरी ने सोमवार को ट्वीट बताया कि 31 मई 2020 (सातवें दिन) को देर रात 11 बजकर 59 मिनट तक 501 विमानों ने प्रस्थान किया, जिनमें 44,593 यात्रियों ने उड़ान भरी. कुल 501 उड़ानों का आगमन हुआ, जिनमें 44,678 लोगों ने यात्रा की.
Domestic operations on 31st May 2020 (Day 7) till 2359 hrs. Departures 501 44,593 passengers handled. Arrivals 502 44,678 passengers handled. Total movements 1003 with 89,271 footfalls at airports. Total number of flyers 44,593@MoCA_GoI @AAI_Official pic.twitter.com/njAbeDJdgv
— Hardeep Singh Puri (@HardeepSPuri) June 1, 2020
प्रस्थान करने वाले विमानों को ही दिन की उड़ान के रूप में गिना जाता है. विमानन उद्योग के सूत्रों ने बताया कि लॉकडाउन से पहले भारतीय हवाईअड्डे रोजाना करीब 3,000 घरेलू उड़ानें संचालित करते थे. नागर विमानन निदेशालय के आंकड़ों के अनुसार फरवरी में भारत में रोजाना करीब चार लाख 12 हजार यात्रियों ने घरेलू उड़ानों से यात्रा की.
पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, तेलंगाना और तमिलनाडु ने राज्य में सीमित उड़ानों की ही मंजूरी दी है क्योंकि वह कोविड-19 के संक्रमण के मामलों में वृद्धि नहीं होने देना चाहते हैं. आंध्र प्रदेश में घरेलू उड़ान सेवा मंगलवार को और पश्चिम बंगाल में बृहस्पतिवार को बहाल हुई.
यह भी पढ़ेंः
नेपाल सरकार ने नए नक्शे पर पेश किया संविधान संशोधन विधेयक
रूस: एक दिन में 9000 से अधिक नए केस सामने आए, मौत के मामलों में आई कमी