पटाखा बैन: त्रिपुरा के राज्यपाल ने कहा- कोई हिंदुओं की चिता जलाने के खिलाफ भी अर्जी ना दे दे
सुप्रीम कोर्ट ने पटाखा बिक्री बैन पर पिछले साल लगाई रोक बहाल रखी है. पुलिस की ओर से दिए गए स्थायी और अस्थायी दोनों ही लाइसेंस रद्द कर दिए हैं.
नई दिल्ली: दिल्ली-एनसीआर और महाराष्ट्र के रिहायशी इलाकों में पटाखों की बिक्री बैन होने के बाद सोशल मीडिया से लेकर बुद्धिजीवी वर्ग में बहस छिड़ी हुई है. इस बहस में अब त्रिपुरा के राज्यपाल तथागत रॉय भी कूद गए हैं.
राज्यपाल तथागत रॉय ने ट्वीट किया, ''कभी दही हांडी, आज पटाखा, कल को हो सकता है प्रदूषण का हवाला देकर मोमबत्ती और अवार्ड वापसी गैंग हिंदुओ की चिता जलाने पर भी याचिका डाल दे.''
इससे पहले चेतन भगत ने उठाए थे सवाल इससे पहले लेखक चेतन भगत भी फैसले पर सवाल उठा चुके हैं. चेतन भगत ने लिखा, ''केवल हिंदू पर्वो पर प्रतिबंध लगाने का साहस क्यों? क्या बकरे की कुर्बानी, मुहर्रम पर बहाए जाने वाले खून पर भी प्रतिबंध लगेगा?’’ उन्होंने आगे कहा, ‘’पटाखों के बिना दिवाली वैसी ही है जैसा क्रिसमस ट्री के बिना क्रिसमस और बकरे की कुर्बानी के बिना बकरीद.’’’
क्या है सुप्रीम कोर्ट का फैसला? दिल्ली में इस बार दीवाली बिना पटाखों के रहने वाली है. सुप्रीम कोर्ट ने पटाखा बिक्री बैन पर पिछले साल लगाई रोक बहाल रखी है. पुलिस की ओर से दिए गए स्थायी और अस्थायी दोनों ही लाइसेंस रद्द कर दिए हैं. इस साल 12 सितंबर को आया आदेश एक नवंबर से लागू होगा.
प्रदूषण के कारण लगी है रोक आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सहित पूरे एनसीआर में पटाखों पर रोक लगा दी है. रोक प्रदूषण के कारण लगी है. सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में कोर्ट से गुहार लगाई गई थी कि कोर्ट 12 सितंबर के अपने उस आदेश को वापस ले जिसमें उसने कुछ शर्तों के साथ दिल्ली और एनसीआर में पटाखों की बिक्री पर लगी रोक हटाई थी.