नई दिल्ली: देश भर में तीन तलाक की चर्चा के बीच देश का बड़ा मुस्लिम संगठन जमात ए इस्लामी हिन्द तीन तलाक़ पर अभियान चला रहा है. इस मुहिम का मकसद ट्रिपल तलाक और उससे जुड़ी गलतफहमियों को दूर करना बताया जा रहा है.


जमात ए इस्लामी महिला विंग की सदस्य घर-घर जाकर इस अभियान के बारे में महिलाओं को बता रही हैं. जमात ने 23 अप्रैल से 7 मई के बीच 15 दिन देशव्यापी जागरुकता अभियान चलाया है. पीसी, सेमिनार, सभाएं, डोर टू डोर के जरिए मुस्लिमों को जागरुक किया जा रहा है. इसी मुहिम के तहत संगठन की महिला सदस्य घर घर जाकर परिवारों को बता रही हैं कि किस तरह एक साथ तीन तलाक को इस्लाम मे गलत बताया गया है और इस्लाम मे तलाक का सही तरीका क्या है.


जमात की महिला सदस्य सादिया बताती हैं कि वे लोग घर-घर जाकर लोगों को समझा रहे हैं कि ट्रिपल तलाक़ किस तरह से गलत है.


जमात की इस मुहिम का मक़सद क्या है इसकी जानकारी के लिए एबीपी न्यूज ने जमात के उपाध्यक्ष सैयद सादतुल्लाह हुसैनी से बात की. हुसैनी कहते हैं कि जमात शादी, तलाक़, विरासत और पारिवारिक रिश्तों के नियम को लोगों को बताने के लिए काम कर रही है. तीन तलाक़ के बहाने से गलतफहमियां फैलाई जा रही हैं उसको दूर करना भी जमात का मक़सद हैय


हुसैनी कहते हैं कि ट्रिपल तलाक़ गुनाह का काम है और हम लोगों को बता रहे हैं कि तलाक़ का कुरानिक नियम क्या है. जमात ने सीधे 10 लाख लोगों से मिलकर जागरुक करने और करोड़ो लोगों तक अप्रत्यक्ष रूप से संदेश पहुचाने का लक्ष्य रखा है.


जमात इस्लामी मुस्लिमों में काम करने वाला देश का सबसे बड़ा संगठन है. जमात की देशभर में चार हज़ार जगहों पर इकाइयां हैं. हाल ही मैं लखनऊ में मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की दो दिन की बैठक में ये फैसला लिया गया था कि मुस्लिमों को तलाक़ जैसे मुद्दे पर जागरुक किया जाएगा. इस मुहिम को उसी से जोड़कर देखा जा रहा है.