लखनऊ: सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक यूपी सरकार की तरफ से सुन्नी वक्फ बोर्ड को दी गई पांच एकड़ जमीन को लेकर बड़ी खबर आई है. सूत्रों के मुताबिक, सुन्नी वक्फ बोर्ड के दो सदस्य सरकार से जमीन लेने के पक्ष में नहीं हैं. बताया जा रहा है कि जमीन लेनी है या नहीं, इसको लेकर सुन्नी वक्फ बोर्ड 24 फरवरी को होने वाली बैठक में फैसला करेगा.
सुन्नी वक्फ बोर्ड की इस बैठक में सरकार की तरफ से पांच एकड़ जमीन लेने के मामले पर मंथन होगा. जानकारी मिली है कि सुन्नी वक्फ बोर्ड कई बिंदुओं पर इस बैठक में विचार विमर्श करेगा.
किन मुद्दों पर होगा मंथन?
- जमीन ली जाय या नहीं, अगर ली जाय तो उसे किस इस्तेमाल में लाया जाए?
- अयोध्या से दूर जमीन लेना सही है या नहीं?
Ram Mandir: केंद्र की मोदी सरकार ने राम मंदिर निर्माण के लिए दान किया नकद ‘एक रुपया’
श्रीराम जन्मभूमि पर सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के तहत अयोध्या में सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड को 5 एकड़ भूमि दिये जाने के प्रस्ताव पर पर कल यूपी कैबिनेट ने मुहर लगा दी. इस सम्बंध में राज्य सरकार ने केंद्र सरकार को तीन स्थानों के विकल्प दिए थे. इसके तहत केंद्र ने बोर्ड को अयोध्या में जिला मुख्यालय से 18 किलोमीटर दूरी पर ग्राम धन्नीपुर, तहसील सोहावल में थाना रौनाही के लगभग 200 मीटर पीछे भूमि का आवंटन किया.
सुन्नी वक्फ बोर्ड को मिली जो जमीन, उसपर पहले से मज़ार
इस भूमि पर पहले से ही मज़ार है, जहां हर साल मेला लगता है. इलाक़े के लोग बता रहे हैं कि मस्जिद के साथ अस्पताल और स्कूल खोलने का फ़ैसला अगर होता है तो वह स्वागत योग्य होगा.
पीएम मोदी ने क्या एलान किया था?
बता दें कि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कल लोकसभा में कई बड़े एलान किए थे. मोदी ने बताया कि राम मंदिर निर्माण के लिए बनने वाले ट्रस्ट का नाम श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र होगा. इतना ही नहीं पीएम मोदी ने एलान किया कि 67.7 एकड़ की अधिग्रहित भूमि भी राम मंदिर निर्माण के ट्रस्ट को दी जाएगी.
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल नौ नवंबर को अपने ऐतिहासिक निर्णय में अयोध्या के विवादित स्थल पर राम मंदिर निर्माण करने और मुस्लिम पक्ष को अयोध्या में ही पांच एकड़ जमीन मस्जिद निर्माण के लिये देने का आदेश दिया था.
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