नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ में अयोध्या मामले पर चल रही सुनवाई का आज सत्ताईसवां दिन है. कल कोर्ट ने सुनवाई पूरी करने के लिए 18 अक्टूबर तक की समय सीमा तय की थी. इसके बाद अब सुनवाई में तेज़ी आने की उम्मीद है. सुप्रीम कोर्ट ने सभी पक्षों के वकीलों से कहा कि वह 18 अक्टूबर तक अपनी जिरह पूरी कर लें. ऐसे में यह माना जा रहा है कि नवंबर के महीने में सुप्रीम कोर्ट मामले पर फैसला दे देगा.


आज 27वें दिन भी सुन्नी वक्फ बोर्ड की तरफ से वरिष्ठ वकील राजीव धवन जिरह जारी रखेंगे. कल कोर्ट ने उनसे पूछा था कि इमारत और बाहर बने राम चबूतरे के बीच 1856 में रेलिंग डाल दिए जाने के बाद भी हिंदू रेलिंग के पास जाकर पूजा क्यों करते थे. क्या उनकी आस्था थी कि भगवान राम का जन्मस्थान इमारत के अंदर है.


26वें दिन की सुनवाई में क्या हुआ?


यह माना जा रहा है कि नवंबर के महीने में सुप्रीम कोर्ट मामले पर फैसला दे देगा. कल सुनाई के दौरान कोर्ट का इशारा साफ तौर पर इस बात की तरफ था कि मामला सुन रही 5 जजों की बेंच के अध्यक्ष चीफ जस्टिस 17 नवंबर को रिटायर होने वाले हैं. ऐसे में तय व्यवस्था के तहत फैसला इससे पहले आना है. आज सभी पक्षों के वकीलों की जिरह में लगने वाले समय की जानकारी मिलने के बाद कोर्ट ने इसे 18 अक्टूबर तक पूरा करने के लिए कह दिया. ऐसे में उसके पास फैसला देने के लिए करीब 1 महीने का वक्त होगा.


जरूरत पड़ी तो हम रोजाना एक घंटा अतिरिक्त सुनवाई को तैयार कोर्ट


वकीलों की तरफ से रखे गए इस शेड्यूल पर जजों ने आपस में चर्चा की. फिर कहा, "हमें लगता है कि 18 अक्टूबर तक बहस और जवाब की प्रक्रिया पूरी हो सकती है. हम चाहते हैं कि सभी मिलकर इस बात को कोशिश करें कि इस सीमा में बहस खत्म हो जाए. ताकि कोर्ट को फैसले के लिए पर्याप्त समय मिल सके. अगर जरूरत पड़ी तो हम रोजाना एक घंटा अतिरिक्त सुनवाई को तैयार हैं. सुनवाई शनिवार को भी की जा सकती है."



मध्यस्थता हो, पर सुनवाई नहीं रुकेगी


कोर्ट ने मामले की मध्यस्थता के लिए बनाई गई कमिटी की तरफ से भेजी गई जानकारी पर भी बात की. कहा, "हमें जानकारी दी गई है कि कुछ पक्षकार मध्यस्थता प्रक्रिया जारी रखना चाहते हैं. अगर कोई पक्ष कोर्ट से बाहर हल निकालने की कोशिश करना चाहता है तो प्रयास कर सकता है. लेकिन मामले की कोर्ट में चल रही सुनवाई काफी आगे बढ़ चुकी है. इसे रोका नहीं जाएगा. अगर मध्यस्थता होती है तो इसे गोपनीय रखा जाए. प्रक्रिया से जो भी हासिल हुआ हो उसकी रिपोर्ट कोर्ट को दी जाए."


धवन ने बताया शेड्यूल


26वें दिन की सुनवाई में कोर्ट की तरफ से सभी पक्षों के वकीलों से पूछे गए सवाल का जवाब सुन्नी वक्फ बोर्ड की तरफ से पेश वरिष्ठ वकील राजीव धवन ने दिया. उन्होंने कहा, "मुस्लिम पक्ष अगले हफ्ते के अंत तक दलीलें रखना चाहता है. हमें रामलला विराजमान पक्ष से जानकारी मिली है कि वह 2 दिन तक हमारी दलीलों का जवाब देंगे. निर्मोही अखाड़े ने जवाब देने के लिए लगने वाले समय के बारे में अभी नहीं बताया है. दोनों का जवाब आने के बाद हम 1 से डेढ़ दिन तक दोबारा उनकी बातों पर जवाब देंगे."


राम मंदिर पर कोर्ट का फैसला मानेंगे- अमित शाह
एबीपी न्यूज़ पर राममंदिर को लेकर अमित शाह ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि मंदिर पर हम सुप्रीम कोर्ट का फैसला मानेंगे. अमित शाह ने कहा, ''सुप्रीम कोर्ट किसी के चाहने से नहीं चलती, अपने तरीके से चलती है और शायद ये निर्णय पहले ही आ जाता लेकिन कपिल सिब्बल और कांग्रेस पार्टी ने कोर्ट में कहा था कि चुनाव से पहले इसपर निर्णय नहीं आना चाहिए. अब चुनाव भी निपट गए है और सर्वोच्च न्यायालय में सुनवाई भी चल रही है, अब राम मंदिर पर निर्णय भी आ ही जायेगा.''


उन्होंने कहा, ''मंदिर हमें नहीं बनाना है, सुप्रीम कोर्ट का फैसला आएगा तब ये तय हो जाएगा. मंदिर बनाने के लिए जिस ट्र्स्ट के पास जगह जाएगी या फिर सुप्रीम कोर्ट का जो भी आदेश होगा उसी हिसाब से कार्रवाई होगी. अदालत में चीजें तभी पहुंचती हैं जब विवाद होता है. अदालत का फैसला कुछ भी हो आखिर में सबको स्वीकार करना पड़ता है.''

दिल्ली: नए मोटर व्‍हीकल एक्ट के खिलाफ कॉमर्शियल वाहन मालिकों की हड़ताल आज, 49 ट्रांसपोर्ट यूनियन होंगे शामिल


विधानसभा चुनाव: दो दिनों में कांग्रेस जारी करेगी महाराष्ट्र की पहली लिस्ट, ये बड़े नेता लड़ेंगे चुनाव


पूर्वी लद्दाख में सेना ने किया अबतक का सबसे बड़ा इंटीग्रेटेड युद्धभ्यास, चीनी सैनिकों से यहीं हुई थी तनातनी