नई दिल्ली: अयोध्या मामले में मुस्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन को एक 88 साल के प्रोफेसर ने श्राप दे दिया है. इससे आहत राजीव धवन ने कोर्ट में प्रोफेसर के खिलाफ अवमानना याचिका दाखिल कर दी है. उनका कहना है कि प्रोफेसर न्याय के काम में बाधा डाल रहे हैं. इतना ही नहीं, राजस्थान के एक शख्स ने धवन साहब को व्हाट्सएप पर मैसेज भेज कर यह कह दिया कि जब आप मरेंगे तो राम नाम सत्य ही कहा जाएगा. धवन इनके खिलाफ भी सुप्रीम कोर्ट से कार्रवाई चाहते हैं.
क्या लिखा है प्रोफेसर ने
चेन्नई के रहने वाले 88 साल के प्रोफेसर एन षणमुगम ने धवन को 14 अगस्त को चिट्ठी लिखी थी. इस चिट्ठी में उन्होंने लिखा है, ''फरवरी 1941 से लेकर अब तक मैं 50 लाख बार गायत्री मंत्र का जाप कर चुका हूं. सितंबर 1958 से लेकर अब तक 27000 बार गीता का दसवां अध्याय पढ़ा है. अपनी इसी जीभ से मैं भगवान के काम में रास्ता रास्ते में अड़चन डालने के लिए आप को श्राप देता हूं कि आपकी जीभ बोलना बंद कर दे. आपके पैर काम करना बंद कर दें. आपकी आंखों की रोशनी चली जाए. आपके कान सुनना बंद कर दें
धवन का कहना है कि इस तरह का श्राप देकर प्रोफेसर ने अदालत के काम में बाधा डालने की कोशिश की है. इसलिए, सुप्रीम कोर्ट उन पर अवमानना की कार्रवाई करे.
एक और शख्स पर कार्रवाई की मांग
राजीव धवन राजस्थान के बांसवाड़ा के रहने वाले संजय कलाल पर भी कार्रवाई चाहते हैं. कलाल ने धवन को व्हाट्सएप पर मैसेज भेजा है. पहले भेजे गए मैसेज में तो होली की शुभकामनाएं हैं, बाद में कलाल ने लिखा है, "राम मंदिर पर सकारात्मक फैसला दिलाने के लिए सहयोग दीजिए वकील साहब. आने वाली पीढ़ी आपको याद रखेगी. हिंदू समाज के साथ रहिए. आखिर आप मरेंगे तो राम नाम सत्य है ही कहा जाएगा.''
सिब्बल ने याचिका बनाने में मदद दी
खास बात यह है कि इस याचिका को तैयार करने में वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने धवन की मदद की है. याचिका में यह भी कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट में अवमानना याचिका दाखिल करने से पहले ज़रूरी एटॉर्नी जनरल की औपचारिक मंजूरी धवन ने नहीं लेना चाहते. इसकी वजह उन्होंने यह बताई है कि एटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल पहले वकील की हैसियत से अयोध्या केस में यूपी सरकार के लिए पेश हो चुके हैं. बता दें कि याचिका अभी सिर्फ दाखिल हुई है. इस पर सुनवाई नहीं हुई है. सोमवार से अयोध्या मामले में मुस्लिम पक्ष बहस शुरू करेगा. सबसे पहले राजीव धवन के ही जिरह करने की उम्मीद है.