नई दिल्ली: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ यानी आरएसएस ने अयोध्या मामले पर फैसले को लेकर अपने सदस्यों को एडवाइजरी जारी की है. आरएसएस ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला राम मंदिर के पक्ष में आने पर उत्सव मनाएं और सभी सार्वजनिक स्थानों और घरों में दीप जलाएं, लेकिन दूसरे धर्म की भावनाओं को ठेर न पहुंचे.


राम मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मद्देनजर सांप्रदायिक सौहार्द बना रहे इसके लिए बड़े स्तर पर कोशिशें की जा रही हैं. संघ परिवार और उससे जुड़े प्रमुख नागरिक सभी धर्मों के प्रमुख संतो और गणमान्य लोगों से लगातार बैठकें कर रहे हैं. संघ परिवार ने कहा है कि उत्सव मनाने के लिए बाजारों में रोशनी की जाए, घरों में दीपक जलाए जाएं, मंदिरों में विशेष पूजा और हवन आदि किया जाए. इसके अलावा जगह-जगह दीप जलाकर रोशनी की जाए.


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संघ परिवार से जुड़े प्रचारकों को यह भी एडवाइजरी दी गई है कि जश्न मनाते वक्त कभी भी सीमाएं ना तोड़ी जाए, जिससे दूसरे धर्मों के लोगों को असहज महसूस हो. मतलब साफ है कि राम मंदिर पर फैसला आने के बाद उत्सव ऐसे मनाया जाए कि अपनी खुशी तो जाहिर हो लेकिन दूसरे धर्मों के लोगों को इससे दुख ना पहुंचे.


आरएसएस से जुड़े सूत्रों का मानना है कि राम मंदिर निर्माण के लिए अबतक करीब 76 से ज्यादा लड़ाइयां लड़ी गई हैं. कोर्ट के द्वारा लड़ी जा रही है लड़ाई 77वीं लड़ाई है. इस 77वीं लड़ाई के बाद फैसला पक्ष में आए या विपक्ष में सभी को इसे बड़े दिल से स्वीकार करना चाहिए.


आरएसएस और संघ परिवार की कोशिश है कि लंबे समय से इंतजार कर रहे हिंदू समाज सहित सभी समाज के लोगों को राम मंदिर पर आने वाले संभावित फैसले को बड़े दिल से स्वीकार करना चाहिए. हिन्दू समाज को दूसरे धर्मों की भावनाओं का भी ख्याल रखना चाहिए. आरएसएस की कोशिश है कि राम मंदिर पर पक्ष में फैसला आए तो हिन्दू समाज उत्सव तो मनाए लेकिन उस उत्सव से भारत के धर्मनिरपेक्ष ताने-बाने को बिल्कुल भी ठेस ना पहुंचे.


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