Ayodhya Mosuqe: अयोध्या में जहां एक तरफ भव्य राम मंदिर बनकर तैयार हो रहा है तो वहीं शहर में एक शानदार मस्जिद को भी बनाने की तैयारी चल रही है. इस मस्जिद को लेकर यहां तक दावा किया है कि ये दुनिया के सात अजूबों में शामिल ताजमहल से भी ज्यादा खूबसूरत होने वाली है. हालांकि, अभी तक मस्जिद का काम शुरू नहीं हुआ है. मगर इस बात की उम्मीद जताई गई है कि मई से मस्जिद को बनाने के काम की शुरुआत हो सकती है. 


अयोध्या में बनने वाली मस्जिद का काम इंडो-इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन (IICF) देख रहा है. ये फाउंडेशन मस्जिद के कंस्ट्रक्शन के लिए फंड इकट्ठा करने में भी जुटा हुआ है. इस बीच मस्जिद के डेवलपमेंट कमिटी के चेयरमैन और बीजेपी नेता हाजी अराफत शेख ने बताया है कि अयोध्या में बन रही मस्जिद का नाम क्या रखा गया है. इसके अलावा ये राम मंदिर से कितनी दूरी पर बनने वाली है और यहां क्या-क्या बनकर तैयार होने वाला है. 


राम मंदिर से कितनी दूर है और कितनी बड़ी है मस्जिद? 


यूपी तक को दिए एक इंटरव्यू में हाजी अराफात शेख ने बताया, 'मस्जिद का नाम 'मस्जिद मुहम्मद बिन अब्दुल्लाह' है. इसे अयोध्या के धनीपुर में बनाया जा रहा है. उन्होंने बताया कि मस्जिद मुहम्मद बिन अब्दुल्लाह अयोध्या से 25 किलोमीटर दूर है.' धनीपुर अयोध्या जिले में मौजूद एक गांव है, जहां सुप्रीम कोर्ट ने 2019 में अपने फैसले के तहत मस्जिद बनाने के लिए जमीन अलॉट किया था.


मस्जिद के साइज की जानकारी देते हुए हाजी अराफात ने बताया, 'सुप्रीम कोर्ट से पांच एकड़ जमीन हमें मिली है. हमने छह एकड़ जमीन की पहल की है, क्योंकि यहां काफी बडे़ प्रोजेक्ट पर काम होना है. यहां पर कैंसर अस्पताल, लॉ कॉलेज, इंजीनियरिंग कॉलेज, डेंटल कॉलेज और आर्किटेक्चर कॉलेज बन रहा है. इसके अलावा यहां पर इंटरनेशनल स्कूल भी बनने वाला है.'


मस्जिद की क्या खासियतें हैं? 


मस्जिद के डेवलपमेंट कमिटी के चेयरमैन ने विशेषताओं की जानकारी देते हुए कहा, 'हमारे लिए फख्र की बात है कि अयोध्या के धनीपुर में मस्जिद मुहम्मद बिन अब्दुल्लाह की बुनियाद रखी जा रही है. हम इस बात को बेहद गर्व के साथ कहते हैं कि इस मस्जिद को ताजमहल से भी खूबसूरत बनाया जा रहा है. ये मस्जिद दुआ और दवा का केंद्र बिंदु होगा.'


उन्होंने कहा, 'ऐसा इसलिए क्योंकि यहां पर मस्जिद में नमाज के जरिए जहां एक तरफ दुआ की जाएगी, वहीं यहां बन रहे कैंसर अस्पताल में मरीजों का इलाज किया जाएगा. कैंसर अस्पताल 500 बेड्स का होगा. इसके बाद लोगों को मुंबई जैसे महानगरों में जाने की जरूरत नहीं होगी. लोग मस्जिद मोहम्मद बिन अब्दुल्लाह अस्पताल में इलाज करवाने आएंगे. हिंदू-मुस्लिम सभी का यहां फ्री में इलाज होगा.'
 
ताजमहल से ज्यादा खूबसूरत होने के सवाल पर क्या बोले हाजी अराफात?


वहीं, जब उनसे सवाल किया गया कि मस्जिद के ताजमहल से भी ज्यादा खूबसूरत होने का दावा किया जा रहा है. इस पर आपका क्या कहना है. इसके जवाब में उन्होंने कहा, 'मस्जिद का जो मोहम्मद नाम है, इससे यहां बरकत आएगी. यहां नूर की बारिश होगी और ये खूबसूरत इमारत काफी अद्भुत होगी. इस इमारत की सबसे खास बात ये है कि यहां इस्लाम की पांच बुनियादी बातों पर पांच मीनारें बनाई जाएंगी. अयोध्या में पहली ऐसी मस्जिद बनेगी, जिसकी पांच मीनारें होंगी.' 


उन्होंने बताया, 'इस्लाम की पांच बुनियाद कलमा, नमाज, रोजा, जकात और हज हैं. ये मस्जिद इस्लाम का झंडा बुलंद करेगी. यहां एक ऐसा फव्वारा लगाया जाएगा, जिसमें अजान होते ही पानी उछलने लगेगा. फजर की नमाज के वक्त सूरज उगने के साथ ही मस्जिद की लाइट बंद होना शुरू हो जाएगी, जबकि मगरिब की नमाज के समय सूरज डूबने के साथ ही लाइट जलने लगेगी. यहां एक वेज किचन बन रहा है, जहां अगर हिंदू व्यक्ति भी जाएगा तो वह पेट भरकर खाना खाएगा.'


मस्जिद में होगी सबसे बड़ी कुरान!


कहा जा रहा है कि इस मस्जिद में सबसे बड़ी कुरान भी रखी जाने वाली है. इसके बारे में बताते हुए हाजी अराफात ने कहा, 'एक अद्भुत कुरान तैयार हो रही है, जिसकी लंबाई 21 फीट है और 18-18 फीट की लंबाई पर वह खुलेगी. इस कुरान को केसरी रंग का बनाया जा रहा है. ये ही एक विशिष्ट बात होगी. कुरान के तैयार होने पर इसे मस्जिद मोहम्मद बिन अब्दुल्लाह में रखा जाएगा.'


कब तक तैयार होगी मस्जिद? 


मस्जिद और बाकी चीजों के तैयार होने को लेकर पूछे गए सवाल पर हाजी अराफात ने बताया, 'आर्किटेक्ट अभी काम कर रहे हैं. सारी परमिशन ली जा रही हैं. हमें उम्मीद है कि फास्ट ट्रैक के ऊपर हमें सभी मंजूरी मिल जाएंगी. हम लोग सरकार से कोई मदद नहीं चाहते हैं. सभी टैक्स भरकर हम काम कर रहे हैं. हम बस सरकार से चाहते हैं कि हमें हमारे प्रोजेक्ट्स के लिए जल्द से जल्द मंजूरी मिल जाए.' उनकी तरफ से कोई फाइनल तारीख नहीं बताई गई है. 


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