अयोध्या में राम मंदिर बनने के बाद सोमवार (24 जून, 2024) को पहली बार बारिश हुई. बारिश की वजह से राम मंदिर की छत से पानी टपकने लगा, आसपास के इलाकों में जलभराव हो गया और मुख्य सड़कों पर बड़े-बड़े गड्ढे हो गए हैं. अब लोग कह रहे हैं कि बारिश ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) की अयोध्या में हार का राज खोल दिया है. 


राम मंदिर के मुख्य पुजारी सत्येंद्र दास ने कहा कि मंदिर की छत से पानी टपक रहा था. उन्होंने कहा, 'पहली बारिश में ही पानी चूने लगा. अंदर पानी भर गया था. इस पर ध्यान देना चाहिए कि जो बना है उसमें कौनसी कमी रह गई है, जिसकी वजह से पानी चू रहा है. जो बना है उस पर भी ध्यान देना चाहिए क्योंकि यह बहुत जरूरी है. पानी निकलने की जगह नहीं है और ऊपर से पानी भी टपकता है. इस समस्या पर चर्चा करके इसका समाधान आज या कल में निश्चित कर लें. वरना जब वर्षा शुरू होगी तो वहां पूजा-अर्चना और दर्शन सब बंद हो जाएगा.'


बारिश से अयोध्या में हुए नुकसान की तस्वीरें भी सामने आई हैं.  इनमें एक प्रमुख सड़क पर हुए गड्ढे की भी तस्वीर है. यह गड्ढा सीवर के चारों ओर हुआ है. इसके अलावा, अयोध्या रेलवे स्टेशन की बाहरी बाउंड्री गिरने की भी तस्वीरें सामने आई हैं. दावा किया गया है कि इसका 20 फीट लंबा हिस्सा गिर गया है. साथ ही सड़कों पर दो और गड्ढे होने का भी दावा किया गया है. इस मुद्दे को लेकर विपक्ष ने बीजेपी को घेरना शुरू कर दिया है. विपक्ष ने इसे खराब विकास बताया और राम मंदिर की छत से पानी गिरने को बड़ी चूक बताया है.


एक अयोध्या निवासी ने बताया कि दो घंटे की बरसात में लोगों के घरों में पानी भर गया है. उन्होंने कहा कि यह इलाका राम मंदिर से सिर्फ 200 मीटर की दूरी पर है. यहां 250-300 घर हैं और सबके घरों में 2-3 फीट तक पानी भर गया है.


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