Ram Mandir Darshan: अयोध्या में पौष पूर्णिमा पर आस्था का सैलाब, मंदिर दर्शन का टाइम बढ़ा, महाराष्ट्र से पहुंची रामलला के लिए 80Kg की तलवार
Ayodhya Mandir Darshan: अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद 25 जनवरी 2024 को पहला महास्नान था और इस दौरान वहां भक्तों ने सरयू में आस्था की डुबकी लगाई.
Ram Mandir Darshan News: यूपी के अयोध्या में पौष पूर्णिमा पर गुरुवार (24 जनवरी, 2024) को श्रुद्धालुओं की आस्था का सैलाब देखने को मिला. प्रभु श्रीराम की नगरी में राम मंदिर के दर्शन के लिए भारी भीड़ के मद्देनजर भव्य मंदिर में दर्शन की टाइमिंग को बढ़ा दिया गया है, जबकि इससे पहले बाल रूप राम भगवान के लिए महाराष्ट्र से बुधवार को 80Kg की खास तलवार भेजी गई है.
रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद 25 जनवरी 2024 को पहला महास्नान था और इस दौरान वहां भक्तों ने सरयू में आस्था की डुबकी लगाई. मंदिर के उद्घाटन के बाद यह वहां की पहली पौष पूर्णिमा है. वैसे तो इस मौके पर यूपी काशी और प्रयागराज व उत्तराखंड के हरिद्वार में गंगा स्नान के लिए भीड़ उमड़ती है पर इस बार अयोध्या में भी पुण्य स्नान के लिए भक्त भारी संख्या में पहुंचे.
क्या है स्नान का शुभ मुहूर्त?
पौष पूर्णिमा के दिन अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12:12 बजे से 12:55 बजे तक है. इस दिन पुनर्वसु नक्षत्र, सर्वार्थ सिद्धि योग, रवि योग और गुरु पुष्य योग जैसे अद्भुत संयोग बन रहे हैं. शुभ योग में किए गए पुण्य और धार्मिक कार्यों का ज्यादा फल मिलता है. इस दिन लोग सुबह स्नान के बाद सूर्य देव को जल से अर्घ्य देकर व्रत और पूजा का संकल्प लेते हैं.
Saryu स्नान के लिए हुआ यह इंतजाम
अफसरों के अनुसार, 2019 से ही सरयू में रिवर पुलिस तैनात है जो स्नान करने आए भक्तों और लोगों की सुरक्षा और सुविधाओं का खास ख्याल रखती है. प्राण प्रतिष्ठा के बाद भारी संख्या में भक्तों के मद्देनजर इस बार खास तैयारी की गई है. पुण्यस्नान के लिए आए भक्तों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए घाट से लेकर नदी तक 10 फुट के दायरे में सुरक्षा घेरा बनाया गया है ताकि इसी के अंदर रहकर लोग स्नान करें और कोई दुर्घटना न हो.
पौष पूर्णिमा पर रामलला के दर्शन का महत्व
हिंदू धर्म में पौष माह की पूर्णिमा का खास महत्व होता है. शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को पौष पूर्णिमा कहा जाता है. इस दिन चंद्रमा पूरे आकार में होता है. पौष पूर्णिमा के दिन दान, स्नान और सूर्य देव को अर्घ्य देने का विशेष महत्व होता है. ज्योतिष शास्त्र में पौष माह को सूर्य देव का माह कहा गया है. इस मास में सूर्य देव की आराधना से मनुष्य को मोक्ष की प्राप्ति होती है. ऐसे में पौष पूर्णिमा के दिन पवित्र नदियों में स्नान और सूर्य देव को अर्घ्य देने की परंपरा है. भगवान राम सूर्यवंशी हैं इसलिए अयोध्या में सरयू स्नान के बाद रामलला के दर्शन और पूजा का भी विशेष महत्व है.
अधिक समय तक रामलला के दर्शन कर सकेंगे श्रद्धालु
उधर, राम मंदिर में दर्शन के लिए भारी भीड़ को देखते हुए दर्शन के समय में बढ़ोतरी की गई है. राम मंदिर दर्शन का समय कुल 3:30 घंटे बढ़ाया गया है. नए नियम के अनुसार, अब दर्शन सुबह 6 बजे से 12 बजे तक और दोपहर 2:00 के बाद से रात 9:00 तक हो सकेगा. 23 और 24 जनवरी को सुबह 7:00 से 11:30 बजे तक और फिर अपराह्न 2:00 बजे से शाम 7:00 बजे तक ही दर्शन की अनुमति थी. प्रसाशन के अनुसार ये तब्दीली स्थाई नहीं है और कभी भी बदली जा सकती है. भीड़ को नियंत्रित करने के लिए दर्शन के समय में बढ़ोतरी की गई है.
महाराष्ट्र से रामलला के लिए आई 80 Kg की तलवार
इस बीच, भगवान रामलला के लिए राम भक्तों की ओर से उपहार का सिलसिला भी जारी है. महाराष्ट्र के एक भक्त ने रामलला के लिए विशेष तलवार भेंट की है जो कि 7 फुट लंबी और 3 इंच चौड़ी है. इस विशालकाय तलवार का वजन 80 किलो है.
श्रद्धालुओं के लिए विशेष ट्रेन
वहीं, अयोध्या में पूरे देश से राम भक्तों का तांता लग रहा है. ऐसे में उनकी सुविधाओं का विशेष तौर पर ख्याल रखते हुए रेलवे की ओर से भी विशेष व्यवस्थाएं की गई हैं. उत्तर रेलवे के लखनऊ मंडल के डीआरएम सचिंद्र मोहन शर्मा ने बताया कि राम भक्तों की सुविधाओं के लिए 20 ट्रेन अतिरिक्त तौर पर चलाई जा रही हैं. ये लखनऊ, प्रयागराज, गोरखपुर और दिल्ली की तरफ चल रही हैं ताकि देश के हर हिस्से से आने वाले भक्तों को लाया ले जाया जा सके. कुछ विशेष रेलगाड़ियां भी चलाई गई हैं और स्टेशनों पर विशेष तौर पर वेटिंग रूम बने हैं ताकि ट्रेन अगर लेट भी हो तो श्रद्धालु आराम कर सकें. कोलकाता, दिल्ली और अन्य शहरों की ओर आने जाने वाली ट्रेनों में भी भारी भीड़ हो रही है जिनके जरिए भी राम भक्त सफर कर रहे हैं.