क्या प्रवीण तोगड़िया को मिला रामलला प्राण प्रतिष्ठा का निमंत्रण? खुद बताया
Ramlala Pran Pratishtha: शंकराचार्यों के रामलला की प्राण प्रतिष्ठा में नहीं आने के सवाल पर भी प्रवीण तोगड़िया ने जवाब दिया. तोगड़िया राम मंदिर आंदोलन के प्रमुख चेहरों में से एक माने जाते हैं.
Ram Mandir Opening: 22 जनवरी को होने वाले रामलला प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए अयोध्या पूरी तरह से तैयार है. इस खास कार्यक्रम के लिए सैकड़ों हस्तियों को निमंत्रण भेजा गया है. इनमें राम मंदिर आंदोलन से जुड़े रहे प्रवीण तोगड़िया भी शामिल हैं. उन्होंने शुक्रवार (19 जनवरी, 2024) को कहा कि उन्हें निमंत्रण मिला है और वह मंदिर जरूर जाएंगे.
अंतरराष्ट्रीय हिंदू परिषद के अध्यक्ष डॉ. प्रवीण तोगड़िया ने कहा, "हमें भी निमंत्रण मिला है. मैं मंदिर जाऊंगा और भगवान राम के दर्शन करके आऊंगा. मैंने अपने लाखों कार्यकर्ताओं से 22 जनवरी को विजय उत्सव मनाने का आह्वान किया है. "
शंकराचार्यों के रामलला की प्राण प्रतिष्ठा में नहीं आने के सवाल पर उन्होंने कहा कि मैं हर शंकराचार्य को प्रणाम करूंगा और उनका आशीर्वाद लूंगा. उनके आने न आने का फैसला उनका अपना है.
'चुनाव के वक्त कर लेना राजनीति'
उन्होंने प्राण प्रतिष्ठा समारोह को लेकर विपक्ष दलों के रुख पर कहा, "मैं सभी दलों से कहूंगा कि राम सबके हैं. जब देश में लोकतंत्र नहीं था और राजनीतिक दल नहीं थे तो उस समय उन्हीं के पूर्वजों ने 450 साल तक मंदिर के लिए संघर्ष किया था. इसलिए इस समय विजय उत्सव मनाना चाहिए, चुनाव के वक्त राजनीति कर लेना."
'मथुरा का संघर्ष राम मंदिर से कम'
ज्ञानवापी और कृष्ण जन्मभूमि को लेकर तौगड़िया ने कहा कि कांशी- मथुरा का संघर्ष राम मंदिर से कम है. उन्हें उम्मीद है कि काशी में भी भव्य मंदिर बनेगा. उन्होंने आशा जताई कि पीएम मोदी, सीएम योगी और अमित शाह के रहते 1992 का पूजा स्थल कानून भी हटाया जाएगा, जो मंदिर के लिए बाधा बनता है. बता दें कि प्रवीण तोगड़िया राम मंदिर आंदोलन के प्रमुख चेहरों में से एक माने जाते हैं.वह वीएचपी के महासचिव भी रह चुके हैं.