KK Muhammed Survey: अयोध्या में खुदाई करके वहां मंदिर होने के सबूत निकालने वाले आर्कियोलॉजिस्ट केके मोहम्मद ने कहा है कि बाबरी मस्जिद की खुदाई के दौरान हिंदू प्रतीकों के कई स्तंभ मिले थे. ऐसे में अनुमान लगाया जा सकता है कि मस्जिद से पहले वहां पर मंदिर मौजूद था. उन्होंने ये भी बताया कि वो साल 1976 से 1977 के बीच पहली बार अयोध्या गए थे. आर्कियोलॉजी में उनकी पहली ट्रेनिंग ही वहां पर हुई थी.


दरअसल केके मोहम्मद ने लल्लनटॉप को एक इंटरव्यू दिया है. इसमें उन्होंने आर्कियोलॉजी को लेकर विस्तार से बात की. इसी दौरान उन्होंने अयोध्या के राम मंदिर में मिले हिंदू पिलर्स पर भी चर्चा की और बताया कि किस तरह से उन्हें मस्जिद में मंदिर होने के सबूत मिले.


कैसे की खुदाई?


इस बातचीत में मोहम्मद ने कहा, “जब टीम खुदाई के लिए अंदर जाती है तो पहले आसपास के इलाके को देखने का काम किया जाता है, उसके बाद तय किया जाता है कि इस एरिया में कुछ हो सकता है या नहीं. अब साल 1976-77 में टेक्नोलॉजी इतनी डेवलप नहीं हो पाई थी. ऐसे में हम लोगों को मस्जिद के अंदर जाना था लेकिन उसका ताला बंद था और वहां पर एक पुलिसकर्मी खड़ा था. उस जमाने में ये इतना बड़ा मुद्दा नहीं था. हमने पुलिसकर्मी से कहा कि हम शोध करने के लिए आए तो उन्होंने कहा कि आप अंदर चले जाइए.”


मस्जिद के अंदर क्या मिला?


उन्होंने आगे कहा, “जब हम लोग अंदर पहुंचे तो देखा कि मस्जिद के जितने भी पिलर्स थे वो सभी मंदिर के पिलर्स थे. अब ये कैसे पता चला कि ये मस्जिद के नहीं मंदिर के पिलर्स हैं. तो वो हम देखकर ही पता लगा लेते हैं कि ये 12वीं शताब्दी का है या ये 15वीं शताब्दी का है. कहने का मतलब ये है कि एक आर्कियोलॉजिस्ट भवन के निर्माण की शैली से पता कर सकता है कि वो किस जमाने का है. इसे हम लोग स्टाइलिस्टिक रेटिंग कहते हैं.” वो आगे बताते हैं, “अंदर जाकर देखा कि मंदिर के पिलर्स को मस्जिद में कॉलम की तरह रीयूज किया गया था. उस दौरान वहां पर 12 पिलर्स मिले थे.”


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