जिस टाइटेनियम से बनती है पनडुब्बी, उसी से बनी मूर्तियों में सजा दिखेगा 'राम दरबार', जानें क्यों हुआ इस्तेमाल?
Ram Mandir: राम दरबार में 2 तरह की प्रतिमाओं को विराजित किया जाएगा. जहां एक संगमरमर की प्रतिमाएं स्थाई तौर पर स्थापित होंगी. वहीं, दूसरी प्रतिमा टाइटेनियम धातु से बने राम दरबार को स्थापित किया जाएगा.
Ram Mandir: अयोध्या में भगवान रामलला का भव्य मंदिर आधा बनकर तैयार हो गया है. इस मंदिर निर्माण के बाद सेकेंड फ्लोर का निर्माण भी तेजी के साथ चल रहा है. इस दौरान राम मंदिर के फर्स्ट फ्लोर पर संगमरमर के राम दरबार के साथ-साथ टाइटेनियम का राम दरबार भी बनाया जाएगा. जहां रक्षा मंत्रालय की संस्था मिधानी ने श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को टाइटेनियम से बना हुआ राम दरबार सौंपा है.
दरअसल, भगवान रामलला के मंदिर में प्रथम तल पर राम दरबार को स्थापित किया जाएगा, जिसमें भगवान राम, लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न के साथ मां जानकी और हनुमान जी भी स्थापित किए जाएंगे. स्थाई प्रतिमा के तौर पर सफेद संगमरमर की प्रतिमाएं भगवान रामलला के प्रथम तल में राम दरबार में बनाई जाएंगी, लेकिन उत्सव प्रतिमा यानी वह प्रतिमा जो खास मौकों पर मंदिर परिसर के बाहर निकलती है. उसमें टाइटेनियम धातु से बनी राम दरबार की प्रतिमाएं शामिल की जाएंगी. जिन्हें आसानी से विशेष अवसरों पर मंदिर परिसर से बाहर निकाला जा सकेगा.
जानें टाइटेनियम से बने राम दरबार की क्या है खासियत?
रक्षा मंत्रालय की संस्था मिधानी ने श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को टाइटेनियम का राम दरबार सौंपा है. जो राम मंदिर के प्रथम तल पर संगमरमर के बने राम दरबार के साथ रखा जाएगा. वहीं, टाइटेनियम धातु से बनी राम दरबार की प्रतिमाएं सबसे मजबूत धातु से बनी होती हैं. इस टाइटेनियम धातु का इस्तेमाल पनडुब्बी बनाने के काम आता है. ये पानी में नदियों में समुद्र में पहाड़ में जहां भी रखिए वैसे के वैसे ही बनी रहती है.
यह धातु सुरक्षा उपकरण में काम आता है. यह धातु कभी खराब नहीं होता है. इस धातु से प्रभु राम का दरबार बन रहा है, जिसमें प्रभु राम, माता जानकी, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न और हनुमान जी की मूर्तियों का निर्माण टाइटेनियम से किया गया है.
जानिए श्रीराम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा क्या बोले?
अयोध्या में स्थित श्रीराम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने बताया कि सप्त मंदिर निर्माण की प्रगति अच्छी है अक्टूबर तक मूर्तियां सप्त मंदिर में पहुंच जाएंगी. उन्होंने कहा कि रक्षा मंत्रालय की संस्था मिधानी राम मंदिर ट्रस्ट को ब्रोंज सप्लाई किया है. इस परकोटा में ब्रोंज के 90 म्यूरल 6x4 फीट के बनाएं जायेंगे.
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