Ramlala Pran Pratistha: रामलला की मूर्ति में विष्णु के दशावतार, जानें क्या कुछ है खास?
Ramlala Pran Pratishtha: अयोध्या के राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा आयोजन की तैयारियां पूरी हो चुकी है. प्रभु श्रीराम के बालस्वरूप की प्रतिमा की ऊंचाई 51 इंच रखी गई है.
Ramlala Pran Pratistha Ceremony: अयोध्या में आगामी 22 जनवरी को रामलला प्राण प्रतिष्ठा समारोह आयोजन की तैयारियां पूरी हो चुकी है. रामलला की भव्य मूर्ति को गर्भगृह में पहुंचा दिया गया है. रामलला की इस मूर्ति में विष्णु के दशावतार बनाए गए हैं. इसमें मत्स्य, कूर्म, वराह, नृसिंह, वामन, परशुराम, राम, कृष्ण, बुद्ध, कल्कि अवतार नजर आएंगे. प्रतिमा के एक ओर हनुमान तो दूसरी ओर गरुड़ नजर आ रहे हैं.
गर्भगृह में पहुंचाई गई 5 साल के रामलला की मूर्ति की ऊंचाई 51 इंच रखी गई है. इसके चारों तरफ आभामंडल है. मूर्ति का वजन करीब 200 किलोग्राम बताया जा रहा है. रामलला की प्रतिमा के सिर पर सूर्य विराजमान है और वहीं आभामंडल के नीचे राम जी के परम भक्त हनुमान जी बनाए गए हैं. इसके अलावा मूर्ति पर सनातन धर्म के प्रतीक चिन्ह जैसे स्वास्तिक, ओम, चक्र और गदा भी उकेरे गए हैं.
कमल के आसन पर विराजित है मूर्ति
रामलला की मूर्ति को कमल के आसन पर विराजित किया गया है. उनके बाएं हाथ में धनुष होगा और दाहिने हाथ से आशीर्वाद देंगे. सिर पर रामलला को सोने का मुकुट पहनाया जाएगा.
पीएम मोदी समेत विशिष्ट अतिथियों को भेजा गया न्योता
रामलला की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से की जाएगी. श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र की ओर से समारोह में प्रधानमंत्री मोदी के अलावा बड़ी संख्या में विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े विशिष्ट लोगों को आमंत्रित किया गया है.
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— ABP News (@ABPNews) January 19, 2024
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रामनवमी के दिन साक्षात सूर्य देव करेंगे रामलला का अभिषेक
गर्भगृह की बात करें तो यही वह जगह जहां बाल रूप में श्रीराम लला की मूर्ति विराजमान है. मंदिर काफी खुला-खुला दिखता है लेकिन गर्भगृह में कोई खिड़की नहीं है. गर्भगृह को अष्टकोण में बनाया गया है. एक तरफ प्रार्थना मंडप और दूसरी तरफ कीर्तन मंडप बनाया गया है. राम मंदिर जब पूरी तरह से बन कर तैयार हो जाएगा कि कीर्तन मंडप में रामधुन होती रहेगी.
राम मंदिर का गर्भगृह उसी जगह पर है जहां महाराज विक्रमादित्य ने इसको बनवाया था. रामनवमी के दिन साक्षात सूर्य देव रामलला का अभिषेक करेंगे. हर रामनवमी पर दोपहर 12 बजे सूर्य की किरण शिखर से आकर भगवान श्रीराम के ललाट पर आकर पड़ेंगी.
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