Ram Mandir Priest Salary: अयोध्या की राम जन्मभूमि पर बने राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी, 2024 को की गई. इसके 7 महीने बाद इसके पुजारियों को बड़ा तोहफा मिला है. राम मंदिर के मुख्य पुजारी, सहायक पुजारी, सेवादारों और कर्मचारियों की सैलरी में 10 प्रतिशत का इजाफा किया गया है. हालांकि राम मदिर निर्माण शुरू होन के बाद इन लोगों को ये तीसरी बड़ी सौगात मिली है.
मुख्य पुजारी के वेतन में 3500 रुपये की बढ़ोतरी की गई है तो सहायक पुजारियों की सैलरी 3 हजार रुपये तक बढ़ाई गई है. पहले मुख्य पुजारी की सैलरी 35 हजार रुपये हुआ करती थी जो अब बढ़कर 38500 रुपये हो गई है जबकि सहायक पुजारी का वेतन 30 हजार से बढ़ाकर 33 हजार रुपये हो गया है.
1992 में 100 रुपये प्रति माह निर्धारित हुआ था वेतन
1992 में विवादित ढांचा विध्वंस के बाद मुख्य पुजारी का वेतन 100 रुपये प्रति माह निर्धारित किया गया था. इसके बाद श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ ट्रस्ट गठित होने से पहले 12 हजार रुपये प्रति माह का वेतन मिलता था लेकिन इस ट्रस्ट के गठन के बाद 2020 में मुख्य पुजारी की सैलरी में बदलाव किया गया. पहले इसे 15 हजार फिर 20 हजार रुपये किया गया. इसी तरह सहायक पुजारियों के वेतन में भी बढ़ोतरी की गई.
पहले क्या थी परिस्थिति?
श्रीराम जन्मभूमि विवाद पर सुप्रीम कोर्ट ने 9 सितंबर 2019 को अपना फैसला सुनाया था. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट की तरफ से नियुक्त किए गए रिसीवर ही श्रीराम जन्मभूमि को लेकर फैसला लिया करते थे. इसीलिए पुजारियों का वेतन हो या फिर मंदिर से जुड़ा कोई और खर्च वो कोर्ट की परमिशन से ही तय होता था. इसके बाद जब फैसला आया तो तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट का गठन हुआ और सभी अधिकार इस ट्रस्ट को दे दिए गए.
कब कितनी थी सैलरी
1992 में मुख्य पुजारी की सैलरी 100 महीने होती थी. ट्रस्ट बनने के बाद मुख्य पुजारियों के साथ-साथ सहायक पुजारियों और सेवादारों की सैलरी में बढ़ोतरी की गई. आखिरी बढ़ी हुई सैलरी 35 हजार थी जिसे 10 प्रतिशत बढ़ाकर 38 हजार 500 रुपये कर दिया गया है.
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