यूपी: अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद अब राम मंदिर बनने का रास्ता साफ हो गया है। वहीं सुप्रीम कोर्ट के आदेश अनुसार केंद्र सरकार को अगले तीन महीने में इसको लेकर ट्रस्ट बनाने को लेकर एक स्कीम तैयार करने को कहा है है जोकि इसके निर्माण और देखरेख का काम देखी. केंद्र सरकार काम अभी शुरू ही हुआ था की रामालय न्यास ने प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को चिट्ठी लिखकर कहा है की अयोध्या में रामजन्म भूमि पर जो मंदिर बनेगा उसका निर्माण करने की इजाजत सिर्फ और सिर्फ रामालय न्यास को दी जाए। इस दावे को लेकर वो कानून का हवाला भी दे रहे है।


रामालय न्यास का दावा है अयोध्या एसीक्यसिशन एक्ट की धारा 6 के मुताबिक निर्माण का अधिकार उसी ट्रस्ट को होगा जो इस एक्ट के बनने के बाद यानी 1993 के बाद बनी है. ऐसे में उनका ट्रस्ट इस एक्ट के बाद बना है और देश के बड़े धर्माचार्यों और शंकराचार्यों द्वारा बनाया गया है. इसी आधार पर रामालय न्यास ने पीएम को चिट्ठी लिखकर राममंदिर निर्माण ट्रस्ट की जिम्मेदारी उन्हें देने की बात कही है.


रामालय न्यास के सचिव स्वामी अविमुक्तेश्वर के मुताबिक तीन ट्रस्ट बने थे एक राम जन्मभूमि न्यास जो कि विश्व हिंदू परिषद ने बनवाया था, एक शंकराचार्य और वैष्णव चार्य ने रामालय न्यास बनाया और एक अयोध्या के महाराज जी ने ट्रस्ट बनाया था. ये तीन ही ट्रस्ट है जो राम जन्मभूमि में राम मंदिर का निर्माण के लिए बने हैं. ऐसी स्थिति में पहला ट्रस्ट राम जन्मभूमि न्यास जो एक्ट से पहले बना है वो खारिज हो जाता है. वहीं अयोध्या वाले महाराज का ट्रस्ट हमें समर्थन करता है इसलिए रामालय न्यास को ही इसे बनाने के लिए दिया जाना चाहिए,


इसी बीच रामालय न्यास ने अपने दावे के साथ राम मंदिर का नया नक्शा तैयार कर लिया है. उनके मुताबिक अयोध्या में करोड़ों भक्त रामलाला के दर्शन के लिए आएंगे इसलिए मंदिर भव्य होना चाहिए और ऐसा होना चाहिए जैसा दुनिया में ना हो. रामालय न्यास के सचिव स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद के मुताबिक विश्व हिन्दू परिषद का मंदिर प्लान अच्छा है लेकिन वो बहुत छोटा है. वहीं वो उस वक़्त के हिसाब से तैयार किया गया था जब ये नहीं पता था की कितनी ज़मीन पर इसका निर्माण होगा. इसलिए उनके ट्रस्ट ने नया मंदिर का नक्शा तैयार कर लिया है.


 न्यास द्वारा तैयार किए नक्शे में


-मंदिर 68 एकड़ में बनाया जाएगा.


- मंदिर का शिखर स्वर्ण का होगा.


- वहीं इस मंदिर का शिखर 1008 फुट का है.


- परिसर में एक साथ 1लाख 8 हजार लोग मंदिर में भगवान का दर्शन और पूजा कर सकेंगे वहीं इनके भोजन प्रसाद की भी व्यवस्था होगी.


- 1लाख 8 हजार लोगों के बैठने का ऑडिटोरियम होगा जहां भगवान का राम के चरित्र का मंचन होगा.


- वहीं अत्याधुनिक पार्किंग और जाने आने की व्यवस्था होगी.


- ये मंदिर कंबोडिया में बने विष्णु मंदिर से प्रभावित है और उतना ही विशाल होगा.


फिलहाल रामालय न्यास ने अपनी दावेदारी चिट्ठी लिखकर जता दी है. वहीं उस उम्मीद है की सरकार अपनी मनमानी नहीं करेगी क्योंकि सरकार को सिर्फ स्कीम बनानी है और सुप्रीम कोर्ट के निर्देश अनुसार ट्रस्ट को देना है. अगर उनकी इस मांग को नहीं माना जाएगा तो रामालय न्यास ने साफ कर दिया है की वो इसको लेकर फिर कोर्ट में जाएगी.