राम मंदिर ट्रस्ट की पहली बैठक आज, अप्रैल महीने से शुरू हो सकता है निर्माण कार्य
ट्रस्ट के सदस्यों का मानना है कि अगर पारदर्शी तरीके से काम होता है तो किसी भी विवाद से बचा जा सकता है. बैठक के दौरान रामलला को स्थापित करने को लेकर भी चर्चा हो सकती है.
नई दिल्लीः राम मंदिर निर्माण को लेकर बने श्री राम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की पहली बैठक दिल्ली में बुधवार को होने जा रही है। केंद्र सरकार द्वारा गठित राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास की पहली बैठक बुधवार को राष्ट्रीय राजधानी में होगी जिसमें मंदिर निर्माण के मुहूर्त सहित कई विषयों पर विचार किया जा सकता है। उस सुझाव के बारे में चर्चा की जा सकती है कि क्या आम जनता से सहयोग राशि ली जानी चाहिए या नहीं.
उत्तर प्रदेश के अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए गठित ट्रस्ट की आज बैठक होगी. ट्रस्ट की यह बैठक दिल्ली में होगी. कयास लगाए जा रहे हैं कि महंत नृत्य गोपाल दास और चंपत राय दोनों नए ट्रस्ट में मनोनीत किए जा सकते हैं. बैठक में हिस्सा लेने के लिए सभी सदस्य दिल्ली पहुंच चुके हैं. ट्रस्ट की पहली बैठक आज रामलला के वकील रहे केशवन अय्यंगार परासरण के घर ग्रेटर कैलाश में होगा.
शिलान्यास के मुहूर्त को लेकर चर्चा
ट्रस्ट की ओर से आयोजित इस बैठक में शिलान्यास के मुहूर्त से लेकर निर्माण खत्म होने के लिए समयसीमा निर्धारित करने के मुद्दों पर भी चर्चा की जा सकती है. बैठक में पारदर्शी तरीके से सभी काम हो इसके लिए खास तौर पर ध्यान दिया जा सकता है.
ट्रस्ट के सदस्यों का मानना है कि अगर पारदर्शी तरीके से काम होता है तो किसी भी विवाद से बचा जा सकता है. बैठक के दौरान रामलला को स्थापित करने को लेकर भी चर्चा हो सकती है. सदस्यों ने मंदिर निर्माण के लिए अपनी ओर से सुझाव के लिए सूची तैयार कर रखी है.
मंदिर आंदोलन से जुड़े रहे हैं महंत नृत्यगोपाल दास
सदस्यों की कोशिश है कि महंत नृत्यगोपाल दास को ट्रस्ट में शामिल किया जाए. महंत नृत्यगोपाल दास शुरू से ही मंदिर आंदोलन से जुड़े रहे हैं. उन्हीं के मठ से मंदिर आंदोलन का संचालन होता था. ऐसे में उम्मीद लगाई जा रही है कि महंत नृत्यगोपाल दास और वीएचपी के चंपत राय को ट्रस्ट में शामिल किए जाने पर विचार विमर्श हो सकता है.
इससे पहले ट्रस्ट में महंत नृत्यगोपाल दास का नाम नही होने पर अयोध्या के संतों ने नाराजगी जताई थी. संतों ने आंदोलन शुरू करने की चेतावनी भी थी. संतों के रुख को देखते हुए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने महंत नृत्यगोपाल दास से बातचीत करने का आश्वासन दिया था.
महंत नृत्यगोपाल दास को शामिल करने को लेकर तर्क
अमित शाह ने कहा था कि उन्हें ट्रस्ट में शामिल किया जाएगा. सरकार ने इस विषय पर पक्ष रखते हुए कहा था कि चूंकि उन पर ढांचा विध्वंस के मामले में केस चल रहा है, ऐसे में इसको लेकर मंदिर विरोधी तत्व कोर्ट जा कर ट्रस्ट के गठन में अड़चन पैदा कर सकते हैं. अब तर्क दिया जा रहा है कि ट्रस्ट अब स्वतंत्र संस्था है, इसलिए इसका बोर्ड उन्हें ट्रस्ट शामिल करने का फैसला ले सकता है.
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