अयोध्या: उत्तर प्रदेश में अयोध्या के कारसेवकपुरम से भगवान श्री राम की बारात निकल रही है. राम की ये बारात नेपाल के जनकपुर तक जाएगी और एक दिसंबर को राम का प्रतीकात्मक विवाह होगा. सुप्रीम कोर्ट से राममंदिर के पक्ष में आए फैसले के बाद ये बारात और धूमधाम से निकाली जा रही है. विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) हर साल साल इसका आयोजन करती है और दो सुसज्जित रथों पर युवा राम, भरत, लक्ष्मण के रूप में सजकर निकलते हैं.
28 नवंबर को सीता की नगरी जनकपुर पहुंचेगी बारात
इस यात्रा में भगवान राम लक्ष्मण के प्रतीक एक रथ पर बैठाए गए हैं और गाड़ियों में बाराती बैठे हुए हैं. करीब 200 लोगों की इस बारात में दो दर्जन कारों और बसों में साधु संत भी शामिल हैं. राम की ये बारात 28 नवंबर को सीता की नगरी जनकपुर पहुंचेगी. प्राचीन परंपरा के मुताबिक, इस बारात में किसी महिलाओं के शामिल होने की अनुमति नहीं होती है. बारात गाजीपुर, छपरा, पटना और सीतामढ़ी होते हुए जनकपुर पहुंचेगी.
मोदी-योगी भी विवाह समारोह में आमंत्रित
विविप प्रवक्ता शरद शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को एक दिसंबर को जनकपुर में होने वाले विवाह समारोह में आमंत्रित किया गया है. नेपाल के राजशाही परिवार को भी इस समारोह के लिए आमंत्रित किया जाता है. इस समारोह का आयोजन विहिप की संस्था धर्मयात्रा महासंघ की तरफ से किया जाता है.
4 दिसंबर को वापस अयोध्या पहुंचेगी बारात
महासंघ धार्मिक यात्राओं का कामकाज देखता है. उत्तर भारतीयों की कुछ दशक पहले तक की परंपरा के मुताबिक बारात जनकपुर में तीन दिन रुकेगी. 2 दिसंबर को राम कलेवा और 3 दिसंबर को विवाह के बाद विदाई का आयोजन होगा. 4 दिसंबर को यह बारात वापस अयोध्या पहुंचेगी.
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