Ayodhya Ram Mandir: अयोध्या में भगवान राम के भव्य मंदिर का कार्य जोरों-शोरों से चल रहा है. इस बीच राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने कहा, "पीएम मोदी परियोजनाओं की जिम्मेदारी उन लोगों को सौंपते हैं, जो काम कर सकते हों. इस वजह से इस मंदिर का काम ट्रस्ट को सौंपा गया था. सुप्रीम कोर्ट के तहत ट्रस्ट का गठन किया गया और इस ट्र्स्ट में कोई सरकारी पैसा नहीं है." नृपेंद्र मिश्रा ने आगे कहा कि इन 71 एकड़ के क्षेत्र में यूपी सरकार या केंद्र सरकार के खजाने से एक पाई भी खर्च नहीं की जाएगी. 


रामलला के प्राण प्रतिष्ठा की तारीख


राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष के अनुसार जनवरी में पीएम मोदी कब अयोध्या आएंगे, इसे लेकर अभी कोई निश्चित तारीख नहीं है. उन्होंने कहा, भगवान की प्राण प्रतिष्ठा लगभग 14-15 जनवरी से साधु-संतों की ओर से शुरू की जाएगी. यह कार्यक्रम लगभग 10 दिन तक हो सकता है. जिस दिन पीएम मोदी आएंगे उनकी उपस्थिति में प्राण प्रतिष्ठा का समापन किया जाएगा.


राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष ने एएनआई से कहा कि मंदिर निर्माण में भागीदारी उन लाखों लोगों की ओर से है, जिन्होंने इस मंदिर के लिए दान दिया. नृपेंद्र मिश्रा के अनुसार पीएम मोदी मंदिर के काम को जानने में रुचि रखते हैं. पीएम सिर्फ यह जानने की कोशिश करते हैं कि क्या मंदिर निर्माण में किसी तरह की कोई समस्या तो नहीं हो रही है.


दो भाग में पूरा होगा मंदिर का काम


राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने कहा, "मंदिर बनने का लोगों का सपना पूरा हो गया. मंदिर निर्माण का काम दो भागों में पूरा होगा. जिससे तहत पहला भाग 1 दिसंबर 2023 तक पूरा हो जाएगा. पहला भाग मंदिर का भूतल होगा जो लगभघ 2.6 एकड़ भूमि का है. भूतल पर पांच मंडप हैं, जो गर्भगृह से शुरू होते हैं, वहां देवता स्थापित किए जाएंगे. वहां लगभग 160 पिलर हैं और सभी के अलग-अलग प्रतीकात्मक काम हैं."


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