Ayodhya Ram Temple: जानिए PM Modi ने 32 साल पहले रामलला के सामने कौन सा संकल्प लिया था? कैमरामैन ने किया खुलासा
Ayodhya Ram Temple: 32 साल पहले 1992 में नरेंद्र मोदी ने यह संकल्प लिया था कि वह अयोध्या तभी जाएंगे जब राम मंदिर का निर्माण होगा और अब उनका संकल्प पूरा होने जा रहा है. पढ़िए स्पेशल स्टोरी.
![Ayodhya Ram Temple: जानिए PM Modi ने 32 साल पहले रामलला के सामने कौन सा संकल्प लिया था? कैमरामैन ने किया खुलासा Ayodhya Ram Temple Inauguration PM Narendra Modi 32 years old determination is going to be fulfilled know this story Ayodhya Ram Temple: जानिए PM Modi ने 32 साल पहले रामलला के सामने कौन सा संकल्प लिया था? कैमरामैन ने किया खुलासा](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2023/12/18/02633763475fb9485eca2630cd49e04c1702871773621860_original.jpeg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
Ayodhya Ram Temple Determination of Narendra Modi: अयोध्या में रामलला का भव्य मंदिर बनकर तैयार हो गया है. केंद्र की सत्ता में नरेंद्र मोदी के शासन में बने इस भव्य मंदिर के साथ ही उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के तौर पर योगी आदित्यनाथ और देश के प्रधानमंत्री के तौर पर PM मोदी का नाम इतिहास में अजर अमर हो जाएगा. इस भव्य राम मंदिर के निर्माण के साथ नरेंद्र मोदी का नाम आज ही नहीं बल्कि 32 सालों से जुड़ा हुआ है.
यह बात बहुत कम लोगों को पता होगी कि लंबे समय तक गुजरात के मुख्यमंत्री और उसके बाद देश के प्रधानमंत्री बनने के बावजूद 5 अगस्त 2020 को राम मंदिर की आधारशिला रखने से पहले तक नरेंद्र मोदी अयोध्या क्यों नहीं आए. इसके पीछे उनका एक 32 साल पुराना संकल्प है जो उन्होंने रामलला के दर्शन के दौरान वर्ष 1992 में लिया था. उस समय उनकी तस्वीर लेने वाले फोटोग्राफर महेंद्र त्रिपाठी ने Abp न्यूज़ से खास बातचीत में इस बारे में खुलासा किया है. चलिए हम आपको बताते हैं वह कौन सा संकल्प है जिसने 32 सालों तक नरेंद्र मोदी को रामलाल से दूर रखा. वहीं संकल्प भगीरथ प्रयास की तरह सफल होने जा रहा है.
1992 में मुरली मनोहर जोशी के साथ अयोध्या गए थे मोदी
पीएम मोदी के इस संकल्प का खुलासा राममंदिर केस से जुड़े एक अहम गवाह महेन्द्र त्रिपाठी ने किया है. त्रिपाठी विवादित ढांचा तोड़े जाने के दौरान रामजन्म भूमि के पास फोटो स्टूडियो चलाते थे और प्रेस फोटोग्राफर भी थे. राममंदिर आंदोलन और बाबरी ढांचा गिराए जाने से लेकर कई ऐतिहासिक घटनाक्रमों को त्रिपाठी ने अपने कैमरे में कैद किया था. उनके फोटो अदालतों में चले प्रकरणों में बतौर सबूत शामिल किए गए और उन्हें सीबीआई जांच से जुड़े 2 केसों में गवाह भी बनाया गया था.
त्रिपाठी कहते हैं कि नरेन्द्र मोदी रामलला के प्रकट उत्सव पर 14 जनवरी 1992 को बीजेपी के तत्कालीन अध्यक्ष मुरली मनोहर जोशी के साथ अयोध्या आए थे. जब वो गुजरात के मुख्यमंत्री भी नहीं बने थे. त्रिपाठी के मुताबिक तब उन्होंने नरेंद्र मोदी की फोटो खींची थी और उनसे पूछा था कि वो अयोध्या दोबारा कब आएंगे. महेन्द्र त्रिपाठी के मुताबिक तब मोदी ने बड़े विश्वास से कहा था कि वो जन्मभूमि में राममंदिर बनने पर ही दोबारा अयोध्या आएंगे.
गुजरात के मुख्यमंत्री बने, फिर प्रधानमंत्री ...
इसके बाद में मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री और फिर देश के प्रधानमंत्री बने लेकिन अयोध्या नहीं गए. आखिरकार 2020 में जब मंदिर की आधारशिला रखी गई तो अपने संकल्प के मुताबिक उन्होंने आधारशिला रखकर इसे पूरा किया था. अब उनके ही हाथों से राममंदिर का उद्घाटन होने जा रहा है.
'आपके साथ यह हैंडसम जवान कौन हैं?'
त्रिपाठी कहते हैं, " 14 जनवरी 1992 को रामलाल जी का प्रकट उत्सव था. तत्कालीन बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ मुरली मनोहर जोशी के साथ नरेंद्र मोदी जी भी आए थे. उस समय उनका बड़ा नाम नहीं था. इस वजह से मैंने ही डॉक्टर मुरली मनोहर जोशी से पूछा था कि आपके साथ जो हैंडसम जवान खड़े हैं (दाढ़ी बिल्कुल सेटअप थी और बिल्कुल नौजवान थे) वो कैन हैं? तो उन्होंने कहा नरेंद्र मोदी जी हैं. गुजरात के नेता है. मैंने उन लोगों की तस्वीर खींची. जब वे लोग दर्शन करने गए तो मोदी राम लाल की तरफ अनोखे तरीके से देख रहे थे और काफी देर बाद जब निकले थे तब मैंने उनसे पूछा कि आपने रामलला से क्या मांगा और कब दोबारा आएंगे? कुछ देर तक सोचने के बाद उन्होंने कहा कि आने की बात जो आप कह रहे हो कि तो मैं अब तभी आऊंगा जब राम मंदिर का निर्माण होगा."
क्यों मोदी अयोध्या नहीं आ रहे थे?
त्रिपाठी आगे कहते हैं, " मैंने सोचा अभी तो मुकदमे चल रहे हैं. अभी कोई इस तरह का फैसला नहीं है. वे ऐसा कैसे कह रहे हैं लेकिन उनकी बात मेरे दिमाग में बैठ गई. धीरे-धीरे पता चला कि वे गुजरात के मुख्यमंत्री बन गए और चार बार मुख्यमंत्री बने तो लोगों ने मुझसे कहा कि जिसकी आपने तस्वीर खींची वह गुजरात का मुख्यमंत्री गए हैं जाइए उनसे कभी मिलिए. मैंने सोचा कि कभी मुलाकात करूंगा फोटो दिखाऊंगा कि मैंने ही तस्वीर आपकी खींची थी लेकिन उसके बाद फिर वह देश के प्रधानमंत्री बन गए. तब फिर लोगों ने मुझसे कहा कि आपने जिस व्यक्ति की तस्वीर खींची वह देश के प्रधानमंत्री हैं. अब जाइए, मिलिए और फोटो उनको प्रेजेंट कीजिए, बहुत खुश होंगे."
उन्होंने आगे कहा, "उसके बाद फिर यह चर्चा होने लगी देश भर में तमाम विपक्ष के द्वारा की राम लाल का दर्शन करने क्यों नहीं आ रहे हैं और इतने वर्ष हो गए और आए नहीं. तब हमने ये सारी फोटो वायरल की और तमाम चैनल पर चली थी. यह खुलासा हमने ही किया था कि वह इसलिए नहीं आते थे कि मंदिर में उनका लिया हुआ संकल्प था कि जब राम मंदिर निर्माण होगा तब आऊंगा."
त्रिपाठी ने कहा कि नरेंद्र मोदी ने अपने संकल्प को कहीं न कहीं प्रधानमंत्री के रूप में पूरा भी किया और 5 अगस्त 2020 को वह आए और राम मंदिर की आधारशिला रखी. अब भव्य राम मंदिर बनकर तैयार है तो अब वह फिर 22 जनवरी को आ रहे हैं इसका उद्घाटन करने.
ये भी पढ़ें:
![IOI](https://cdn.abplive.com/images/IOA-countdown.png)
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)
![शिवाजी सरकार](https://feeds.abplive.com/onecms/images/author/5635d32963c9cc7c53a3f715fa284487.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=70)