Ayodhya Ram Mandir Prasaad Controversy: अयोध्या के राम जन्मभूमि परिसर में स्थापित राम लला के मंदिर में व्यवस्था को लेकर एक नया विवाद खड़ा हो गया है. इसकी वजह से मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास और श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट आमने-सामने आ गए हैं.
दरअसल, श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की ओर से गर्भगृह में पुजारियों को राम मंदिर में पूजा के लिए आने वाले भक्तों के बीच प्रसाद बांटने पर रोक लगा दी गई है. कुछ दिन पहले, मंदिर ट्रस्ट ने गर्भगृह से प्रसाद के वितरण पर प्रतिबंध लगा दिया था. बता दें कि यह प्रथा 25 जनवरी 1986 से चली आ रही थी. सत्येंद्र दास ने इस फैसले का विरोध जताया है.
पुजारियों की जगह ट्रस्ट के लोग बांट रहे प्रसाद
रिपोर्ट के मुताबिक, ट्रस्ट ने प्रसाद बांटने की नई व्यवस्था शुरू की और मंदिर ट्रस्ट के पदाधिकारियों को राम मंदिर से कुछ दूरी पर भक्तों को प्रसाद बांटने का काम सौंपा गया है. श्री राम जन्मभूमि मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने इस नई व्यवस्था से नाराज होकर सवाल किया कि क्या मंदिर में पुजारियों के बजाय ट्रस्ट के कार्यकर्ताओं द्वारा भक्तों को प्रसाद देना सही है. दास ने कहा, 'मैं यह समझने में असमर्थ हूं कि ट्रस्ट में कितने लोग हैं और आदेश जारी करने के लिए कौन जिम्मेदार है. जो कोई भी कहीं से आता है, वह ट्रस्टी बन जाता है.'
ट्रस्ट का कहना, व्यवस्था ठीक करने के लिए यह इंतजाम
वहीं, राम जन्मभूमि परिसर में राम मंदिर ट्रस्ट के कार्यालय प्रभारी प्रकाश गुप्ता ने कहा, ‘हमने व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए यह प्रबंध किया है क्योंकि जब मंदिर से प्रसाद वितरित किया जाता था, तो भक्तों की सुगम आवाजाही में बाधा उत्पन्न होती थी, इसलिए भक्तों के सुचारू आवागमन के लिए हमने मंदिर से कुछ दूरी पर एक ‘स्टॉल’ की व्यवस्था की है जहां से हम प्रसाद वितरित कर रहे हैं.’ उन्होंने कहा कि यह व्यवस्था प्रसाद को लेकर भीड़ से बचने और श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुविधा के मद्देनजर शुरू की गई है.
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