नई दिल्लीः अयोध्या भूमि विवाद पर सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है. फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कई महत्वपूर्ण बातें कहीं. चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता में पांच जजों की संवैधानिक बेंच ने फैसला सुनाया. पूरा फैसला 1045 पन्नों का है, इसमें 929 पन्नें एक मत से हैं जबकि 116 पन्नों को लेकर एक जस्टिस ने अलग राय जताई है. इस मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में 40 दिन चली. 6 अगस्त 2019 से इसपर सुनवाई शुरू हुई. 16 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई पूरी कर ली.


सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद कई राजनैतिक नेताओं ने अपनी-अपनी प्रतिक्रियां दी हैं. कुछ लोगों ने कोर्ट के फैसले पर खुशी जताई है तो कुछ लोगों ने अलग तरीके से अपनी राय रखी है. वहीं कई मुस्लिम नेताओं ने भी अपनी-अपनी प्रतिक्रिया दी है.


सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष अरशद मदनी ने दिया ये बड़ा बयान


जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना सैयद अरशद मदनी ने कहा कि इस फैसले को हार-जीत की दृष्टी से न देखें. देश के मुसलमानों और देशवासियों से अपील करते हुए उन्होंने कहा कि कि वे देश में अमन और भाईचारे के वातावरण को बनाए रखें. उन्होंने कहा कि ये फैसला हमारी उम्मीद के मुताबिक नहीं है लेकिन सुप्रीम कोर्ट सर्वोच्च संस्था है.


अरशद मदनी ने कहा कि देश के संविधान ने हमें जो शक्तियां दी हैं उसपर निर्भर करते हुए जमीयत उलेमा-ए-हिन्द ने आखिरी हद तक न्याय के लिए लड़ाई लड़ी. देश के सुप्रसिद्ध वकीलों की सेवाएं ली. अपने पक्ष में तमाम सबूत इकठ्ठा किये. कोर्ट के समक्ष रखे. यानी अपने दावे को मजबूती देने के लिए हम जो कर सकते थे वो किया. हम इसी बुनियाद पर आशावास थे कि निर्णय हमारे पक्ष में आएगा.


अयोध्या मामले को अब आगे बढ़ाना ठीक नहीं, पुनर्विचार याचिका दायर नहीं की जाए- बुखारी


दिल्ली स्थित जामा मस्जिद के शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी ने शनिवार को कहा कि अयोध्या मामले को अब आगे नहीं बढ़ाना चाहिए और सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दायर करने की जरूरत नहीं है. उन्होंने यह उम्मीद भी जताई कि अब देश में सांप्रदायिक तनाव के लिए जगह नहीं होगी और आगे से ऐसे मुद्दों को हवा नहीं दी जाएगी.


बुखारी ने संवाददाताओं से कहा, "मैंने पहले भी कहा था कि देश कानून और संविधान के अमल पर चलता है. 134 साल से चल रहे विवाद का अंत हुआ. पांच सदस्यीय पीठ ने निर्णय लिया. गंगा जमुनी संस्कृति और सद्भाव को देखते हुए कि यह प्रयास करना होगा कि आगे देश को इस तरह के विवाद से नहीं गुजरना पड़े."


अयोध्या फैसला: UP सुन्नी वक्फ बोर्ड के चेयरमैन ने कहा- हम फैसले के खिलाफ रिव्यू याचिका दाखिल नहीं करेंगे


अयोध्या के विवादित जमीन पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद सुन्नी वक्फ बोर्ड ने कुछ नाराजगी जताई. हालांकि, उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के चेयरमैन जफर फारूकी ने कहा, ''हम सुप्रीम कोर्ट के फैसले को स्वीकार करते हैं और स्वागत करते हैं. मैं यह साफ कर देना चाहता हैं कि यूपी सुन्नी वक्फ बोर्ड सुप्रीम कोर्ट में रिव्यू पिटीशन दाखिल नहीं करेगा.''


उन्होंने कहा, ''पांच एकड़ की ज़मीन हमने मांगी नहीं थी और जो ज़मीन मिली है उसपर हम चर्चा करेंगे कि लेना है या नहीं.'' फारूकी ने असदुद्दीन ओवैसी के बयान पर कहा न तो तो कोर्ट का हिस्सा हैं और न ही सुन्नी वक़्फ़ बोर्ड से जुड़े हुए हैं इसलिए वो क्या कहते हैं इसपर बात करना ठीक नहीं है.


Ayodhya Verdict: सुप्रीम कोर्ट के फैसले से नाखुश ओवैसी बोले- नहीं चाहिए पांच एकड़ जमीन की खैरात


अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद ऑल इंडिया मजलिस इत्तिहादुल मुस्लमिन (एआईएमआईएम) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा है कि वो इस फैसले से खुश नहीं हैं. ओवैसी ने कहा है कि ऐसा नहीं है कि सुप्रीम कोर्ट से गलती नहीं हो सकती है. उन्होंने कहा कि हमें पांच एकड़ जमीन के खैरात की जरूरत नहीं है.


एआईएमआईएम के चीफ ने कहा है कि ''मैं मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड से सहमत हूं. हम हक के लिए लड़ रहे थे. हमें पांच एकड़ जमीन नहीं चाहिए. हमें किसी की भीख की जरूरत नहीं है. हमें खैरात नहीं चाहिए. पर्सनल लॉ बोर्ड को जमीन लेने से इनकार कर देना चाहिए.''


असदुद्दीन ओवैसी पर मुख्तार अब्बास नकवी का पलटवार, कहा- कुछ लोग तालिबानी मानसिकता से ग्रस्त हैं


रक्षा मंत्री Rajnath Singh की अयोध्या फैसले पर आई प्रतिक्रिया | Ayodhya Case Verdict