जानें, आखिर किस अधिकार के तहत सुप्रीम कोर्ट ने मुस्लिमों को 5 एकड़ जमीन देने का दिया आदेश
लोगों के मन में सवाल उठता है कि आखिर किस अधिकार के तहत सुप्रीम कोर्ट ने मस्जिद के लिए अलग से जमीन देने का आदेश जारी किया.

नई दिल्लीः अयोध्या में विवादित जमीन को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने विवादित जमीन को रामलला विराजमान को सौंप दिया है. इसके अलावा सरकार को आदेश दिया है कि मस्जिद निर्माण के लिए अयोध्या में 5 एकड़ जमीन सरकार आवंटित करे. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद नेताओं ने अलग-अलग प्रतिक्रिया जताई. चीफ जस्टिस की अगुवाई में पांच जजों की संवैधानिक बेंच ने इस मामले पर अपना फैसला सुनाया.
ऐसे में लोगों के मन में सवाल उठता है कि आखिर किस अधिकार के तहत सुप्रीम कोर्ट ने मस्जिद के लिए अलग से जमीन देने का आदेश जारी किया. सुप्रीम कोर्ट ने संविधान के आर्टिकल 142 के तहत मिली शक्तियों का प्रयोग करते हुए फैसला सुनाया. आर्टिकल 142 के तहत सुप्रीम कोर्ट को किसी भी मामले में जस्टिस करने और फैसला लेने के लिए स्वतंत्र है.
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सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद मुस्लिम पक्षकार इकबाल अंसारी ने खुशी जताई है. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ अपील नहीं करना चाहता हूं. इसके अलावा कई पक्षों ने दोबारा अपील न करने की बात कही है.
दिल्ली स्थित जामा मस्जिद के शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी ने शनिवार को कहा कि अयोध्या मामले को अब आगे नहीं बढ़ाना चाहिए. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दायर करने की जरूरत नहीं है.
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