नई दिल्ली: अयोध्या जमीन विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले हलचल तेज हो गई है. आज सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने उत्तर प्रदेश के डीजीपी ओपी सिंह और मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी के साथ बैठक की है. इस बैठक में चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने अयोध्या जमीन विवाद पर फैसले से पहले सुरक्षा और सरकारी महकमों की तैयारियों के बारे में जानकारी ली. बैठक खत्म होने के बाद अब शाम 4.30 बजे आलाधिकारी प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे. ये प्रेस कॉन्फ्रेंस कमिश्नर ऑफिस में होगी.
बैठक में किन-किन मुद्दों पर बात हुई?
बताया जा रहा है कि ये बैठक करीब एक घंटा चली. बैठक में जजों ने अधिकारियों से सुझाव भी मांगे है और जानना चाहा कि उन्हें सुप्रीम कोर्ट से किस तरह के सहयोग की उम्मीद है. बैठक में डीजीपी ने अयोध्या और राज्य के दूसरे हिस्से में तैनात पुलिस और राज्य अर्धसैनिक बलों की संख्या के बारे में जजों को बताया. साथ ही केंद्रीय बलों के यूपी पहुंचने और उनके इस्तेमाल पर भी चर्चा हुई है.
फैसले के बाद कहीं भी अप्रिय स्थिति न बने- अधिकारियों से चीफ जस्टिस
डीजीपी और मुख्य सचिव की ओर से धार्मिक नेताओं और मोहल्ला कमिटियों के साथ प्रशासन की बैठकों और सोशल मीडिया में अफवाह फैलने से रोकने के इंतजाम का भी ब्यौरा दिया गया है. अधिकारियों ने जजों को खुफिया तंत्र के ज़रिए शरारती तत्वों पर रखी जा रही नज़र के बारे में भी बताया है. चीफ जस्टिस ने यह सुनिश्चित करने को कहा कि फैसले के बाद कहीं भी अप्रिय स्थिति न बने. लोगों तक फैसले की सही जानकारी पहुंचे और अफवाह न फैले.
17 नवंबर से पहले आ सकता है सुप्रीम कोर्ट का फैसला
बता दें कि ऐसी संभावना है कि सुप्रीम कोर्ट अयोध्या में रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद मामले पर अपना फैसला 17 नवंबर से पहले सुना सकता है. 17 नवंबर को चीफ जस्टिस रंजन गोगोई का कार्यकाल खत्म हो रहा है. इनके बादएस. ए बोबडे अगले चीफ जस्टिस होंगे.
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