अयोध्या फैसला: लालकृष्ण आडवाणी ने कहा- मैं खुश हूं, मस्जिद के लिए जगह देने के फैसले का स्वागत

अयोध्या जमीन विवाद पर आज सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुना दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि विवादित जमीन रामलला की है. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में सुन्नी वक्फ बोर्ड को 5 एकड़ की वैकल्पिक जमीन अयोध्या में ही देने का एलान किया है. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को आदेश दिया है कि वह मंदिर निर्माण के लिए तीन महीनों के अंदर एक ट्रस्ट बनाए. कोर्ट ने तीसरे पक्ष निर्मोही अखाड़े का दावा खारिज कर दिया. कोर्ट ने कहा कि तीन पक्ष में जमीन बांटने का हाईकोर्ट का फैसला तार्किक नहीं था. इस फैसले से जुड़ी पल-पल की अपडेट जानने के लिए बने रहिए एबीपी न्यूज़ के साथ.

ABP News Bureau Last Updated: 09 Nov 2019 09:15 PM
उत्तर प्रदेश के डीजीपी ओपी सिंह ने कहा कि आज माननीय उच्चतम न्यायलय के निर्णय के पश्चात् सभी ने जिस अनुकरणीय सौहार्दय, सम्मान और सहयोग का परिचय दिया है, उसके लिए हम आभारी हैं . राज्य में शांति-व्यवस्था पूर्ण रूप से बनी रही. हम आपकी सुरक्षा के लिए प्रतिबध्द है, और अपील करते हैं की भाईचारा और सौहार्दय बनाएं रखें. धन्यवाद!
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अयोध्या मामले पर उच्च्तम न्यायालय के फैसले पर सीधी बात कहने के बजाए शायराना अंदाज में अपनी प्रतिक्रिया दी . फैसले के बाद शाम को उन्होंने अपने ट्वीट में कहा, ' जो फ़ैसले फ़ासलों को घटाते हैं वो इंसा को बेहतर इंसा बनाते हैं .'
अयोध्या मामले पर फैसला देने वाले सुप्रीम कोर्ट के पांचों जज ने फैसला देने के बाद तस्वीर खिंचवाई. इस तस्वीर में चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस शरद अरविंद बोबडे, जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस एस अब्दुल नज़ीर हैं.
अयोध्या मामले पर फैसला देने वाले सुप्रीम कोर्ट के पांचों जज ने फैसला देने के बाद तस्वीर खिंचवाई. इस तस्वीर में चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस शरद अरविंद बोबडे, जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस एस अब्दुल नज़ीर हैं.
आडवाणी ने कहा, ''भारत और दुनिया भर में रहने वाले करोड़ों हिंदुस्तानियों के दिल में राम जन्मभूमि के लिए खास जगह है . राम और रामायण भारत की संस्कृति, सभ्यता में अहम स्थान रखते हैं . कोर्ट के फैसले से करोड़ों लोगों की भावनाओं का सम्मान हुआ है . मैं कोर्ट के उस फैसले का भी स्वागत करता हूं जिसमें जजों की बेंच ने मस्जिद के लिए 5 एकड़ जमीन देने का फैसला किया है . पिछले कई दशक से न्यायिक और गैर न्यायिक मोर्चों पर चलने वाले विवाद का अंत है ये फैसला . अब जबकि अयोध्या का मंदिर मस्जिद विवाद खत्म हो चुका है तो वक्त आ चुका कि हम अपनी कटुता छोड़कर आपस में सांप्रदायिक सौहार्द और शांति के साथ रहें . राम मंदिर आंदोलन में मैंने हमेशा ये बात कहीं कि अयोध्या में एक भव्य राम मंदिर का निर्माण एक शानदार राष्ट्र मंदिर का निर्माण है . सशक्त, संपन्न, शांतिपूर्ण, सौहार्द भरे राष्ट्र निर्माण में जहां सबको न्याय मिले और कोई अलग थलग न पड़े आइए एक बार फिर हम एक महान उद्देश्य के लिए समर्पित हों .''
अयोध्या पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर राम मंदिर आंदोलन में शामिल रहे बीजेपी नेता लाल कृष्ण आडवाणी ने कहा है कि आज मैं देशवासियों की खुशी के साथ हूं . अयोध्या मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की बेंच ने आज ऐतिहासिक फैसला दिया है. अयोध्या में रामजन्मभूमि पर राम मंदिर के निर्माण के लिए एकमत से जजों ने जो फैसला दिया है उससे मैं बेहद खुश हूं. राम जन्मभूमि को लेकर देश में जो जन आंदोलन चला वो आंदोलन आजादी के आंदोलन के बाद का सबसे बड़ा आंदोलन रहा. और मैं भगवान का शुक्रिया अदा करता हूं कि मैं इसका हिस्सा बना.
पीएम मोदी ने कहा कि नए भारत में भय, कटुता, नकारात्मकता का कोई स्थान नहीं है. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का ये फैसला हमारे लिए एक नया सवेरा लेकर आया है. इस विवाद का भले ही कई पीढ़ियों पर असर पड़ा हो, लेकिन इस फैसले के बाद हमें ये संकल्प करना होगा कि अब नई पीढ़ी, नए सिरे से न्यू इंडिया के निर्माण में जुटेगी.
पीएम मोदी ने कहा कि आज अयोध्या पर फैसले के साथ ही, 9 नवंबर की ये तारीख हमें साथ रहकर आगे बढ़ने की सीख भी दे ही है. आज के दिन का संदेश जोड़ने का है-जुड़ने का है और मिलकर जीने का है.
पीएम मोदी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने इस फैसले के पीछे दृढ़ इच्छाशक्ति दिखाई है और र इसलिए, देश के न्यायधीश, न्यायालय और हमारी न्यायिक प्रणाली अभिनंदन के अधिकारी हैं.
पीएम मोदी ने कहा कि भारत की न्यायपालिका के इतिहास में भी आज का ये दिन एक स्वर्णिम अध्याय की तरह है. इस विषय पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने सबको सुना, बहुत धैर्य से सुना और सर्वसम्मति से फैसला दिया.
पीएम मोदी ने कहा कि फैसला आने के बाद जिस प्रकार हर वर्ग ने, हर समुदाय ने, हर पंथ के लोगों ने, पूरे देश ने खुले दिल से इसे स्वीकार किया है, वो भारत की पुरातन संस्कृति, परंपराओं और सद्भाव की भावना को प्रतिबिंबित करता है.
पीएम मोदी देश को संबोधित कर कर रहे हैं. उन्होंने अयोध्या पर आज के फैसले का जिक्र करते हुए कहा कि आज सुप्रीम कोर्ट ने एक ऐसे महत्वपूर्ण मामले पर फैसला सुनाया है, जिसके पीछे सैकड़ों वर्षों का एक इतिहास है. पूरे देश की ये इच्छा थी कि इस मामले की अदालत में हर रोज़ सुनवाई हो, जो हुई, और आज निर्णय आ चुका है.
अयोध्या पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद उत्तर प्रदेश में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच पूरी तरह से अमन चैन का माहौल है. उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक ओ पी सिंह ने पीटीआई..भाषा से कहा कि 'प्रदेश के किसी भी हिस्से से किसी तरह की अप्रिय घटना की कोई खबर नहीं है. हम समूचे प्रदेश पर कड़ी निगरानी रख रहे हैं और हमारी टीमें अपनी जिम्मेदारी बखूबी निभा रही हैं.’’
प्रधानमंत्री कार्यालय ने ट्वीट कर कहा है कि पीएम मोदी छह बजे देश को संबोधित करेंगे. बता दें कि पीएम मोदी का संबोधन ऐसे समय में हो रहा है जब आज ही सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या मसले पर फैसला सुनाया है. अयोध्या पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद पीएम मोदी ने आज ट्वीट कर कहा, ‘‘राम भक्ति हो या रहीम भक्ति, ये समय हम सभी के लिए भारत भक्ति की भावना को सशक्त करने का है. देशवासियों से मेरी अपील है कि शांति, सद्भाव और एकता बनाए रखें.’’ मोदी ने कहा, ‘‘देश के सर्वोच्च न्यायालय ने अयोध्या पर अपना फैसला सुना दिया है. इस फैसले को किसी की हार या जीत के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए.’’
जामा मस्जिद के शाही इमाम बुखारी ने अयोध्या पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है. उन्होंने कहा कि हमने हमेशा यह सुनिश्चित किया है कि हम सुप्रीम कोर्ट के फैसले को स्वीकार करेंगे. मुझे उम्मीद है कि देश विकास की ओर बढ़ेगा. जहां तक एक समीक्षा याचिका दायर करने का सवाल है, मैं इससे सहमत नहीं हूं.
UP सुनी वक़्फ़ बोर्ड के चेयरमैन जफ़र फ़ारूक़ी ने कहा कि हम सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का सम्मान करते हैं. यूपी सुनी वक़्फ़ बोर्ड का चेयरमैन होने के नाते कहना चाहता हूं कि अब कोर्ट के फ़ैसले के ख़िलाफ़ हम कहीं और कोई रिव्यू अपील नहीं करने जा रहे हैं. पांच एकड़ की ज़मीन हमने मांगी नहीं थी और जो ज़मीन मिली है उसपर हम चर्चा करेंगे कि लेना है या नहीं.
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद आज शिवसेना के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने कहा कि आज का दिन स्वर्ण अच्छरों से लिखनेवाला दिन है. इतने दिनों से राम की कहानियां सुन रहे थे आज विवाद खत्म हुआ. आज सभी को बालासाहब की याद आ रही उन्होंने पहले कहा था गर्व से कहो हम हिन्दू हैं. उद्धव ठाकरे ने कहा कि वह 24 नवंबर को अयोध्या जाएंगे.
शिया धर्मगुरु मौलाना कल्बे जवाद ने कहा कि हम विनम्रतापूर्वक सुप्रीम कोर्ट के फैसले को स्वीकार करते हैं, मैं गॉड का शुक्रगुजार हूं कि मुसलमानों ने इस फैसले को स्वीकार किया है. विवाद अब समाप्त हो गया है। हालांकि उन्हें (मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड) समीक्षा याचिका दायर करने का अधिकार है, मुझे लगता है कि मामला समाप्त होना चाहिए.
अयोध्या को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर राहुल गांधी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या मुद्दे पर अपना फैसला सुना दिया है. कोर्ट के इस फैसले का सम्मान करते हुए हम सब को आपसी सद्भाव बनाए रखना है. ये वक्त हम सभी भारतीयों के बीच बन्धुत्व,विश्वास और प्रेम का है.
एआईएमआईएम के चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने कहा है कि मैं मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड से सहमत हूं. ओवैसी ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर असहमति जताई है. ओवैसी ने कहा है कि हम हक के लिए लड़ रहे थे. हमें पांच एकड़ जमीन नहीं चाहिए. हमें किसी की भीख की जरूरत नहीं है. हमें खैरात नहीं चाहिए. पर्सनल लॉ बोर्ड को जमीन लेने से इनकार कर देना चाहिए.
आरएसएस के सूत्रों के मुताबिक, एक साल के भीतर राम मंदिर का निर्माण शुरू हो जाएगा. जहां अभी रामलला विराजमान है, उसी चबूतरे पर मंदिर का गर्भ ग्रह का निर्माण होगा. 3 महीने बाद जब ट्रस्ट बन जाएगा, उसके बाद सभी की सहमति से अगले साल शुभ मुहूर्त में मंदिर का निर्माण शुरू होगा. ऐसे चार शुभ मुहूर्त हैं, जब मंदिर का निर्माण शुरू किया जा सकता है.
योग गुरु बाबा रामदेव ने कहा है कि हमें भगवान राम की मर्यादाओं का पालन करना है. हम सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हैं. रामदेव ने जनता से शांति बनाए रखने की अपील की है.
बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा है, ‘’परमपूज्य बाबा साहेब डॉ भीमराव अम्बेडकर के धर्मनिरपेक्ष संविधान के तहत माननीय सुप्रीम कोर्ट द्वारा रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद के सम्बंध में आज आम सहमति से दिए गए ऐतिहासिक फैसले का सभी को सम्मान करते हुए अब इसपर सौहार्दपूर्ण वातावरण में ही आगे का काम होना चाहिए. ऐसी अपील और सलाह है.’’
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद कहा है, ‘’अयोध्या मुद्दे पर भारत की सर्वोच्च अदालत ने फैसला दिया है. सभी पक्षों, समुदायों और नागरिकों को इस फ़ैसले का सम्मान करते हुए हमारी सदियों से चली आ रही मेलजोल की संस्कृति को बनाए रखना चाहिए. हम सबको एक होकर आपसी सौहार्द और भाईचारे को मजबूत करना होगा.’’
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने कहा है कि अयोध्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का आरएसएस स्वागत करता है. हम सभी पक्षों के वकीलों का धन्यवाद करते हैं. कोर्ट के इस फैसले को हार या जीत की नज़र से नहीं देखना चाहिए. देशवासियों से अपील है कि वह भाईचारा बनाए रखे.
केंद्र सरकार ने अयोध्या मामले पर फैसला सुनाने वाले सुप्रीम कोर्ट के पांचों जजों की सुरक्षा बढ़ा दी है. सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की सुरक्षा Z से प्लस कर दी गई है. वहीं, बाकी चार जजों की सुरक्षा Y से Y प्लस कर दी गई है.
पीएम मोदी ने कहा है कि यह फैसला न्यायिक प्रक्रियाओं में जन सामान्य के विश्वास को और मजबूत करेगा. हमारे देश की हजारों साल पुरानी भाईचारे की भावना के अनुरूप हम 130 करोड़ भारतीयों को शांति और संयम का परिचय देना है. भारत के शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व की अंतर्निहित भावना का परिचय देना है.
पीएम मोदी ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला कई वजहों से महत्वपूर्ण है. यह बताता है कि किसी विवाद को सुलझाने में कानूनी प्रक्रिया का पालन कितना अहम है. हर पक्ष को अपनी-अपनी दलील रखने के लिए पर्याप्त समय और अवसर दिया गया. न्याय के मंदिर ने दशकों पुराने मामले का सौहार्दपूर्ण तरीके से समाधान कर दिया.
पीएम मोदी ने कहा है कि देश के सर्वोच्च न्यायालय ने अयोध्या पर अपना फैसला सुना दिया है. इस फैसले को किसी की हार या जीत के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए. रामभक्ति हो या रहीमभक्ति, ये समय हम सभी के लिए भारतभक्ति की भावना को सशक्त करने का है. देशवासियों से मेरी अपील है कि शांति, सद्भाव और एकता बनाए रखें.
गृह मंत्री अमित शाह से बैठक करने के बाद गृह सचिव एके भल्ला देश की आंतरिक स्थिति के बारे में जानकारी देने के लिए कैबिनेट सचिव के पास पहुंचे गए हैं. कैबिनेट सचिवालय में इसके साथ ही नेशनल क्राइसिस मैनेजमेंट कमेटी की भी बैठक है.
हरियाणा में दूसरी बार मुख्यमंत्री बने मनोहर लाल खट्टर ने कहा है कि अयोध्या प्रकरण पर माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिया गया फैसला ऐतिहासिक है. इस फैसले से देश का सामाजिक ताना-बाना और मजबूत होगा. मेरी सभी से अपील है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हुए आपस में प्रेम, सद्भाव और भाईचारा बनाए रखें.
अयोध्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने जो फैसला सुनाया है, वह 1045 पन्नों का है. इनमें 929 पन्नों का मुख्य फैसला, जो कि एक मत है. एक जज (नाम नहीं दिया गया है) ने 116 पन्नों में अलग से बातें दर्ज करवाई हैं. उपलब्ध सामग्री के हिसाब से जगह के जन्मस्थान होने के दावे को सही ठहराया है.
अमित शाह ने फैसले को मील का पत्थर बताया. उन्होंने लिखा, ''मुझे पूर्ण विश्वास है कि सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिया गया यह ऐतिहासिक निर्णय अपने आप में एक मील का पत्थर साबित होगा. यह निर्णय भारत की एकता, अखंडता और महान संस्कृति को और बल प्रदान करेगा.''
उन्होंने आगे लिखा, ''दशकों से चले आ रहे श्री राम जन्मभूमि के इस कानूनी विवाद को आज इस निर्णय से अंतिम रूप मिला है. मैं भारत की न्याय प्रणाली व सभी न्यायमूर्तियों का अभिनन्दन करता हूं.'' उन्होंने कहा, ''श्री राम जन्मभूमि कानूनी विवाद के लिए प्रयासरत; सभी संस्थाएं, पूरे देश का संत समाज और अनगिनत अज्ञात लोगों जिन्होंने इतने वर्षों तक इसके प्रयास किया मैं उनके प्रति कृतज्ञता व्यक्त करता हूं.''
केंद्रीय गृहमंत्री और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि श्रीराम जन्मभूमि पर सर्वसम्मति से आये सर्वोच्च न्यायालय के फैसले का मैं स्वागत करता हूं. उन्होंने ट्वीट किया, ''मैं सभी समुदायों और धर्म के लोगों से अपील करता हूं कि हम इस निर्णय को सहजता से स्वीकारते हुए शांति और सौहार्द से परिपूर्ण ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’ के अपने संकल्प के प्रति कटिबद्ध रहें.''
जफरयाब जिलानी ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 1857 से पहले नमाज का कोई सबूत नहीं है, लेकिन जो सबूत कोर्ट ने इस्तेमाल किए हैं वो वहां मस्जिद मौजूद होने का प्रमाण करते हैं.न फिर भी अंदर की जमीन सूट 5 को दे दी गई. हमारी शरीयत के मुताबिक हम अपनी मस्जिद किसी को नहीं दे सकते.
निर्मोही अखाड़े के महंत दिनेन्द्र दास जी महाराज ने कहा है कि वो फ़ैसले का स्वागत करते हैं और चूंकि फैसला हिंदुओं के पक्ष में है, इसलिए हम उसका स्वागत करते हैं, उन्होंने सबसे शांति और सद्भाव कायम रखने की बात कही. अखाड़े के पंच सीताराम जी महाराज ने जहां कि अभी रिव्यू का विकल्प बाक़ी है, ऐसे में आगे क्या विकल्प हो सकता है, इसपर विचार किया जाएगा. उन्होंने भी शांति सद्भाव बनाने की बात करते हुए फैसले पर खुशी ज़ाहिर की.
मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की तरफ से वकील जफरयाब जिलानी ने कहा है कि हम देश की आवाम से अपील करते हैं कि किसी की ओर से कोई विरोध प्रदर्शन नहीं होना चाहिए. ये किसी की हार या जीत नहीं है. हम सुप्रीम कोर्ट के फैसले से सहमत नहीं हैं. हम वकील राजीव धवन से बात करके आगे का फैसला लेंगे. हम चुनौती के बारे में सोचेंगे.
मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की तरफ से जफरयाब जिलानी, इल्यास, कमाल फारूकी और फजलुर्रहमान प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे हैं.
मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की प्रेस कॉन्फ्रेंस हो रही है.
बीजेपी की वरिष्ठ नेता उमा भारती ने कहा है कि माननीय सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत है. माननीय अशोक सिंघल जी का स्मरण करते हुए उनको शत-शत नमन. वह सब जिन्होंने इस कार्य के लिए अपने जीवन की आहुति दे दी, उन्हें श्रद्धांजलि एवं आडवाणी जी का अभिनंदन, जिनके नेतृत्व मैं हम सब लोगों ने इस महान कार्य के लिए अपना सर्वस्व दांव पर लगा दिया था.
सुन्नी वक्फ बोर्ड सुप्रीम कोर्ट के फैसले को चुनौती देगा. मुस्लिम पक्ष के वकील जिलानी ने कहा है कि हम कोर्ट के फैसले से संतुष्ट नहीं हैं.
बीजेपी कार्यकारी अध्यक्ष जे पी नड्डा, फैसले के हर पहलू की बारीकी से समीक्षा कर रहे हैं. पदाधिकारियों के साथ बैठक के बाद पार्टी प्रवक्ताओं को किस तरीके से मीडिया के सामने इस मुद्दे को रखा जाए, ये निर्देश दिए जाएंगे.
विश्व हिंदू परिषद ने कहा इतने बड़े फ़ैसले के बाद भी राम जन्मभूमि न्यास की कार्यशाला परिसर में कोई जश्न नहीं हो रहा है. इसका सीधा मतलब है कि सभी लोग शांति चाहते हैं. कार्यशाला के अंदर रखे पत्थरों को दिखाते और पत्थरों के बारे में बताते हुए वीएचपी के प्रवक्ता शरद शर्मा भावुक हो गए. शरद ने देश के लोगों से अपील किया कि फ़ैसले का सम्मान करें.
जज गए और अंत में सबका धन्यवाद कहा.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि केंद्र सरकार के ट्रस्ट के मैनेजमेंट के नियम बनाए. मन्दिर निर्माण के नियम बनाए. अंदर और बाहर का हिस्सा ट्रस्ट को दिया जाए. मुस्लिम पक्ष को 5 एकड़ की वैकल्पिक ज़मीन मिले. या तो केंद्र 1993 में अधिगृहित जमीन से दे या राज्य सरकार अयोध्या में ही कहीं दे. हम अनुच्छेद 142 के तहत मिली विशेष शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए मुस्लिम पक्ष को ज़मीन दे रहे हैं. सरकार ट्रस्ट में निर्मोही को भी उपयुक्त प्रतिनिधित्व देने पर विचार करे.
कोर्ट ने कहा है कि सुन्नी वक्फ बोर्ड को वैकल्पिक ज़मीन देना ज़रूरी है. केंद्र सरकार 3 महीने में ट्रस्ट बनाए.
निर्मोही अखाड़ा के प्रवक्ता प्रभात सिंह ने कहा सुप्रीम कोर्ट ने हमारे दावे को ख़ारिज किया है. इस पर हम क्या कह सकते हैं. सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले का सम्मान है. हमारी मांग है कि मंदिर बन. आम जनमानस की मांग है मंदिर बने. हम इसका सम्मान करते हैं.
कोर्ट ने कहा है यात्रियों के वृतांत और पुरातात्विक सबूत हिंदुओं के हक में हैं. 6 दिसंबर 1992 को स्टेटस को का ऑर्डर होने के बावजूद ढांचा गिराया गया. लेकिन सुन्नी बोर्ड एडवर्स पोसेसन की दलील साबित करने में नाकाम रहा है. लेकिन 16 दिसंबर 1949 तक नमाज हुई. सूट 4 और 5 में हमें सन्तुलन बनाना होगा हाई कोर्ट ने 3 हिस्से किये. यह तार्किक नहीं था.

कोर्ट ने कहा है कि फिर भी मुख्य गुंबद के नीचे गर्भगृह मानते थे. इसलिए रेलिंग के पास आकर पूजा करते थे. साल 1934 के दंगों के बाद मुसलमानों का वहां कब्ज़ा नहीं रहा. वह जगह पर अपना दावा साबित नहीं कर पाए हैं.
कोर्ट ने कहा है कि अंग्रेज़ों ने दोनों हिस्से अलग रखने के लिए रेलिंग बनाई. 1856 से पहले हिन्दू भी अंदरूनी हिस्से में पूजा करते थे. रोकने पर बाहर चबूतरे की पूजा करने लगे.
कोर्ट ने कहा है कि हिंदुओं के वहां पर अधिकार की ब्रिटिश सरकार ने मान्यता दी. 1877 में उनके लिए एक और रास्ता खोला गया. अंदरूनी हिस्से में मुस्लिमों की नमाज बंद हो जाने का कोई सबूत नहीं मिला.
कोर्ट ने कहा है कि सिर्फ विवादित ढांचे के नीचे एक पुरानी रचना से हिंदू दावा माना नहीं जा सकता. मुसलमान दावा करते हैं कि मस्ज़िद बनने से साल 1949 तक लगातार नमाज पढ़ते थे, लेकिन 1856-57 तक ऐसा होने का कोई सबूत नहीं है.
कोर्ट ने कहा है कि हिन्दू अयोध्या को राम भगवान का जन्मस्थान मानते हैं. मुख्य गुंबद को ही जन्म की सही जगह मानते हैं. अयोध्या में राम का जन्म होने के दावे का किसी ने विरोध नहीं किया. विवादित जगह पर हिन्दू पूजा करते रहे थे. गवाहों के क्रॉस एक्जामिनेशन से हिन्दू दावा झूठा साबित नहीं हुआ. चबूतरा,भंडार, सीता रसोई से भी दावे की पुष्टि होती है. हिन्दू परिक्रमा भी किया करते थे. लेकिन टाइटल सिर्फ आस्था से साबित नहीं होता.
सुप्रीम कोर्ट में फैसला पढ़ा जा रहा है. कोर्ट ने निर्मोही अखाड़े का दावा खारिज कर दिया है. निर्मोही अखाड़ा सेवादार भी नहीं है. रामलला को कोर्ट ने मुख्य पक्षकार माना है. यानी दो में से एक हिंदू पक्ष का दावा खारिज कर दिया है.
कोर्ट ने कहा है कि ASI यह नहीं बता पाए कि मंदिर तोड़कर विवादित ढांचा बना था या नहीं. 12वीं सदी से 16वीं सदी पर वहां क्या हो रहा था, साबित नहीं.
कोर्ट ने कहा है कि सुन्नी वक्फ बोर्ड ने बहस में अपने दावे को बदला. पहले कुछ कहा, बाद मे नीचे मिली रचना को ईदगाह कहा. साफ है कि बाबरी मस्जिद खाली जमीन पर नहीं बना था. नीचे विशाल रचना थी. वह रचना इस्लामिक नहीं थी. वहां मिली कलाकृतियां भी इस्लामिक नहीं थी. ASI ने वहां 12वीं सदी की मंदिर बताई. विवादित ढांचे में पुरानी संरचना की चीज़ें इस्तेमाल हुईं. कसौटी का पत्थर, खंभा आदि देखा गया.
कोर्ट ने कहा है कि निर्मोही अपना दावा साबित नहीं कर पाया है. निर्मोही सेवादार नहीं है. रामलला juristic person हैं. राम जन्मस्थान को यह दर्जा नहीं दे सकते. पुरातात्विक सबूतों की अनदेखी नहीं कर सकते. वह हाई कोर्ट के आदेश पर पूरी पारदर्शिता से हुआ. उसे खारिज करने की मांग गलत है.
कोर्ट ने कहा है कि कोर्ट हदीस की व्याख्या नहीं कर सकता. नमाज पढ़ने की जगह को मस्ज़िद मानने के हक को हम मना नहीं कर सकते. 1991 का प्लेसेस ऑफ वरशिप एक्ट धर्मस्थानों को बचाने की बात कहता है. एक्ट भारत की धर्मनिरपेक्षता की मिसाल है.
जज ने कहा है कि कोर्ट को देखना है कि एक व्यक्ति की आस्था दूसरे का अधिकार न छीने. मस्ज़िद साल 1528 की बनी बताई जाती है, लेकिन कब बनी इससे फर्क नहीं पड़ता. दिसंबर को मूर्ति रखी गयी. जगह नजूल की ज़मीन है. लेकिन राज्य सरकार हाई कोर्ट में कह चुकी है कि वह ज़मीन पर दावा नहीं करना चाहती.
शिया और सुन्नी केस में एक मत से फैसला आया है. ध्यान रहे ये मामला आयोध्या केस से अलग है.
शिया वक्फ बोर्ड का दावा खारिज कर दिया गया है. सुप्रीम कोर्ट ने साल 1946 का फैसला बरकरार रखा है.
फैसले की फ़ाइल कोर्ट में आ चुकी है. जजों के ठीक 10.30 पर आने की उम्मीद है. कोर्ट खचाखच भरा है.
भूमि विवाद के मुख्य मुद्दई इकबाल अंसारी ने सभी से शांति सद्भाव क़ायम रखने की अपील करते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट का जो भी फ़ैसला होगा वो उन्हें मंज़ूर है. उन्होंने कहा है कि हम हमेशा हिंदुओं से गले मिलते हैं. मैं पुजारियों और साधुओं से मिलता रहता हूं. हम आज संदेश देंगे कि यहां हिंदू और मुसलमान में कोई बंटवारा नहीं है. हम सब हिंदुस्तानी हैं.
अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट थोड़ी देर बाद फैसला सुनाएगा. सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई कोर्ट पहुंच गए हैं. कोर्ट के बाहर सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए गए हैं.
योग गुरु बाबा रामदेव ने एबीपी न्यूज़ से कहा है कि धर्म के लिए नहीं बल्कि अपने देश के लिए जिए. हम सब शांति से पूरी दुनिया को संदेश देंगे कि भारत संविधान को मानने वाला देश है. हमारे ऊपर आज पूरी दुनिया की निगाहें हैं. आज हमारे देश से एकता और प्रेम निकलना चाहिए. देश में कोई दंगा फसाद नहीं होना चाहिए.
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने अपने आवास पर बड़ी बैठक बुलाई है. इस बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल, गृह सचिव, आईबी और रॉ प्रमुख सहित देश के टॉप अधिकारी शामिल होंगे.
यूपी बीजेपी के सभी प्रवक्ताओं की प्रदेश पार्टी कार्यालय में मीटिंग बुलाई गई है. सीनियर पार्टी नेताओं की मौजूदगी में पार्टी प्रवक्ताओं की मीटिंग होगी. फैसले के बाद मीडिया से बात करने में संयम रखने और किस तरह से बात रखी जाए, इसकी हिदायत दी जाएगी. साथ ही केंद्रीय नेतृत्व से दिए गए निर्देशों के बारे में ब्रीफिंग की जाएगी.
दिल्ली का जामा मस्जिद एक अति संवेदनशील इलाका है. यहां सुरक्षा के चाक चौबंद इंतज़ाम किये गए हैं. मस्जिद में जाने वाले लोगों और उनके सामान की चेकिंग के बाद ही अंदर जाने दिया जा रहा है. पुलिस की क्विक रिस्पॉन्स टीम भी तैनात की गई है.
बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा है कि अयोध्या प्रकरण अर्थात रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मालिकाना हक विवाद के सम्बंध में फैसले पर इंतजार की घड़ी समाप्त हुई, जिसपर आज मानीनय सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्णय सुनाया जाने वाला है. सभी लोगों से पुनः अपील है कि वे कोर्ट का फैसला स्वीकार करें और इसका सम्मान करें और शान्ति बनाए रखें.
अभिनेता से नेता बने कांग्रेस के राजबब्बर ने कहा है कि मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारे, गिरिजाघर सब इंसानियत की राह बताने के लिए हैं. अदालतें उसी इंसानियत में हमारे यक़ीन और हौसले को क़ायम रखती हैं. आईए सबको महफूज़ रखने और देश की एकता को क़ायम रखने के जज़्बे के साथ फ़ैसले का स्वागत करें.
अयोध्या के हनुमान गढ़ी मंदिर में जाने वालों की कड़ी तलाशी ली जा रही है. पुलिस और पीएसी के अलावा अर्धसैनिक बलों की तैनाती की भी गई है. सुरक्षा के मद्देनज़र आसपास के मकानों में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं.
अयोध्या मामले में बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि जो भी फैसला हो, वह मान्य होना चाहिए. सामाजिक सौहार्द और आपसी प्रेम भाईचारे का माहौल बनाए रखें.
दिल्ली के जामा मस्जिद इलाके में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है. पुलिस ने यहां फ्लैग मार्च किया. अमन कमेटी के साथ मिलकर पुलिस इलाके में फ्लैग मार्च कर रही है.
लखनऊ के हज़रतगंज चौराहे पर गाड़ियों को चेक किया जा रहा है. आज सभी स्कू-कॉलेज बंद हैं, लेकिन इसके बावजूद भी कुछ एक स्कूलों ने बच्चों की पिकनिक निकाली है. 2 बसों में प्राइवेट स्कूल के बच्चों की पिकनिक जा रही थी, जिसे एसपी सिटी ने रोका और समझाकर भेज दिया.
अयोध्या में एडीजी (प्रोसीक्यूशन) यूपी पुलिसआशुतोष पांडेय ने कहा है कि सशस्त्र बलों, आरपीएफ, पीएसी की 60 कंपनियां और 1200 पुलिस कांस्टेबलों, 250 एसआई , 20 डिप्टी एसपी और 2 एसपी को तैनात किया गया है. डबल लेयर बेरिकेडिंग भी की गई है. इसके अलावा सुरत्रा के लिए 35 सीसीटीवी और 10 ड्रोन का भी बंदोबस्त है.
सुप्रीम कोर्ट में शिया-सुन्नी केस पर पहला फैसला आएगा. इस फैसले का मुख्य फैसले पर कई असर नहीं पड़ेगा. ये एक अलग मामला है. शिया-सुन्नी केस में मस्जिद को लेकर विवाद है.
सुप्रीम कोर्ट के गेट के बाहर पुलिस और अर्धसैनिक बलों का फ्लैग मार्च, इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट के अंदर दाखिल होने वाली तमाम कारों की जबरदस्त चेकिंग की जा रही है.
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने ट्वीट करके कहा है, ''जैसा कि आप सबको पता है अयोध्या मामले पर आज सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने वाला है. इस घड़ी में कोर्ट का जो भी निर्णय हो देश की एकता, सामाजिक सद्भाव, और आपसी प्रेम की हज़ारों साल पुरानी परम्परा को बनाए रखने की ज़िम्मेदारी हम सबकी है. ये महात्मा गांधी का देश है. अमन और अहिंसा के संदेश पर क़ायम रहना हमारा कर्तव्य है.
अयोध्या फैसले के दृष्टिगत उत्तर प्रदेश पुलिस ने जारी किया व्हाट्सएप हेल्पलाइन नम्बर 8874327341. सोशल मीडिया पर किसी भी प्रकार के भड़काऊ सन्देश भेजने वाले की इस नम्बर पर होगी शिकायत
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद आरएसएस चीफ मोहन भागवत दोपहल एक बजे दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे. वहीं विश्व हिंदू परिषद ने भी दोपहर 2.30 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस करने का एलान किया है.
पुराने लखनऊ के इलाक़े में पुलिस व्यवस्था पहले से ज़्यादा बढ़ा दी गई है, नक्ख़ास चौराहा जहाँ आमतौर पर पैदल चलना भी मुश्किल होता है वहाँ आज नाम मात्र के लोग हैं, इसके साथ ही सुरक्षा व्यवस्था के मद्देनज़र यूपी पुलिस और PAC दोनों को लगभग सभी संवेदनशील जगहों पर तैनात किया गया है.


सुप्रीम कोर्ट के बाहर सीआरपीएफ के जवान मार्च पास कर रहे हैं और साथ ही वॉटर कैनन को तैनात किया गया. सुप्रीम कोर्ट की सुरक्षा को दिखाते हुए जहां पर अंदर जाने वाले हैं लोगों की पहचान पत्र और गाड़ियों की तलाशी चल रही है, साथ में बड़ी संख्या में सुरक्षा बल तैनात हैं.
यूपी के डीजीपी ओपी सिंह ने कहा है कि हम डेढ़ महीने से इस फैसले को लेकर तैयारी कर रहे थे. पूरे यूपी में धारा 144 लागू है. पूरे राज्य में पेट्रोलिंग की जा रही है. हमने यूपी में करीब 10 हजार शांति बैठकें की हैं. हम सोशल मीडिया पर कड़ी निगरानी रख रहे हैं. अभी सिर्फ अलीगढ़ में इंटरनेट सेवा बंद की गई हैं. अगर हालात बिगड़े तो हम बाकी जगहों पर भी इंटरनेट सेवा बंद करने की कार्रवाई करेंगे.
पुराने लखनऊ के इलाक़े में पुलिस व्यवस्था पहले से ज़्यादा बढ़ा दी गई है, नक्ख़ास चौराहा जहाँ आमतौर पर पैदल चलना भी मुश्किल होता है वहाँ आज नाम मात्र के लोग हैं, इसके साथ ही सुरक्षा व्यवस्था के मद्देनज़र यूपी पुलिस और PAC दोनों को लगभग सभी संवेदनशील जगहों पर तैनात किया गया है.

अयोध्या में हनुमान गढ़ी मंदिर के पास कड़ी सुरक्षा व्यवस्था है. बड़ी संख्या में जवान यहां तैनात हैं और आने जाने वाले लोगों की चेकिंग हो रही है. हालांकि किसी के भी मंदिर में दर्शन पूजन पर कोई पाबंदी नहीं लगाई गई है.
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने एबीपी न्यूज से खास बातचीत में कहा है कि अयोध्या पर फैसला आने वाला है. हमारा देश सौहार्द को मानने वालों का देश है, जो भी फैसला आए सब उसका सम्मान करें. उन्होंने कहा कि देश जिस फैसले का लंबे समय से इंतज़ार कर रहा था, वो घड़ी आ गई है, सुकून है.
दिल्ली पुलिस के बड़े अधिकारी सुरक्षा का जायजा ले रहे हैं. साथ ही मुख्य न्यायधीश के निकलने के समय रुट और एस्कॉर्ट को लेकर आपस मे चर्चा कर रहे हैं. आमतौर पर रोजाना सुबह 10.05 मिनट पर रंजन गोगोई घर से निकलते हैं, लेकिन आज 9.30 बजे निकलने की चर्चा है.
उत्तराखंड के हरिद्वार में भी फैसले से पहले धारा 144 लागू कर दी गई है. फैसले के मद्देनज़र पूरे देश में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं.
हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने एबीपी न्यूज़ से बातचीत में कहा है कि सुप्रीम कोर्ट आज फैसले को दौरान जो भी बात कहेगा, उसे ध्यान से सुनना बहुत जरूरी है. उन्होंने अपील की कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले को समय लेकर ध्यान से पढ़े. जल्दबाजी न करें.
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने अयोध्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर शांति बनायए रखने की अपील की है. नितिन गडकरी के अलावा पीएम मोदी, सीएम योगी समेत कई बड़े नेता लोगों से शांति बनाएं रखने की अपील की है.
उत्तर प्रदेश के डीजीपी ओपी सिंह ने एबीपी न्यूज़ से बातचीत में कहा है कि हम जनता से अपील करते हैं कि वह किसी भी तरह की अफवाह न फैलाए और न ही किसी अफवाह पर विश्वास करे. उन्होंने कहा है कि राज्य में फैसले के मद्देनज़र सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं. उन्होंने कहा है कि जरूरत पड़ी तो इंटरनेट सेवा भी बंद कर दी जाएगी.
अयोध्या पर फैसले से पहले राजस्थान के भरतपुर में भी कल सुबह 6 बजे तक इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है.

वाराणसी में पुलिस की तरफ से लोगों से शांति व्यवस्था बनाए रखने में सहयोग की अपील करते हुए किसी तरह के अफवाह पर ध्यान नहीं देने को भी कहा जा रहा है. साथ ही सभी से इस बात की भी अपील की जा रही है कि अगर कोई भी अराजक तत्व किसी तरह की अराजकता फैलाने का काम करे तो उसकी सूचना तुरंत पुलिस तक पहुंचाने में सहयोग करें और शहर की शांति व्यवस्था और भाईचारा बनाए रखने में अपना भरपूर सहयोग देते रहे.
पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में जिला प्रशासन की तरफ से अयोध्या फैसले से पहले विशेष सतर्कता और सुरक्षा बरती जा रही है. जिलाधिकारी के आदेश सेशहर में धारा 144 लगाई गई है, जो अगले आदेश तक प्रभावी रूप से जारी रहेगी. सुरक्षा की दृष्टि से शहर को आठ जोन और बारह सेक्टर में बांटा गया है. सभी आलाधिकारी सुरक्षा व्यवस्था की मानिटरिंग कर रहे हैं. पुलिस की तरफ से लगातार हर क्षेत्रों में शांति मार्च किया जा रहा है.
यूपी पुलिस ने अयोध्या के समस्त नागरिकों से अपील की है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर किसी भी तरह की अफवाहों पर ध्यान न दें. पुलिस ने कहा है कि अफवाह फैलाने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी. पुलिस ने कहा है कि समस्त नागरिक शांति और सौहार्द के साथ गंगा-जमुनी तहजीब को बनाये रखें. किसी भी समस्या, सूचना, सुझाव हेतु वाटसएप नंबर 80041 43000 पर सूचना दें या 112 नंबर पर काल करें.
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत नागपुर से दिल्ली के लिए रवाना हो गए हैं. भागवत ने नागपुर एयरपोर्ट पर लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है. मोहन भागवत आज सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे.
यूपी के अलीगढ़ में इंटरनेट के साथ-साथ अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी की सभी क्लासेज 9 से 11 नवंबर तक के लिए सस्पेंड कर दी गई हैं.
मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई अपने आवास से सुप्रीम कोर्ट के लिए सुबह 9 बजे के करीब रवाना हो जाएंगे.
दिल्ली से नोएडा जाने वाली नोएडा लिंक रोड पर भी सिक्योरिटी हाई दिखी. वाहनों की चेकिंग हो रही है. संगिध वाहनों के ड्राइवर के दस्तावेज़ देखे जा रहे हैं.
चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया रंजन गोगोई के घर, 5 कृष्णा मेनन मार्ग पर भी रात से ही हाई अलर्ट है. घर के दोनों तरफ की सड़कों को बैरिकेड से बंद कर दिया गया है और सड़क पर कोई भी वाहन रुकने नहीं दिया जा रहा है. दिल्ली पुलिस के जवान मुख्य द्वार और बैरिकेड के सामने मौजूद हैं.
सुप्रीम कोर्ट पर सिक्योरिटी हाई कर दी गई है, भगवान दास रोड, आईटीओ की तरफ से सुप्रीम कोर्ट जाने वाली सड़कों को बैरिकेड लगा कर पहले ही ब्लॉक कर दिया गया है. रात के 2 बजे भी दिल्ली पुलिस की 'पराक्रम' और जवान सुरक्षा पर मौजूद है. बैरिकेड पार करने की इजाज़त कुछ लोगों को ही दी जाएगी.
रामजन्म भूमि बाबरी मस्जिद विवाद मामले में सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले से पहले अयोध्या छावनी में तब्ब्दील हो गयी है. जमीन से आसमान तक पुलिस निगरानी की व्यवस्था की गयी है. शहर के हर चौराहे पर सीसीटीवी कैमरे लगाये गये हैं.

बैकग्राउंड

नई दिल्ली: रामजन्म भूमि और बाबरी मस्जिद जमीन विवाद में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आज सुबह 10.30 बजे आएगा. फैसला आने से पहले देशभर में सुरक्षा के सख्त इंतजाम किए गए हैं. दिल्ली में फैसला सुनाने वाली संविधान पीठ के पांचों जजों के घर के बाहर शुक्रवार से सुरक्षा कड़ी कर दी गई है. मामले में सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले से पहले पूरे देश में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है. कई राज्यों और इलाकों में धारा 144 लागू कर दी गई है. वहीं, यूपी के अलीगढ़ में मोबाइल इंटरनेट सेवा बंद कर दिया गया है.


 


राजधानी दिल्ली में सरकार ने एहतियाती कदम उठाते हुए शनिवार को शहर के सारे निजी स्कूलों को बंद रखने की सलाह दी है. केंद्र शासित क्षेत्र जम्मू-कश्मीर में धारा 144 लागू हो गई है. देश के तमाम राज्य हाई अलर्ट पर है और कई राज्यों में आज स्कूल-कॉलेज बंद रहेंगे. इस मामले से जुड़ी पल-पल की अपडेट के लिए बने रहिए एबीपी न्यूज़ के साथ.



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Explainer: जानिए अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई की पूरी कहानी

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