नई दिल्ली: राम जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण में हो रही देरी को लेकर वीएचपी ने आज अयोध्या में धर्मसभा का आयोजन किया है. वीएचपी ने तीखे तेवर दिखाते हुए कहा है कि राम मंदिर को लेकर ये आखिरी सभा है, इसके बाद कोई सभा या सम्मेलन नहीं होगा. इस बीच चित्रकूट धाम के महाराज स्वामी राम भद्राचार्य ने राम मंदिर के निर्माण को लेकर बड़ा बयान दिया है. स्वामी राम भद्राचार्यज ने कहा कि 11 दिसंबर के बाद मोदी सरकार राम मंदिर पर बड़ा फैसला ले सकती हैं.


स्वामी राम भद्राचार्यजी ने कहा, ''केंद्र सरकार 6 दिसंबर को कुछ करना चाहती थी लेकिन आचार संहिता की वजह से नहीं कर पाई. मोदी जी धोखा नहीं दें, 11 दिसंबर के बाद कोई ना कोई निर्णय जरूर होगा. वो निर्णय अध्यादेश भी हो सकता है. सरकार के सीनियर मंत्री ने मुझे भरोसा दिलाया है" हालांकि, उस मंत्री का नाम खुलासा करने से मना कर दिया जिन्होंने उन्हें भरोसा दिया है.


स्वामी राम भद्राचार्यजी महाराज ने कहा कि सरकार के इन सीनियर मंत्री से मेरी 23 नवंबर को रात में 8.30 बजे 10 मिनट तक बात हुई. मंत्री ने कहा कि संत समाज को जाकर कह दीजिए कि थोड़ा और सब्र कर लें जल्द कुछ ना कुछ होगा. अध्यादेश आएगा और अध्यादेश दो तिहाई बहुमत से पास किया जाएगा.


क्या है मामला?


आपको बता दें कि राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद की जमीन का विवाद सुप्रीम कोर्ट में लंबित है. इस मामले की अगली सुनवाई अगले साल जनवरी में होगी. 29 अक्टूबर की पिछली सुनवाई में जब कोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई की तारीख जनवरी 2019 तय की है, तब से मामले में राजनीति अपने चरम पर है. सत्ताधारी पार्टी बीजेपी के नेताओं के साथ-साथ अनेक हिंदू संगठनों ने जल्द राम मंदिर के निर्माण की मांग की है.


आरएसएस और वीएचपी से लेकर राजनीतिक पार्टी शिवसेना ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले मंदिर निर्माण की मांग की है. मोदी सरकार से शिवसेना की मांग है कि सरकार कानून लाए और मंदिर बनाए. उन्होंने चेतावनी दी है कि अभी सरकार मजबूत है और अगर मंदिर नहीं बना तो आगे सरकार भी नहीं बनेगी.


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