नई दिल्ली: क्या आयुर्वेद में है कोरोना का इलाज. दुनिया जिस बीमारी का इलाज ढ़ूंढ रही है क्या उसका इलाज आयुर्वेद और योग से होगा. आयुर्वेद के डॉक्टर और आयुष मंत्रालय का दावा है कि उनके इलाज से सभी मरीज पूरी तरह ठीक हुए हैं और किसी की मौत नहीं हुई. वहीं उनका कोई हेल्थ केयर वर्कर भी इलाज के दौरान इनफेक्ट नहीं हुआ है.
दिल्ली के सरिता विहार इलाके में मौजूद ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ आयुर्वेद में आयुर्वेदिक पद्धति से बीमारी का इलाज किया जाता है. इस अस्पताल में कोरोना संक्रमित मरीजों का भी इलाज चल रहा है. ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट आफ आयुर्वेद का दावा है कि उनके यहां जितने भी कोरोना संक्रमित मरीज आए वे सभी स्वस्थ होकर यहां से गए हैं. ऐसे मरीजों की संख्या एक दो नहीं बल्कि 271 है. योग और आयुर्वेद के जरिए इस अस्पताल में कोरोना संक्रमित मरीजों का इलाज हुआ और वे ठीक भी हुए.
ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ आयुर्वेद के डायरेक्टर डॉ तनुजा नेसारी ने कहा, 'अभी तक हमारे पास 271 कोरोना संक्रमित मरीज आए थे जिनमें से हमने 94% मरीजों को होलिस्टिक आयुर्वेदिक ट्रीटमेंट दिया जिसके बाद वह पूरी तरह ठीक हो गए. वहीं आठ फीसदी मरीजों को क्योंकि इंटेग्रेटेड मैनेजमेंट प्रोटोकॉल दे रहे हैं तो उन्हें ऑक्सीजन थेरपी और कुछ एलोपैथी दावा दी लेकिन उसके साथ योग और आयुर्वेद के उपचार भी दिए हैं जिनमें योगा, काढ़ा, खाना और साथ में रिक्रिएशन एक्टिविटी कराई.'
अस्पताल में हेल्थ केयर वर्कर इनफेक्ट नहीं हुए अस्पताल का दावा है की ना सिर्फ कोरोना संक्रमित मरीज ठीक हुए बल्कि उनके इलाज में लगे डॉक्टर, नर्सिंग स्टाफ या कोई अस्पताल कर्मचारी अभी तक इनफेक्ट नहीं हुआ है. क्योंकि वे भी आयुर्वेद की दवा और योग करते है. डॉ तनुजा नेसारी ने कहा, "हमारे यहां से सभी मरीज पूरी तरह ठीक हो कर गए हैं और दूसरी बात में यह बताना चाहूंगी कि जो हेल्थ केयर वर्कर हैं उनमें से भी कोई इनफेक्ट नहीं हुआ है. कई अस्पतालों में हेल्थ केयर वर्कर के इनफेक्ट होने के प्रमाण ज्यादा हैं, वे हाई रिस्क में आते हैं 18 से 36% उनके इनफेक्ट होने का चांस होता है लेकिन यहां ऐसा नहीं हुआ. जबकि हम यहां कोई एंटी बॉडी या एलोपैथी नहीं लेते है."
दिल्ली के सरिता विहार में मौजूद आयुष मंत्रालय के इस आयुर्वेदिक अस्पताल में कोरोना के इलाज के लिए अस्पताल का एक फ्लोर रिजर्व रखा गया है जिसमें 50 बेड हैं. जहां पर मिल्ड और मॉडरेट मरीज आते हैं. इन संक्रमित मरीजों के इलाज में आयुर्वेदिक दावा जैसे आयुष 64, गिलोय, अनु तेल, संशमनी वटी, आयुष क्वाथ काढ़ा और अन्य दवाओं से इलाज होता है. वहीं रोज़ दिन में दो बार योग भी कराया जाता है. इसके अलावा हल्दी वाला दूध और चवनप्राश भी इलाज में शामिल है.
अस्पताल में मॉडर्न इक्विपमेंट भी मौजूद ऐसा नहीं है की इस अस्पताल में सिर्फ आयुर्वेदिक तरीके से ही इलाज होता बल्कि मॉडर्न इक्विपमेंट भी यहां मौजूद हैं जिनसे कोरोना संक्रमित मरीजों के स्वास्थ्य पर नजर रखी जाती है. अस्पताल में ऑक्सीजन बेड, एक्स रे, बाई मशीन, ब्लड सैंपल जैसी सुविधा है.
डॉ तनुजा नेसारी ने कहा, "यह एक मॉडर्न आयुर्वेदिक हॉस्पिटल है और हम पेशेंट का इन्वेस्टिगेशन करते हैं. यहां पर हम उनका एक्स रे करते हैं ईसीजी करते हैं, यहां पर कोविड का टेस्ट सेंटर है तो यहां पर हम एंटीजन और आरटी पीसीआर टेस्ट भी करते हैं. इम्यून पैरामीटर करते हैं इन्फ्लेमेटरी मार्कर ये सब कुछ लैबोरेटरी टेस्ट के साथ देखते है वो ठीक हुआ है या नहीं. तो लक्षण भी ठीक होते और लैबोरेटरी टेस्ट में भी वो ठीक होकर जाते है. तो ये एक एविडेंस बेस्ड टाइम टेस्टेड आयुर्वेद का उपचार करते हैं."
वहीं वार्ड में मरीजों पर नजर रखने के लिए अस्पताल में खास इंतजाम भी है. यहां एक खास कंट्रोल रूम है जहां से मरीजों के वार्ड में हर समय नजर रखी जाती है. डॉक्टरों की ड्यूटी के अलावा अन्य डॉक्टर भी इन मरीजों से यहां से जुड़ते हैं. इसके अलावा मरीज के रिश्तेदार मरीज से बात कर सके इसके लिए भी यहां खास व्यवस्था है.
दुनिया भर में कोरोना का कहर अभी भी जारी है. लगातार कोरोना के मामले दुनिया भर में सामने आ रहे हैं और इसे मौते भी हो रही है. इस संक्रमण का अब तक इलाज नहीं मिला. कई देशों में वैक्सीन ट्रायल तो चल रहे है लेकिन सफलता भी नहीं मिली है. ऐसे में आयुर्वेद और योग से कोरोना का इलाज उम्मीद जगाता है.
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