Azadi Ka Amrit Mahotsav: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Modi) ने आज दिल्ली (Delhi) में आजादी का अमृत महोत्सव (Azadi Ka Amrit Mahotsav) पर राष्ट्रीय समिति की दूसरी बैठक को संबोधित किया. इस अवसर प्रधानमंत्री ने कहा कि हम ऐसे समय में आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं जब पूरी दुनिया कोविड संकट से गुजर रही है और हम भी इससे अछूते नहीं हैं. उन्होंने कहा कि कोरोना संकट ने हम सभी को नया सबक सिखाया है और मौजूदा ढांचे को तोड़ दिया है. पीएम मोदी ने कहा कि कोरोन के बाद के युग में एक नई विश्व व्यवस्था का उदय होगा.
पीएम मोदी ने कहा कि जैसा कि हम आजादी का अमृत महोत्सव मनाते हैं, हमें भारत के लिए एक महत्वपूर्ण भूमिका की परिकल्पना करनी चाहिए और यह कि इस पोस्ट कोविड न्यू वर्ल्ड ऑर्डर में एक विश्व नेता के रूप में उभरना चाहिए. प्रधान मंत्री ने आगे कहा कि यह आमतौर पर कहा जाता है कि 21वीं सदी एशिया की है, एक बार फिर इस सदी में एशिया में भारत के कद पर ध्यान देना जरूरी है.
बैठक को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि साल 2047 पर अपनी नजरें जमाने का एक उपयुक्त समय है जब देश स्वतंत्रता के 100 वर्ष मनाएगा. यह उस समय है जब वर्तमान पीढ़ी मामलों की कमान संभालेगी और देश का भाग्य उनके हाथों में होगा. इसलिए, यह तय करना महत्वपूर्ण है कि हमें अभी उनमें क्या शामिल करना चाहिए ताकि वे भविष्य में देश के लिए बड़ा योगदान दे सकें.
प्रधानमंत्री ने कहा कि जब हम धार्मिक रूप से अपने कर्तव्यों का पालन करते हैं तभी हम दूसरों के अधिकारों को स्वत: सुनिश्चित कर पाते हैं. इसलिए, जब हम आजादी का अमृत महोत्सव मनाते हैं तो कर्तव्य के प्रति प्रतिबद्धता हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए और देश के लिए सार्थक योगदान देने का संकल्प हमारा मुख्य संकल्प होना चाहिए. उन्होंने कहा कि आजादी का अमृत महोत्सव युवाओं में कर्तव्य की भावना का बीज बोएगा.
प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि वर्तमान पीढ़ी एक नया भविष्य बनाने की प्रेरणा से भरी हुई है, लेकिन यह याद रखना चाहिए कि भविष्य हमेशा अतीत की गोद में होता है. इस दौरान उन्होंने कहा कि हमें अपने पूर्वजों को नहीं भूलना चाहिए जिन्होंने देश के लिए अपने युवाओं, अपने जीवन और अपने परिवारों का बलिदान दिया है.
प्रधानमंत्री ने सभी सदस्यों से अपील की कि अमृत महोत्सव के उत्सव में जनभागीदारी सुनिश्चित करने के लिए काम करते हुए हमें अपने स्वतंत्रता सेनानियों और स्वतंत्रता आंदोलन के गुमनाम नायकों को सम्मान देने में कोई कसर नहीं छोड़नी चाहिए. प्रधानमंत्री ने निष्कर्ष निकाला कि जैसा कि हम आजादी का अमृत महोत्सव मनाते हैं हमें 2047 के लिए अपने लिए नए लक्ष्य निर्धारित करने के लिए एक केंद्रित दृष्टिकोण के साथ आगे बढ़ना चाहिए.
समिति के सदस्यों ने "आजादी का अमृत महोत्सव" के आयोजन के लिए प्रधानमंत्री को धन्यवाद दिया. उन्होंने अमृत महोत्सव के तहत उनके द्वारा की गई गतिविधियों का अवलोकन किया और अभियान को और मजबूत करने के लिए अपने सुझाव और इनपुट भी दिए. अपने स्वागत भाषण में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अभियान के उद्देश्यों और पांच स्तंभों के बारे में जानकारी दी.
समापन भाषण में उन्होंने प्रधानमंत्री और राष्ट्रीय समिति के सदस्यों को अपना बहुमूल्य सुझाव और समय देने के लिए आभार व्यक्त किया. राष्ट्रीय समिति की पहली बैठक 12 मार्च 2021 को प्रधानमंत्री द्वारा आजादी का अमृत महोत्सव के शुभारंभ से पहले 8 मार्च 2021 को आयोजित की गई थी.