जीनोम सिक्वेंसिंग के 65 फीसदी नमूनों में पाया गया B.1.617 वैरियंट-डॉ हर्षवर्धन
INSACOG (Indian SARS-CoV-2 Consortium on Genomics) द्वारा की जा रही जीनोम सिक्वेंसिंग (genome sequencing) के लगभग 65 फीसदी नमूनों में यही B.1.617 वैरियंट पाया गया, जिसके आधार पर कहा जा सकता है कि ये बहुत ही कॉमन वैरियंट्स में से एक है.
केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने कहा है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा "variant of concern" के रूप में चिन्हित किए गया B.1.617 वैरियंट भारत में प्रमुखता से पाया जा रहा है. INSACOG (Indian SARS-CoV-2 Consortium on Genomics) द्वारा की जा रही जीनोम सिक्वेंसिंग (genome sequencing) के लगभग 65 फीसदी नमूनों में यही B.1.617 वैरियंट पाया गया, जिसके आधार पर ये कहा जा सकता है कि कोविड के बहुत ही कॉमन वैरियंट्स में से एक है. डॉ हर्षवर्धन ने ये बात दिल्ली में ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स की बैठक के दौरान कही.
रविवार को 19 लाख से भी ज्यादा कोविड टेस्टिंग हुई
INSACOG (Indian SARS-CoV-2 Consortium on Genomics) केन्द्र की 10 संस्थाओं का एक समूह है जो जीनोम सिक्वेंसिंग पर काम करता है. स्वास्थ्य मंत्री ने ये भी बताया कि सरकार कोरोना टेस्टिंग को लेकर सरकार बेहद गंभीर है. 23 मई को रविवार होने के बावजूद 19 लाख से ज्यादा नमूनों को परीक्षण किया गया. इसी के साथ देश में अब तक हुए कोविड परीक्षणों की संख्या 33 करोड़ को पार कर गई. भारत में कोविड का B.1.617 वैरियंट प्रमुखता से पाया जा रहा है. ये वैरियंट अपनी संक्रामता और तेजी से फैलने की क्षमता के कारण वैश्विक चिंता का विषय है.
इन वैरियंट से बचने के लिए वैक्सीन लेना महत्वपूर्ण
इस B.1.617 के तीन प्रकार है. जिन्हें B.1.617.1, B.1.617.2 और B.1.617.3 के रूप में पहचाना जा रहा है. तीनों ही वैरियंट एंटीबॉटी क्षमता को कमजोर करते हैं. तेजी से फैलने वाले इस वैरियंट के खिलाफ सुरक्षा के लिए वैक्सीन के दोनों डोज लेना काफी महत्वपूर्ण है. केन्द्रीय स्वास्थ मंत्री ने कोरोना के खिलाफ इस जंग में वैक्सीन अति आवश्यक बताते रहे हैं- “मैं इस बात पर जोर देना चाहता हूं कि हमें कोविड टीकाकरण को बढ़ाने की जरूरत है. हमारे पास जो भी टीके उपलब्ध हैं, हमें उन्हें जल्द से जल्द देना होगा. आने वाले महीनों में देश में उत्पादन क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि होगी।’
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