किसान आंदोलन: मध्यस्थता की पहल करने वाले लक्खा सिंह का दावा, बातचीत के दौरान भावुक हुए कृषि मंत्री
लक्खा सिंह के साथ बैठक के दौरान कृषि मंत्री नरेन्द्र तोमर ने कहा- हम दस कदम आगे बढ़े.... किसान संगठनों को भी कुछ आगे बढ़ना चाहिए. रद्द करने की बात को छोड़ और कोई भी प्रस्ताव दे... तो सरकार आगे फिर उस पर विचार करेगी.
नई दिल्ली: केन्द्र के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे आंदोलन का आज 44वां दिन है. किसान संगठनों और सरकार के बीच आज दोपहर 2 बजे विज्ञान भवन में बातचीत होगी. आठवें राउंड की औपचारिक बातचीत से पहले एक मध्यस्थ सामने आए हैं.
नानकसर सम्प्रदाय के जुड़े बाबा लक्खा सिंह ने केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर से मुलाकात की. किसानों और सरकार के बीच मध्यस्थता के लिए उन्होंने कृषि मंत्री को प्रस्ताव दिया. एबीपी न्यूज़ से बात करते हुए बाबा लक्खा सिंह ने दावा किया कि केंद्रीय कृषि मंत्री उनसे बातचीत के दौरान रो पड़े. उन्होंने कहा कि सरकार ने बड़े ध्यान से दो घंटे तक हमारी बात सुनी.
सूत्रों के मुताबिक बाबा लक्खा सिंह ने सरकार का पक्ष सुना. कृषि मंत्री ने कहा कि हम दस कदम आगे बढ़े. किसान संगठनों को भी कुछ आगे बढ़ना चाहिए. रद्द करने की बात को छोड़ और कोई भी प्रस्ताव दे तो सरकार आगे फिर उसपर विचार करेगी.
कृषि मंत्री के साथ मुलाकात के बाद लक्खा सिंह ने कहा- "लोगों की जान जा रही है. बच्चे, किसान, बजुर्ग महिला और पुरूष सड़कों पर हैं. दुख असहनीय है. मैंने सोचा कि इसका कैसे भी समाधान होना चाहिए. इसलिए मैं आज कृषि मंत्री से मिला. बातचीत अच्छी रही और हमने समाधान निकालने की कोशिश की."
लक्खा सिंह ने आगे कहा- हमारे पास नया प्रस्ताव होगा और इस मुद्दे का समाधान निकालना होगा. हम जल्द से जल्द इसका समाधान निकालने की कोशिश करेंगे. मंत्री ने हमें यह आश्वस्त किया है कि समाधान में वह हमारे साथ हैं.
कौन हैं लक्खा सिंह? बाबा लक्खा सिंह के अचानाक किसान और सरकार के बीच मध्यस्थकार के तौर पर आने से सरकार के साथ वार्ता से पहले हचलल बढ़ी है. बाबा लक्खा सिंह पंजाब के मोगा की नानकसर सम्प्रदाय से जुड़े हुए हैं. वह नानकसर गुरुद्वारा कलेरां के प्रमुख हैं.