नई दिल्ली: अब तक मोदी सरकार की नीतियों पर समर्थन जताते रहे योगगुरु बाबा रामदेव ने बेरोजगारी के मसले पर कठघरे में खड़ा किया है. उन्होंने बेरोजगारी को भारत माता के माथे का कलंक बताते हुए कहा कि केंद्र और राज्य की सरकारें इसे दूर करने में विफल रही है. रामदेव ने भोपाल में कहा, ''पूरे देश में बेरोजगारी एक बड़ा प्रश्न है. केंद्र और राज्य दोनों ही सरकारें उस दिशा में जितना काम करना चाहिए वो नहीं कर पा रही है. पतंजलि ने पिछले एक महीने में केवल सेल्स विभाग में 11,000 लोगों को नौकरियां दी है. आने वाले कुछ महीनों में उतने ही लोगों को और रोजगार दिया जाएगा. बेरोजगारी, गरीबी, भूखमरी ये भारत माता के माथे पर कलंक है. इनको मिटाना हमारा मकसद है.''


रामदेव पेट्रोल-डीजल की बढ़ती किमतों पर भी सवाल उठा चुके हैं. उन्होंने कहा था कि अगर सरकार चाहे तो आज भी 35 से 40 रुपये पेट्रोल-डीजल मिल सकता है. लेकिन सरकारी खजाना न खाली हो जाए इसका डर रहता है.


आपको बता दें कि विपक्षी दल देशभर में बढ़ी बेरोजगारी को लेकर लगातार मोदी सरकार पर निशाना साध रही है. विपक्ष का दावा है कि मोदी सरकार बनने के बाद रोजगार घटे. इसकी बड़ी वजह नोटबंदी भी है. वहीं सरकार का दावा है कि नौकरियों में कोई कमी नहीं आई है.


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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले दिनों स्वराज्य पत्रिका को दिये गये इंटरव्यू में कहा था, "नौकरियों की कमी से ज्यादा, नौकरियों पर आंकड़े की कमी की समस्या है. हमारे विपक्षी स्वाभाविक रूप से इस अवसर का इस्तेमाल अपनी इच्छानुसार तस्वीर बनाने और हमपर आरोप मढ़ने में कर रहे हैं. मैं हमारे विपक्षियों को नौकरी के मुद्दे पर हमपर आक्षेप लगाने का आरोप नहीं लगाता हूं, आखिरकार किसी के पास भी नौकरियों पर वास्तविक आंकड़ा मौजूद नहीं है."