स्वास्थ्य मंत्री की चिट्ठी के बाद बाबा रामदेव ने जताया खेद, बोले- हम आधुनिक चिकित्सा और एलोपैथी के विरोधी नहीं
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने बाबा रामदेव के बयान को ''बेहद दुर्भाग्यपूर्ण'' करार देते हुए रामदेव को पत्र लिखकर अपने बयान को वापस लेने को कहा था.
![स्वास्थ्य मंत्री की चिट्ठी के बाद बाबा रामदेव ने जताया खेद, बोले- हम आधुनिक चिकित्सा और एलोपैथी के विरोधी नहीं Baba Ramdev expressed regret for his remarks says We are not opposed to modern medicine and allopathy स्वास्थ्य मंत्री की चिट्ठी के बाद बाबा रामदेव ने जताया खेद, बोले- हम आधुनिक चिकित्सा और एलोपैथी के विरोधी नहीं](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2021/05/23/0c3542c6a20350349fbbd028350cb96e_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
नई दिल्ली: बाबा रामदेव ने एलोपैथी दवाओं को लेकर दिया अपना विवादास्पद बयान वापस ले लिया है. इससे पहले केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने इस बयान को 'बेहद दुर्भाग्यपूर्ण करार देते हुए रामदेव को पत्र लिखकर इसे वापस लेने को कहा था.
बाबा रामदेव ने बयान वापस लेते हुए एक पत्र भी केंद्रीय मंत्री हर्षवर्धन को लिखा है. उन्होंने ट्वीट किया, 'डॉ. हर्षवर्धन जी आपका पत्र प्राप्त हुआ, उसके संदर्भ में चिकित्सा पद्दतियों के संघर्ष के इस पूरे विवाद को खेदपूर्वक विराम देते हुए मैं अपना वक्तव्य वापस लेता हूं और यह पत्र आपको संप्रेषित कर रहा हूं.' अपने पत्र में रामदेव ने लिखा है कि वह आधुनिक चिकित्सा विज्ञान और एलोपैथी के विरोधी नहीं है.
माननीय श्री @drharshvardhan जी आपका पत्र प्राप्त हुआ,
— स्वामी रामदेव (@yogrishiramdev) May 23, 2021
उसके संदर्भ में चिकित्सा पद्दतियों के संघर्ष के इस पूरे विवाद को खेदपूर्वक विराम देते हुए मैं अपना वक्तव्य वापिस लेता हूँ और यह पत्र आपको संप्रेषित कर रहा हूं- pic.twitter.com/jEAr59VtEe
हर्षवर्धन ने रामदेव को पत्र लिखकर कहा, 'आपका बयान कोरोना योद्धाओं का अनादर और देश की भावनाओं को आहत करता है. एलोपैथी पर आपका बयान स्वास्थ्यकर्मियों का मनोबल तोड़ सकता है. इससे कोविड-19 के खिलाफ हमारी लड़ाई कमजोर हो सकती है.' स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि एलोपैथी दवाओं ने करोड़ों लोगों का जीवन बचाया है और यह टिप्पणी ‘बेहद दुर्भाग्यपूर्ण’ है कि इससे लाखों लोगों की जान गई है.
हर्षवर्धन ने पत्र में कहा, 'बाबा रामदेव, आप जानी-मानी हस्ती हैं और आपके बयान अहमियत रखते हैं. मुझे लगता है कि आपको समय और हालात को मद्देनजर रखते हुए कोई बयान देना चाहिए. मुझे उम्मीद है कि आप इस बारे में गंभीरता से विचार करेंगे. दुनियाभर के कोरोना योद्धाओं की भावनाओं का ध्यान रखते हुए आपको अपना बयान वापस लेना चाहिए.'
बता दें कि भारतीय चिकित्सा संघ (आईएमए) ने सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक वीडियो का हवाला देते हुए शनिवार को कहा था कि रामदेव ने दावा किया है कि एलोपैथी ‘बकवास विज्ञान’ है और भारत के औषधि महानियंत्रक के जरिए कोविड-19 के इलाज के लिए मंजूर की गई रेमडेसिविर, फैबीफ्लू और ऐसी अन्य दवाएं बीमारी का इलाज करने में असफल रही हैं. आईएमए के अनुसार रामदेव ने कहा था, 'एलोपैथी दवाएं लेने के बाद लाखों की संख्या में मरीजों की मौत हुई है.'
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