नई दिल्ली: योगगुरू बाबा रामदेव ने कहा कि भारत दुनिया की पांच बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में शामिल है. एबीपी न्यूज़ से खास बातचीत में उन्होंने कहा कि लॉकडाउन से बाहर निकलने के लिए दुनिया के जिन चार-पांच बड़े देशों ने फैसले लिए उसमें भारत के प्रधानमंत्री भी अग्रणी भूमिका में हैं. उन्होंने कहा कि बेरोजगारी की समस्या, किसानों की समस्या , इंडस्ट्री और दूसरे क्षेत्रों के सामने जो मुश्किलें हैं, उससे कैसे बाहर निकला जाए, ये हमारे सामने एक बहुत बड़ी चुनौती है.


बाबा रामदेव ने कहा, ‘’पिछले दिनों हमने सीएमआई की रिपोर्ट के मुताबिक देखा कि 40 करोड़ लोगों के पास मार्च तक नौकरियां थीं जो कि 11 लाख 40 करोड़ कम हो गईं. इतनी बड़ी संख्या में लोगों की नौकरियां कम हो जाना कोई छोटा चैलेंज नहीं है. अगर गुप्त बेरोजगारी को इसमें शामिल कर लें तो ये बहुत बड़ी चुनौती हो जाती है.’’


इसके साथ ही उन्होंने कहा, ‘’आज भारत से करीब 50 गुना ज्यादा चीन एक्सपोर्ट करता है. 2003 में चीन जहां खड़ा था, वहां हम आज पहुंचे हैं. वर्ल्ड इकॉनमी में हमारा एक्सपोर्ट 4.7 फीसदी है. आज चीन का वर्ल्ड इकॉनमी में सत्रह फीसदी योगदान है. अगर हम चीन की तुलना में भारत की अर्थव्यस्था को कम से कम बराबर ला सके तो हम सुपरपावर बन सकते हैं.’’


लोकल को ग्लोबल बनाने के लिए बड़ी सोच और कड़ी मेहनत की जरूरत


चीन की बराबरी कैसे कर पाएंगे, इस सवाल के जवाब में बाबा रामदेव ने कहा, ‘’हमारे सामने बहुत सारे सवाल हैं. प्रधानमंत्री ने खुद संकेत दिए हैं कि लेबर लॉ के अंदर हमें सुधार करना पड़ेगा. हमें भूमि अधिग्रहण के बारे में बहुत कुछ सुधार करना पड़ेगा...इंडस्ट्री के बीच भरोसा पैदा करना होगा. भारत के सामनों के बारे में भरोसा पैदा करना होगा. पीएम ने कहा कि लोकल के बारे में वोकल बनना है और लोकल को ग्लोबल बनाना है. इसके लिए बहुत बड़ी सोच के साथ कड़ी मेहनत करनी है.


देसी प्रोडक्ट्स के बारे में चर्चा करते हुए बाबा रामदेव ने कहा, ‘’दुनिया के सामने जब आप ब्रांड लेकर खड़े होते हैं, तब आपको बहुत मेहनत करनी होती है. भरोसा पैदा करने के लिए तीन चीजें मुख्य हैं. पहला इंफ्रास्ट्रक्टर, दूसरा स्पालई चेन और तीसरा डिस्ट्रीब्यूशन है.


बातचीत दौरान उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत में प्रतिभाओं की कमी नहीं है. जितना इंफ्रास्ट्रक्चर चाहिए, उतना पर्याप्त है. अगर बढ़ाना होगा तो उसे बढ़ा लेंगे. स्वदेशी को आगे बढ़ाना है तो लोगों में हौसला बढ़ाना होगा. हम जरूर सफल होंगे. आत्म निर्भरता के सिवाय कोई दूसरा रास्ता नहीं है.


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