नई दिल्लीः 5 साल में 10,000 करोड़ रुपये की तरक्की वो भी ऐसे शख्स की कंपनी की जिसने कभी मैनेजमेंट की एबीसीडी नहीं पढ़ी हो और कभी कारोबार से लेनादेना नहीं रहा हो. बाबा रामदेव की पतंजलि, एफएमसीजी सेक्टर में सालों से कारोबार कर रहीं देसी-विदेशी कंपनियों को पीछे छोड़ती दिख रही है.


पतंजलि में बाबा रामदेव का रुतबा
बाबा रामदेव पतंजलि के कहिए तो मालिक भी हैं और ब्रैंड एंबेसडर भी लेकिन उनके पास कोई शेयर नहीं है. पतंजलि के असली मालिक हैं बालकृष्ण. पिछले साल फोर्ब्स ने जब अमीर भारतीयों की लिस्ट निकाली तो उसमें बालकृष्ण का नंबर 48वां था. इसके बाद भी पतंजलि में बाबा रामदेव का ही सिक्का चलता है .


पतंजलि के विज्ञापनों में खुद नजर आकर बाबा रामदेव विदेशी कंपनियों के खिलाफ जन-जागरण और पतंजलि के बाजार विस्तार पर काम कर रहे हैं. बाबा का सपना है कि अगले 5 साल में विदेशी कंपनियों को भारत के बाजार से उखाड़ फेंका जाए. बाबा की तरक्की देखकर ऐसा साफ लगता है कि बाबा के दावे में दम है. भारतीय उद्योगों की संस्था एसोचैम की इसी साल की रिसर्च रिपोर्ट में कहा गया है कि पतंजलि आयुर्वेद FMCG बाजार के लिए हानिकारक है. पहले तो पतंजलि आर्युवेद ने केवल आयुर्वेदिक दवाओं पर काम करना शुरू किया लेकिन बाद में उसने खाने पीने की चीजें और कास्मेटिक प्रोडक्ट बनाना शुरू कर दिया.


देशी-विदेशी कंपनियों को पतंजलि दे रही है जोरदार टक्करः-
बाबा का मुकाबला एफएमसीजी दिग्गज आईटीसी, डाबर, हिंदुस्तान यूनिलीवर, नेस्ले जैसी देसी और विदेशी कंपनियों से है. पतंजलि ने 2016-17 के दौरान कुल मिलाकर 10561 करोड़ रुपये का कारोबार किया जबकि हिंदुस्तान यूनिलीवर का कारोबार पहले 9 महीने में 25 हजार 600 करोड़ रहा. कोलगेट पॉलमोलिव की आमदनी 3199 करोड़ रुपये रही. दोनों ही कंपनियों के सालाना नतीजों का अभी ऐलान होना बाकी है, वहीं एक और घरेलू कंपनी डाबर का कारोबार करीब 5370 करोड़ रुपये का रहा है.


पतंजलि के प्रोडक्ट्स का बढ़ता दबदबा

  • 2016-17 में सिर्फ देसी घी बेचकर बाबा रामदेव की पतंजलि ने 1467 करोड़ रुपए कमा लिए.

  • वहीं साल 2016-17 में दंतकाति टूथपेस्ट ने 940 करोड़ रुपये का कुल कारोबार किया. टूथपेस्ट के कारोबार में दंतकांति की हिस्सेदारी 14 फीसदी हो गई है.

  • शहद कारोबार में पतंजलि का हिस्सा 50 फीसदी हो गया है.

  • साल 2016-17 में पतंजलि ने 574 करोड़ रुपये का हर्बल बाथ साबुन बेचा है.

  • शैंपू बाजार के 14 फीसदी हिस्से पर पतंजलि का कब्जा हो चुका है.

  • फेसवॉश का कारोबार 228 करोड़ रुपए रहा है. फेसवॉश में बाबा के ब्रैंड का 15 फीसदी बाजार हिस्सेदारी पर कब्जा हो गया है.

  • पतंजलि के केशकांति यानी बालों में लगाने वाले तेल ने 825 करोड़ का कारोबार किया.

  • डिशवॉश में 35 फीसदी बाजार हिस्सेदारी पतंजलि के डिशवॉश प्रोडेक्ट की है.



बाबा रामदेव का आगे का बिजनेस प्लान
बाबा ने आगे आने वाले समय के लिए जोरदार बिजनेस प्लान भी बनाया है. इसके तहत पतंजलि की उत्पादन क्षमता 30 हजार करोड़ से बढ़ाकर 60 हजार करोड़ रुपये की जाएगी. डिस्ट्रीब्यूटर की संख्या 6 हजार से बढ़ाकर 12 हजार होगी. सामान बेचने के लिए 20-25 हजार सेल्समैन लिए जाएंगे जबकि 2 हजार से ज्यादा सेल्स ऑफिसर की टीम बनेगी. चावल, आटा, कॉस्मेटिक के लिए 82 नए प्रोडक्ट्स लॉन्च होंगे.


पतंजलि प्रोडेक्ट्स को लेकर हुआ विवाद
पतंजलि प्रोडक्ट को लेकर रह रहकर विवाद भी उठता रहा है. गोमूत्र के इस्तेमाल के विवाद ने तो धार्मिक एंगल ले लिया. हालांकि बाबा रामदेव ने साफ कर दिया है कि कंपनी के 1000 से भी ज्यादा प्रोडक्ट में 5 को छोड़कर किसी में गोमूत्र का इस्तेमाल नहीं होता है.


बाबा जिस एफएमसीजी इंडस्ट्री में कारोबार कर रहे हैं उसका बाजार देश का हर घर है. एसोचैम के एक अनुमान के मुताबिक देश में एफएमसीजी इंडस्ट्री हर साल करीब 10 फीसदी की औसत से बढ़ रही है. 65 फीसदी खरीदार शहरों में रहने वाले लोग हैं. एफएमसीजी इंडस्ट्री भारत की चौथी सबसे बड़ी इंडस्ट्री है. जाहिर है जब इंडस्ट्री का दायरा बढ़ेगा तो रामदेव की पतंजलि का धंधा तो बढ़ेगा ही पतंजलि का रुतबा भी बढ़ जाएगा.