भिवानी: दंगल गर्ल बबीता फोगाट रविवार को भारत केसरी पहलवान विवेक सुहाग के साथ शादी के बंधन में बंध गईं. इस शादी में दिलचस्प बात ये रही कि दोनों पहलवानों ने इस पवित्र बंधन में बंधने के लिए सात की बजाय आठ फेरे लिए. आठवें फेरे के दौरान बबीता और विवेक ने "बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ" का संदेश दिया. जिसकी हर तरफ सराहना की जा रही है.
बलाली गांव में संपन्न हुए इस शादी समारोह में सामाजिक संदेश देने के लिए सात की जगह आठ फेरे लिए गए. शादी समारोह को लेकर दोनों ही परिवारों में पिछले एक सप्ताह से तैयारियां जोरों पर थीं. रविवार शाम करीब साढ़े सात बजे बारात बलाली पहुंची जहां बबीता के परिवार के लोगों ने दूल्हे विवेक और शादी में आए मेहमानों के लिए खास तौर पर हरियाणवी देसी खाना तैयार कराया गया. शादी में सिर्फ 21 बाराती ही आए और साधारण तरीके से शादी का कार्यक्रम हुआ. समारोह में परिवार के अलावा कई विदेशी पहलवान भी मौजूद रहे.
समारोह में मेहमानों के लिए खाने के खास इंतजाम किए गए थे. शादी में देशी घी का हलवा, सरसों का साग, खीर-चूरमा, बाजरा रोटी, चटनी सहित सभी व्यंजन थे. शादी बिना दान-दहेज और साधारण रीति-रिवाज व तमाम हिंदू रस्मों के साथ संपन्न हुई. परिजनों ने बताया कि बढिय़ा तरीके से संपन्न हुई इस शादी को लेकर दोनों ही परिवार बहुत खुश हैं.
दो दिसंबर यानी आज दोनों पक्षों की ओर से दिल्ली में एक कार्यक्रम रखा गया है जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, केंद्रीय मंत्रियों के आलवा मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर समेत कई नेताओं, देशी और विदेशी पहलवानों के आने की उम्मीद है. खुद बबीता और विवेक सुहाग ने तमाम बड़ी हस्तियों से मिलकर उन्हें न्योता दिया था.
बबीता की करीब पांच साल से दिल्ली के नजफगढ़ के विवेक सुहाग से दोस्ती थी. दोनों की मुलाकात दिल्ली ताज होटल में एक कार्यक्रम के दौरान हुई थी. इसी दौरान उनकी दोस्ती प्यार में बदली. इसके बाद दोनों ने अपने-अपने परिवार से रिश्ते को लेकर बात की और शादी करने की इच्छा जताई. इसी साल दो जून को दोनों के परिवारों ने इस रिश्ते को मंजूरी दे दी थी. बबीता फोगाट चरखी दादरी जिले के गांव बलाली की हैं और विवेक झज्जर जिले के गांव मातनहेल के मूल निवासी हैं. विवेक अब दिल्ली के नजफगढ़ में रह रहे हैं. भारत केसरी खिताब जीत चुके पहलवान विवेक फिलहाल भारतीय रेलवे में कार्यरत हैं.
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