लखनऊः साल 1992 के बाबरी मस्जिद विध्वंस प्रकरण की सुनवायी कर रही सीबीआई की विशेष कोर्ट ने सोमवार को मामले के आरोपियों पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी, भाजपा नेता मुरली मनोहर जोशी व उमा भारती से कहा कि बयान दर्ज कराने के लिए अदालत के बुलाने पर उन्हें व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होना पड़ेगा. हालांकि, कोर्ट ने अभी उनकी उपस्थिति के लिए कोई तारीख तय नहीं की है .
अपने आदेश में विशेष न्यायाधीश सुरेंद्र कुमार यादव ने कहा कि पत्रावली के अवलोकन से स्पष्ट है कि आरोपियों आडवाणी, जोशी एवं उमा भारती की अगले आदेश तक उपस्थिति से छूट संबंधी प्रार्थना पत्र स्वीकार करते समय यह आदेश दिया गया था कि उनका अनुरोध सशर्त स्वीकार किया जाता है और कोर्ट के बुलाने पर वे उपस्थित रहेंगे.
सीआरपीसी की धारा 313 के तहत दर्ज होगा बयान
कोर्ट ने कहा कि वर्तमान में आरोपियों का सीआरपीसी की धारा 313 के तहत बयान दर्ज किया जा रहा है. इसलिए तीनों को निर्देश दिया जाता है कि निर्धारित तिथि पर बुलाए जाने पर वे अदालत में अपनी उपस्थिति सुनिश्चित करेंगे. दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने 19 अप्रैल 2017 को विशेष कोर्ट को आदेश दिया था कि वह इस मामले की रोजाना सुनवाई करे और सुनवाई दो साल में पूरी करे. सुप्रीम कोर्ट ने इस साल आठ मई को विशेष न्यायाधीश के लिए नई समय सीमा तय करते हुए 31 अगस्त तक फैसला सुनाने को कहा.
सुप्रीम कोर्ट ने 2017 में इन तीनों के अलावा कुछ अन्य आरोपियों के खिलाफ षड्यंत्र करने के अपराध में मुकदमा चलाने का विशेष कोर्ट को आदेश दिया था. इसके बाद सम्मन किये जाने पर आडवाणी, जोशी एवं उमा कुछ अन्य आरोपियों के साथ 26 मई 2017 को विशेष कोर्ट में हाजिर हुए थे. उन्होंने अपनी जमानत करायी जिसके बाद कोर्ट ने उन पर आरोप तय करने की कार्यवाही की .
व्यक्तिगत उपस्थिति से छूट के लिये लगाई अर्जी
इसके बाद तीनों की ओर से व्यक्तिगत उपस्थिति से छूट देने के लिये अर्जी दी गई. कोर्ट ने उनकी अर्जियां सशर्त मंजूर की थीं. अब कोर्ट सीआरपीसी की धारा 313 के तहत आरोपियों के बयान दर्ज कर रही है. इसलिये बतौर आरोपी इन तीनों की भी व्यक्तिगत उपस्थिति आवश्यक है क्योंकि तभी कोर्ट उनसे उनके निर्दोष होने के बाबत सवाल कर सकेगी.
सीबीआई वकील ललित सिंह ने बताया कि सोमवार को आरोपी राम जी गुप्ता के बयान दर्ज किये गये, जबकि अन्य की तरफ से हाजिरी माफी की अर्जियां आयी थीं. कोर्ट मंगलवार को भी सुनवायी जारी रखेगी. मामले में कुल 32 आरोपियों पर मुकदमा चल रहा है.
अन्य 29 आरोपियों में राज्य के तत्कालीन मुख्यमंत्री कल्याण सिंह, विनय कटियार, डा राम विलास वेदांती, महंत नृत्य गोपाल दास, साध्वी रितम्भरा, बृज भूषण शरण सिंह, लल्लू सिंह, साक्षी महाराज भी शामिल हैं.
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