लखनऊ: अयोध्या में 6 दिसम्बर 1992 को बाबरी के विवादित ढांचे को गिराए जाने के मामले में सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने आज सभी आरोपियों को बरी कर दिया है. आरोपियों को बरी करने के बाद बाबरी एक्शन कमेटी के संयोजक जफरयाब जिलानी ने कहा है कि कोर्ट का फैसला बिल्कुल गलत है और हम अब हाई कोर्ट में इसे चुनौती देंगे.


यह नहीं कह सकते कि सीबीआई ने मजबूती से केस नहीं लड़ा- जिलानी


बाबरी एक्शन कमेटी के संयोजक जफरयाब जिलानी ने कहा है, ''फैसला बिल्कुल गलत है, कानून और सुबूतों के खिलाफ है. लेकिन फैसला तो फैसला है. हम फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती देंगे. यह नहीं कह सकते कि सीबीआई ने मजबूती से केस नहीं लड़ा. हम तो हर बयान को देख रहे थे, इन्हीं बयानों के आधार पर हाई कोर्ट ने आडवाणी के डिस्चार्ज का ऑर्डर खत्म किया था.''


जफरयाब जिलानी ने आगे कहा, ''अब कोई नहीं चीज हमें नहीं लेनी है, जो रिकॉर्ड में आ गयी है उसी पर जाएंगे. सुप्रीम कोर्ट तक जाने के लिए भी अलग से सुबूत नहीं लाने हैं.''


सूबतों के अभाव में सभी आरोपी बरी


सभी आरोपियों को बरी करने से पहले कोर्टरूम में जज एसके यादव ने कहा कि विवादित ढांचा गिराने की घटना पूर्व नियोजित नहीं थी. ये घटना अचानक हुई थी. इसके बाद जज ने सबूतों के अभाव में सभी आरोपियों को बरी कर दिया गया. फैसले के दौरान लाल कृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, कल्याण सिंह, सतीश प्रधान, महंत गोपालदास और उमा भारती मौजूद नहीं थे.


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