नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में फैसले के लिए लखनऊ की स्पेशल कोर्ट की समय सीमा को बढ़ाकर 30 सितंबर कर दिया है. इस मामले में बीजेपी के सीनियर नेता लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती और अन्य नेता आरोपी हैं.


सुनवाई कर रहे जज एसके यादव की रिपोर्ट देखने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने निपटारे की समय सीमा एक महीना बढ़ा दी है. इससे पहले इसमें फैसले के लिए 31 अगस्त तक का समय दिया गया था. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट को अप्रैल 2017 में दिन-प्रतिदिन की सुनवाई करने और दो साल में सुनवाई पूरी करने का निर्देश दिया था.





बता दें कि इस मामले में आडवाणी ने 24 जुलाई को अपना बयान दर्ज कराया था. अपने बयान में उन्होंने विवादित ढांचा गिराये जाने की साजिश में शामिल होने से इंकार किया था. उन्होंने कहा था कि राजनीतिक वजहों से उन्हें बाबरी मस्जिद ढहाये जाने के मामले में अनावश्यक रूप से घसीटा जा रहा है.


वहीं बीजेपी के वरिष्ठ नेता पूर्व केन्द्रीय मंत्री मुरली मनोहर जोशी ने 23 जुलाई को विशेष सीबीआई अदालत में अपना बयान दर्ज कराया था. उन्होंने खुद को निर्दोष बताते हुए केन्द्र की तत्कालीन कांग्रेस सरकार पर राजनीतिक बदले की भावना से फंसाने का आरोप लगाया.


ISIS आतंकी ने कुछ महीने पहले अपने गांव में किया था विस्फोटक का टेस्ट, दिल्ली में हमले का था इरादा- पुलिस