Babri Demolition Case Verdict LIVE: आडवाणी-जोशी और उमा समेत सभी 32 आरोपी बरी
Babri Masjid Demolition Case Verdict Live Updates: कोर्ट ने सभी 32 आरोपियों को बरी कर दिया है. इस मामले में लाल कृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी जैसे बड़े नाम शामिल थे.
एबीपी न्यूज़
Last Updated:
30 Sep 2020 02:47 PM
बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले के आरोपी और शिवसेना के पूर्व सांसद सतीश प्रधान ने इस मामले में सभी 32 आरोपियों को बरी करने के सीबीआई की विशेष अदालत के आदेश का बुधवार को स्वागत किया. उन्होंने कहा कि सच्चाई की जीत हुई है.
आरोपियों के बरी होने के बाद एआईएमआईएम चीफ ओवैसी ने ट्वीट किया है, ''वही कातिल वही मुनसिफ अदालत उसकी वो शाहिद. बहुत से फैसलों में अब तरफदारी भी होती है. कातिल- कत्ल करने वाला
मुनसिफ- जज. शाहिद- गवाह. तरफदारी- पक्षपात.''
शिवसेना सांसद संजय राऊत ने कहा है, ''28 साल बाद बाबरी मश्जिद को लेकर जो फैसला आया है उसका हम स्वागत करते हैं. मैं और मेरी पार्टी लालकृष्ण आडवाणी और अन्य सभी जो इसमें बाइज्जत बरी हुए हैं उनका अभिनंदन करते हैं.''
बरी होने के बाद मुरली मनोहर जोशी ने कहा, ‘’आज लखनऊ की सीबीआई कोर्ट ने एक आऐतिहासिक निर्णय दिया है. वो निर्णय इस बात को सिद्ध करता है कि 6 दिसंबर को अयोध्या में हुई घटनाओं के कोई षड़यंत्र नहीं था, वो आकस्मिक था. हमारा स्वयं का आंदोलन का राम मंदिर निर्माण के लिए किया जा रहा था, बीजेपी के उस वक्त के अध्यक्ष के रूप में मैं सहयोग कर रहा था. इस का उद्देश्य जनजागरण करना और राम मंदिर के लिए देश भर में आंदोलन तैयार करना था और तथ्यों को लोगों के सामने रखना था.’’
बाबरी एक्शन कमेटी के संयोजकज फरयाब जिलानी ने कहा है, ''फैसला बिल्कुल गलत है, कानून और सुबूतों के खिलाफ है.लेकिन फैसला तो फैसला है. हम फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती देंगे. यह नहीं कह सकते कि सीबीआई ने मजबूती से केस नहीं लड़ा. हम तो हर बयान को देख रहे थे, इन्हीं बयानों के आधार पर हाई कोर्ट ने आडवाणी के डिस्चार्ज का ऑर्डर खत्म किया था. अब कोई नहीं चीज हमें नहीं लेनी है, जो रिकॉर्ड में आ गयी है उसी पर जाएंगे. सुप्रीम कोर्ट तक जाने के लिए भी अलग से सुबूत नहीं लाने.''
बरी होने के बाद लाल कृष्ण आडवाणी ने कहा है, ''आज का जो निर्णय हुआ है वो अत्यंत महत्वपूर्ण है. ये हम सब के लिए बहुत खुशी का प्रसंग है. जब यह समाचार सुना, जय श्रीराम कह कर हमने इसका स्वागत किया.''
लाल कृष्ण आडवाणी के बरी होने के बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने उनसे फोन पर बातचीत की है. वहीं केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद भी एलके आडवाणी से मिलने उनके आवास पर पहुंचे हैं.
बाबरी विध्वंस मामले में लाल कृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, कल्याण सिंह, सतीश प्रधान, महंत गोपालदास और उमा भारती समेत सभी 32 आरोपियों को बरी कर दिया है.
बाबरी विध्वंस मामले में फैसला आना शुरू हो गया है. जज एसके यादव ने कहा है कि विवादित ढांचा गिराने की घटना पूर्व नियोजित नहीं थी. ये घटना अचानक हुई थी.
कोर्टरूम में लाल कृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, कल्याण सिंह, सतीश प्रधान, महंत गोपालदास और उमा भारती मौजूद नहीं है. ये सभी लोग अपने अपने कारणों से गैरहाजिर हैं. कहा जा रहा है कि इन सभी लोगों की वीडियो कॉन्फ्रंसिंग के जरिए पेशी हो सकती है.
कोर्टरूम में सिर्फ आरोपी और वकील ही रहेंगे. कोर्टरूम में मौजूद 26 आरोपियों की हाजिरी लग चुकी है. लाल कृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और उमा भारती समेत 6 आरोपी कोर्ट से गैरहाजिर हैं.
कोर्टरूम में जज ने पेशकार से आरोपियों की जानकारी मांगी है. आरोपियों के वकील ने सभी मौजूद और अनुपस्थित आरोपियों की जानकारी जज एसके यादव को दे दी है.
कोर्ट रूम में अब सभी 36 आरोपी पहुंच चुके हैं. कोर्टरूम में बीजेपी सांसद साक्षी महाराज भी मौजूद हैं. थोड़ी देर में जज एसके यादव फैसला सुनाने वाले हैं.
जज एसके यादव कोर्ट परिसर में पहुंच गए हैं. अब कुछ ही देर में फैसला आ सकता है. सीबीआई कोर्ट के फैसले से पहले अदालत के बाहर बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है.
साध्वी ऋतम्भरा समेत 18 आरोपी कोर्ट पहुंच गए हैं. जज एसके यादव सुबह 11 बजे कोर्ट पहुचेंगे और उसके बाद कार्रवाई शुरू होगी. फ़ैसला 11 से दोपहर 1 बजे के बीच कभी भी आ सकता है.
फैसले को देखते हुए सीबीआई कोर्ट के बाहर बड़ी संख्या में सुरक्षा बल तैनात है.
बाबरी मस्जिद के पक्षकार रहे इकबाल अंसारी कहते हैं कि अब इस मुकदमे को समाप्त कर देना चाहिए. कोर्ट को चाहिए वह सभी को बरी कर दे. उन्होंने इसके पीछे तर्क दिया कि सुप्रीम कोर्ट से फैसला मंदिर के हक में आ चुका है. इसीलिए अब इस मुकदमे को खत्म कर देना चाहिए. ऐसा नहीं होने पर हिंदू-मुस्लिम सौहार्द को खतरा है. उन्होंने कहा कि मामले में आरोपी रहे कई लोगों की मौत हो चुकी है तो वहीं कई अब काफी बुजुर्ग हो गए हैं.
डकैती को छोड़कर अन्य सभी धाराओं में अधिकतम 3 साल तक की ही सज़ा का प्रावधान है. यानी अगर आरोपियों को डकैती के अलावा अन्य मामलों में सज़ा होती भी है तो तत्काल ज़मानत अर्ज़ी डालकर ज़मानत मिल सकती है. जितने भी बड़े चेहरे हैं, उनमें किसी पर भी डकैती का आरोप नहीं है. ऐसे में जो चर्चित बड़े नाम हैं, अगर उन्हें दोषी माना भी जाता है तो भी फ़ैसले के तुरंत बाद कोर्ट से जमानत मिल जाएगी और वो 3 महीने के भीतर ऊपर की अदालत में फ़ैसले को चुनौती दे सकते हैं.
पांच आरोपियों एल के आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, सतीश प्रधान, उमा भारती और नृत्य गोपाल दास इनके आने की संभावना बेहद कम है. क्योंकि बुजुर्ग है. अगर ये नही आएगे तो इनके वकील कोर्ट की कार्यवाही शुरु होते ही व्यक्तिगत रुप से मौजूद ना रहने का आवेदन कोर्ट में डालेंगे.
बाबरी के ढांचे को गिराए जाने को लेकर आईपीसी की धारा 395, 147, 149, 253, 153ए, 153बी, 295, 505, 147, 120बी के तहत जांच शुरू हुई थी. बाद में 332, 338 और 201 को जोड़ा गया. क्राइम नम्बर 198 और 197 में लगी इन धाराओं में 395 डकैती की धारा है, जिसमें अधिकतम 5 साल तक कि सज़ा का प्रावधान है.
अयोध्या में राम जन्मभूमि को लेकर 2 तरह के मामले दायर हुए थे. पहला मामला टाइटल सूट का था, जिसमें 67 एकड़ के विवादित परिसर के मालिकाना हक़ को लेकर 2 धर्म (हिन्दू और मुस्लिम) के लोगों में विवाद था. पहला मामला सिविल कोर्ट का था जिसमें ज़मीन का मालिकाना हक़ तय होना था. वहीं दूसरा मामला क्रिमिनल कोर्ट का है, जिसमें विवादित परिसर में मौजूद ढांचे को (जिसको मुस्लिम पक्ष मस्ज़िद कहता है) गिराने के अपराध का है. पहले मामले में सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल 9 नवंबर को फ़ैसला देते हुए हिंदुओं के पक्ष में फ़ैसला सुनाया और विवादित परिसर पर हिंदुओं को कब्ज़ा दे दिया गया.
लाल कृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, कल्याण सिंह, उमा भारती, महंत नृत्य गोपाल दास , साध्वी ऋतम्भरा, चम्पत राय, विनय कटियार, राम विलास वेदांती, महंत धरम दास, पवन पांडेय, ब्रज भूषण शरण सिंह, साक्षी महाराज,सतीश प्रधान, आरएन श्रीवास्तव, तत्कालीन डीएम, जय भगवान गोयल, रामचंद्र खत्री , सुधीर कक्कड़, अमरनाथ गोयल, संतोष दुबे, प्रकाश शर्मा, जयभान सिंह पवैया, धर्मेंद्र सिंह गुर्जर, लल्लू सिंह, वर्तमान सांसद, ओम प्रकाश पांडेय, विनय कुमार राय, कमलेश त्रिपाठी, गांधी यादव, विजय बहादुर सिंह, नवीन शुक्ला, आचार्य धर्मेंद्र, रामजी गुप्ता पर फैसला आना है.
बैकग्राउंड
Babri Masjid Demolition Case Verdict Live Updates: अयोध्या में 6 दिसम्बर 1992 को बाबरी के विवादित ढांचे को गिराए जाने के मामले में सीबीआई की स्पेशल कोर्ट आज फैसला सुनाएगी. इस मामले में कुल 49 आरोपी थे, जिनमें 17 आरोपियों की मौत हो चुकी है. ऐसे में कोर्ट ने मामले में बाक़ी बचे सभी 32 मुख्य आरोपियों पर फ़ैसला आएगा. कोर्ट ने सभी 32 आरोपियों को फ़ैसले के दिन सुनवाई में व्यक्तिगत तौर पर शामिल होने को कहा है. हालांकि कोविड 19 की वजह से उम्रदराज़ और बीमार आरोपियों को व्यक्तिगत पेशी से छूट मिलने की संभावना है.
इस मामले में मुख्य आरोपियों में भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती, कल्याण सिंह, विनय कटियार, राम विलास वेदांती, ब्रज भूषण शरण सिंह आदि शामिल हैं. इनके अलावा महंत नृत्य गोपाल दास, चम्पत राय, साध्वी ऋतम्भरा, महंत धरमदास भी मुख्य आरोपियों में हैं. फैसले से जुड़ी पल-पल की अपडेट्स के लिए बने रहिए एबीपी न्यूज़ के साथ.
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