लखनऊः राम मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट की घोषणा के बाद अब बाबरी मस्जिद के निर्माण कार्य को आगे बढ़ाने के लिए ट्रस्ट का एलान 24 फरवरी को होगा. इस दिन सुन्नी वक़्फ़ बोर्ड की अहम बैठक बुलाई गई है. खबर यह भी आ रही है कि बोर्ड के मौजूदा सदस्यों के अलावा पूर्व में मध्यस्थता के प्रयास करने वाले भी ट्रस्ट में रखे जाएंगे.


सुन्नी वक्फ बोर्ड ने अयोध्या में बाबरी मस्जिद के बदले नया मस्जिद बनाने की बात कही है. बताया जा रहा है कि मस्जिद ट्रस्ट को इंडो इस्लामिक कल्चर फाउंडेशन नाम दिया गया है. यह फाउंडेशन ही सरकार से मिली जमीन पर मस्जिद और अन्य तरह के प्रोजेक्ट को पूरा करेगा.


24 फरवरी को सुन्नी वक्फ बोर्ड की बैठक में फाउंडेशन के सदस्यों के नामों की औपचारिक घोषणा की जाएगी. फाउंडेशन के ऐलान के साथ ही मस्जिद के लिए सरकार से मिली जमीन को लेकर भी फैसला होगा. वक्फ बोर्ड के सूत्रों की मानें तो एक तबका मस्जिद के लिए जमीन लेने के खिलाफ है. वहीं सुन्नी वक्फ बोर्ड की बैठक में इस विवाद का निदान भी हो जाएगा.


खबर है कि ट्रस्ट में कुल सात सदस्य बनाए जा सकते हैं. सुन्नी वक्फ बोर्ड का अध्यक्ष ही इस फाउंडेशन का पदेन अध्यक्ष होगा. फिलहाल जुफर फारुखी सुन्नी वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष हैं. नए फाउंडेशन का काम अदालत के आदेश पर मिली 5 एकड़ जमीन पर अस्पताल, विद्यालय, इस्लामिक कल्चरल एक्टिविटीज को बढ़ाने वाले इंस्टिट्यूट, लाइब्रेरी, पब्लिक यूटिलिटी इनफ्रास्ट्रक्चर बनाने से लेकर दूसरी तरह की सामाजिक गतिविधियों को बढ़ाने के लिए हो सकता है.


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मस्जिद फाउंडेशन में इस्लामिक कल्चर को बढ़ावा देने के क्रियाकलापों को किया जाएगा. फाउंडेशन के जरिए सुन्नी वक्फ बोर्ड भारत में दोनों समुदायों के बीच सामंजस्य बनाने के लिए भी कार्यक्रम चलाएगा. सुन्नी बोर्ड ने फाउंडेशन के कामकाज का पूरा खाका तैयार कर लिया है.

गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश सरकार ने सुन्नी वक्फ बोर्ड को जमीन देने के प्रस्ताव पर पहले ही मुहर लगा दी है. योगी सरकार के फैसले के मुताबिक अयोध्या के सोहावल तहसील के धन्नीपुर गांव में सुन्नी वक्फ बोर्ड को 5 एकड़ जमीन दी जाएगी. यह जमीन अयोध्या जिला मुख्यालय से 18 किलोमीटर दूर है.

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