Babul Supriyo Joins TMC: बीजेपी नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो शनिवार को पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस (TMC) में शामिल हो गए.बाबुल सुप्रियो 16वीं और 17वीं लोकसभा में आसनसोल का प्रतिनिधित्व करने वाले संसद सदस्य हैं और उन्होंने केंद्रीय मंत्रिपरिषद में पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री के रूप में भी कार्य किया.
नब्बे के दशक के मध्य में हिंदी सिनेमा में बाबुल सुप्रियो ने एक पार्श्व गायक (बैकग्राउंड सिंगर) के रूप में अपना करियर बनाया और तब से कई फिल्मों के लिए गाया. वह मुख्य रूप से हिंदी, बंगाली और उड़िया भाषाओं में गाते हैं. साथ ही उन्होंने अपने संगीत करियर के दौरान 11 अन्य भाषाओं में पार्श्व गायन किया. उन्होंने 2014 में राजनीति में प्रवेश किया और नरेंद्र मोदी की सरकार में मंत्री बने. उन्होंने पहले केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय, आवास और शहरी गरीबी उपशमन मंत्रालय और भारी उद्योग और सार्वजनिक उद्यम मंत्रालय में राज्य मंत्री के रूप में कार्य किया.
अटल बिहारी वाजपेयी और नरेंद्र मोदी के एक उत्साही प्रशंसक, सुप्रियो मार्च 2014 में भारतीय जनता पार्टी में आए. 2014 के आम चुनाव में, उन्हें आसनसोल के लिए पार्टी द्वारा उम्मीदवार के रूप में नामित किया गया था और डोला सेन को हराकर इसे जीता था.
मोदी सरकार में उन्हें केंद्रीय राज्य मंत्री, शहरी विकास मंत्रालय के रूप में शामिल किया गया था और 9 नवंबर 2014 को आवास और शहरी गरीबी उपशमन मंत्रालय दिया गया. वह सबसे कम उम्र के मंत्री बने. उन्होंने 12 जुलाई 2016 तक इन मंत्रालयों में सेवा की, जिसके बाद उनका पोर्टफोलियो भारी उद्योग और सार्वजनिक उद्यम राज्य मंत्री में बदल दिया गया.
2019 के भारतीय आम चुनाव में, सुप्रियो ने फिर से आसनसोल से भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार के रूप में मुनमुन सेन को 1.97 लाख वोटों से हराया और कुल 6.32 लाख वोट हासिल किए. मई 2019 में वह पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री बने. 19 सितंबर 2019 को, कलकत्ता के जादवपुर विश्वविद्यालय में एक कार्यक्रम में भाग लेने के लिए आमंत्रित किए जाने के बाद, सुप्रियो पर छात्रों द्वारा हमला किया गया था.
2021 के पश्चिम बंगाल विधान सभा चुनाव में, बाबुल सुप्रियो भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार के रूप में टॉलीगंज (विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र) से मैदान में उतरे और 50,000 से अधिक मतों से हार गए. शायद अप्रत्याशित हार से बौखलाकर सुप्रियो ने कहा कि बंगाल ने टीएमसी को वोट देकर 'ऐतिहासिक गलती' की है. हालांकि बाद में फेसबुक पोस्ट को हटा दिया गया.
31 जुलाई 2021 को, बाबुल ने घोषणा की कि उन्होंने राजनीति छोड़ दी है और सांसद पद से भी इस्तीफा दे देंगे. एक फेसबुक पोस्ट में उन्होंने कहा कि उनके और राज्य के बीजेपी नेताओं के बीच मतभेद था और वरिष्ठ नेताओं के बीच मतभेद "पार्टी को नुकसान पहुंचा रहे थे. सुप्रियो मोदी सरकार में मंत्री थे लेकिन जुलाई में केंद्रीय कैबिनेट में फेरबदल से पहले उन्होंने इस्तीफा दे दिया था.
Amarinder Singh Resigns: आखिर कार्यकाल पूरा करने से पहले ही क्यों ‘आउट’ हो गए कैप्टन? जानें बड़ी वजह