PM Modi Badrinath Dham Visit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार (21 अक्टूबर) को उत्तराखंड में स्थित केदारनाथ धाम (Kedarnath Dham) में दर्शन करने के बाद बद्रीनाथ धाम (Badrinath Dham) गए और पूजा-अर्चना की. पीएम मोदी रात में बद्रीनाथ धाम में ही रुके और विकास कार्यों को लेकर देर रात तक बैठक की. माना जा रहा है कि काशी (Kashi) और केदारनाथ धाम के बाद अब बद्रीनाथ धाम की तस्वीर बदलने वाली है.
पीएम मोदी ने अपनी इस यात्रा में हिमालयी क्षेत्र में दो रोप-वे की आधारशिला रखी. उन्होंने जनता से कहा, ''आपके बीच आकर मुझे दो रोपवे प्रोजेक्ट का सौभाग्य मिला.'' पीएम मोदी ने जिन दो रोपवे की आधारशिला रखी, उनमें केदारनाथ रोपवे और हेमकुंड साहिब रोपवे शामिल है.
क्या है विकास कार्यों का मास्टर प्लान?
केदारनाथ धाम की तरह ही बद्रीनाथ धाम में भी विकास कार्यों का मास्टर प्लान बनाया गया है, जिस पर काम शुरू हो गया है. धाम के पुनर्निर्माण के पहले फेज में 280 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. बद्रीनाथ धाम में 'अराइवल प्लाजा' का निर्माण किया जाएगा, जहां श्रद्धालुओं को एक छत के नीचे कई तरह की सुविधाएं मिलेंगी. अलकनंदा नदी के किनारे एक रिवरफ्रंट बनाया जा रहा है, इससे मंदिर के आसपास खूबसूरती में इजाफा होगा. बद्रीनाथ धाम में ही अंतरराज्यीय बस टर्मिनल बनाया जाएगा, इससे धाम में आने वाले श्रद्धालुओं को यात्रा से जुड़ी सुविधाएं मिलेंगी.
गुजरात की कंपनी ने तैयार किया मास्टर प्लान
बद्रीनाथ धाम के विकास का मास्टर प्लान गुजरात की कंपनी आईएनआई ने डिजाइन किया है. जानकारी के अनुसार, धाम का विकास कार्य तीन चरणों में पूरा किया जाएगा. पीएम मोदी ने अपनी केदारनाथ और बदरीनाथ धाम की यात्रा की कुछ तस्वीरें ट्विटर पर शेयर कीं और संस्कृत में श्लोक भी लिखे. पीएम मोदी ने इस मौके पर सेल्फ हेल्प ग्रुप की महिलाओं को संबोधित किया. उन्होंने देशवासियों से अपील की कि जब भी कोई व्यक्ति कहीं घूमने जाए तो उस जगह की चीजें खरीदनें में अपने यात्रा बजट का कम से कम पांच फीसदी धन खर्च करे, इससे वहां के लोगों को रोजगार में मदद हो जाएगी.
क्या कहा पीएम मोदी ने?
पीएम मोदी ने कहा, ''हिंदुस्तानभर से जो प्रवासी आते हैं, जो यात्री आते हैं, जो एडवेंचर के लिए आते हैं, जो श्रद्धा के लिए, किसी भी तरीके से क्यों न आते हों, जीवन में व्रत बनाइए कि आप यात्रा में जितना खर्चा करते हैं, ट्रैवल का खर्चा करते होंगे, खाने का खर्चा करते होंगे, बड़े होटल में रहने के लिए खर्च करते होंगे, आप मन में एक व्रत बनाइये, मैं सभी 130 करोड़ देशवासियों को हिंदुस्तान के उस गांव से बता रहा हूं, चीन की सीमा पर भारत की रखवाली करने वाले गांव के बीच से बोल रहा हूं, मैं उनकी तरफ से बोल रहा हूं, आप जहां भी जाएं यात्रा करने के लिए, इस कठिन क्षेत्र में आएं या पुरी चले जाएं या कन्याकुमारी चले जाएं या सोमनाथ, कहीं पर भी जाएं, एक संकल्प कीजिए, जैसे मैं वोकल फॉर लोकल की बात करता हूं न, मैं आज और एक संकल्प के लिए प्रार्थना करता हूं और देशवासियों को प्रार्थना करना मेरा हक बनता है, मैं आदेश तो नहीं दे सकता हूं, प्रार्थना कर सकता हूं, आप जितना खर्चा करते हैं, तय कीजिए कम से कम पांच परसेंट, यात्रा के टोटल खर्चे में से पांच परसेंट, अगर सौ रुपये खर्च करते हैं तो उसमें से पांच रुपये, उस इलाके में जो कुछ भी स्थानीय उत्पाद है, स्थानीय लोग जो बनाते हैं, आप उसको जरूर खरीदिए. आपके घर में है तो दूसरा लेकर जाइये, किसी को भेंट दे दीजिए लेकिन वहां से जरूर लेकर जाइये. आपको में विश्वास दिलाता हूं इन सारे क्षेत्रों में इतनी रोजी रोटी मिल जाएगी.''
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