(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Bageshwar Dham: 'मैं किसी से नहीं डरता', आरोपों पर बोले बागेश्वर धाम वाले धीरेंद्र शास्त्री- लोगों ने भगवान को नहीं छोड़ा
Bageshwar Dham Sarkar: मध्य प्रदेश के छतरपुर स्थित बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री कथा वाचक हैं. उनपर जादू-टोना करने और अंधविश्वास फैलाने का आरोप लगा है.
Bageshwar Dham Sarkar: बागेश्वर धाम सरकार के नाम से मशहूर कथावाचक आचार्य धीरेंद्र शास्त्री ने अपने ऊपर उठ रहे आरोपों पर सफाई पेश की है. एबीपी न्यूज से बातचीत में धीरेंद्र शास्त्री ने कहा, 'मैं किसी से डरता नहीं हूं.' उन्होंने यह भी कहा कि लोगों ने तो भगवान पर भी सवाल उठाए.
महाराष्ट्र की एक संस्था ने धीरेंद्र शास्त्री पर अंधविश्वास फैलाने का आरोप लगाते हुए उन्हें चुनौती दी थी कि वे नागपुर में उसके मंच पर आकर अपने चमत्कारों को दिखाएं. अगर ऐसा नहीं कर पाते हैं तो मुकदमा झेलने को तैयार रहें. धीरेंद्र शास्त्री इस चुनौती पर वहां नहीं पहुंचे और वापस लौट आए. इस पर कहा जाने लगा कि धीरेंद्र शास्त्री डर के मारे भाग आए. सोशल मीडिया पर धीरेंद्र शास्त्री के समर्थन और विरोध में लोग खूब लिख रहे हैं.
'लोगों ने भगवान को नहीं छोड़ा'
पूरे विवाद को लेकर एबीपी न्यूज से विशेष बात करते हुए धीरेंद्र शास्त्री ने कहा, 'आदिकाल से भगवान राम को लोगों ने नहीं छोड़ा. ये भारत देश वो देश है, जहां भगवान राम से उनके होने के लिए सबूत मांगा गया. अयोध्या के लिए सबूत मांगा गया. भगवान कृष्ण को नहीं छोड़ा, उनको तांत्रिक और चमत्कारी कहा जाता रहा, तो हमें भरोसा है कि हम तो आम इंसान हैं, हमें कब छोड़ेंगे.'
पूरा मामला समझिए
मध्य प्रदेश के छतरपुर स्थित बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री कथा वाचक हैं. वह दावा करते हैं कि वे मन की बात जान लेते हैं. उनकी कथा के वीडियो खूब वायरल होते रहते हैं, जिसमें वे ऐसा करते दिखाई देते हैं. प्रसिद्धि बढ़ी तो धीरेंद्र शास्त्री को देश के अलग-अलग राज्यों से कथा के लिए बुलावा आने लगा. ऐसी ही एक कथा में वह नागपुर गए हुए थे. यह कथा 13 जनवरी तक चलनी थी लेकिन शास्त्री 11 जनवरी को ही वापस लौट गए.
महाराष्ट्र की एक संस्था है- अंध श्रद्धा उन्मूलन समिति. इस संस्था के श्याम मानव ने कहा धीरेंद्र शास्त्री के नाम पर जादू-टोना करते हैं और अंधविश्वास को बढ़ावा देते हैं. उन्होंने पुलिस से धीरेद्र शास्त्री के खिलाफ कार्रवाई करने की भी मांग की. महाराष्ट्र में अंधश्रद्धा उन्मूलन कानून है जिसमें अंधविश्वास फैलाने वाले के खिलाफ कार्रवाई का प्रावधान किया गया है. संस्था ने इसी कानून के तहत कार्रवाई की मांग की.
30 लाख की चुनौती
समिति ने 30 लाख की चुनौती भी दे डाली कि धीरेंद्र शास्त्री अपने दिव्य दरबार में जिन चमत्कारों का दावा करते हैं, उन्हें आकर उसके मंच पर दिखाएं. ऐसा करते हैं तो उन्हें 30 लाख रुपये दिए जाएंगे लेकिन शास्त्री ने चुनौती स्वीकार नहीं की. बल्कि, जैसा ऊपर बताया गया है वह दो दिन पहले ही कथा समाप्त करते वापस लौट गए. इस पर धीरेंद्र शास्त्री मंच को लेकर एक वर्ग सोशल मीडिया पर दावा करने लगा कि वो डरकर भाग गए. हालांकि बहुत सारे लोग उनके समर्थन में भी लिख रहे हैं. वैसे ताजा अपडेट ये है कि एक दिन पहले ही धीरेंद्र शास्त्री ने कहा है कि उन्हें चुनौती कबूल है.
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