Pandit Dhirendra Shastri Padyatra: बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र शास्त्री एक बार फिर चर्चा में हैं. इस बार वजह उनकी कथा नहीं, बल्कि उनकी पदयात्रा है जिसे वह आज (21 नवंबर 2024) से शुरू कर रहे हैं. हिंदू एकता नाम की यह पदयात्रा बागेश्वर धाम से शुरू होगी और ओरछा पर जाकर संपन्न होगी.


पंडित धीरेंद्र शास्त्री की इस पदयात्रा में शामिल होने के लिए उन्हें फॉलो करने वाले हजारों भक्त और समर्थक एक दिन पहले ही बागेश्वर धाम पहुंच गए थे. इन लोगों को संबोधित करते हुए पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने बुधवार रात (20 नवंबर 2024) को कहा कि हम सभी को एक होना होगा.


'ये बजरंगबली की भक्ति का उबाल'


पदयात्रा से पहले आज तक से बात करते हुए धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि हिंदुओं पर अत्याचार हो रहा है और इसे रोकने के लिए सड़क पर उतरने की जरूरत है. पदयात्रा के लिए आई भीड़ को लेकर उन्होंने कहा, "ये बजरंगवली के भक्तों की भक्ति का उबाल है, यह हिंदुओं की जागृति का उबाल है. हमें बजरंगबली की कृपा पर भरोसा है.”


'सड़कों पर उतरेंगे तो बंद होगा अत्याचार'


उन्होंने आगे कहा, “आज हमारा हिंदुओं पर भी भरोसा बढ़ रहा है जब एक आवाज में हिंदू एक दिन धर्म विरोधियों के खिलाफ सड़कों पर उतर जाएंगे तो उसी दिन इस देश में हिंदुओं पर होने वाला अत्याचार बंद हो जाएगा."


वक्फ बोर्ड को लेकर कही बड़ी बात


धीरेंद्र शास्त्री यहीं नहीं रुके, उन्होंने आगे कहा कि हिंदुओं पर अत्याचार हो रहा है. ⁠2005 तक वक्फ के पास कुछ सौ एकड़ ही जमीन थी, लेकिन आज साढ़े आठ लाख एकड़ जमीन है. संसद पर तो दावा ठोक ही रहे हैं कल को यहां भी दावा ठोंक देंगे. 


शादी के सवाल पर दिया ये जवाब 


उन्होंने आगे कहा, "इस यात्रा में शामिल हुए कई लोगों की बेटियों को लव जिहाद के नाम पर ले गए, वो सब हमारे पास रोते हुए आते हैं.  इसलिए हमनें हिंदुओं को एक करने का प्रण ठान लिया. हिंदुओं की जनसंख्या घट रही है और उनकी बढ़ रही है यह चिंता का विषय है. इसी चक्कर में तो हम शादी कर रहे हैं. हम जल्द शादी कर रहे है." 


हिंदुओं को एक कर मिटाएंगे जात-पात का भेद


उन्होंने कहा कि यह यात्रा में आई भीड़ नहीं है. हमारे परिवार के सदस्य हैं. यह मेला तो बागेश्वर धाम पर रोज लगता है. शनिवार और मंगलवार को आओगे तो कहोगे बड़ा पागलपन है यहां. उन्होंने एक बार फिर से बटेंगे तो कटेंगे नारे पर जोर देते हुए कहा कि जातियों में बंटेंगे तो निश्चित रूप से कटेंगे इसलिए तो प्रण लिया है कि हिन्दुओं को एक करेंगे. जाति-पाति को मिटाने का प्रण मैंने लिया है.


ऐसा रहेगा कार्यक्रम


धीरेंद्र शास्त्री अपनी हिंदू एकता पदयात्रा को 29 नवंबर को समाप्त करेंगे. इन 9 दिनों में वह करीब 160 किमी की दूरी तय करेंगे और रास्ते में रुक-रुककर लोगों से बातचीत करते हुए उन्हें एक रहने के लिए समझाएंगे. उनके साथ उनके हजारों भक्त भी चलेंगे. वह रोजाना 20 किमी पैदल चलेंगे.


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