Dhirendra Shastri Marriage: बागेश्वर धाम सरकार वाले बाबा धीरेंद्र शास्त्री इन दिनों सुर्खियों में हैं. अपने बयानों और 'दिव्य दरबार' में दिखाए जाने वाले कथित चमत्कारों को लेकर वे चर्चा में काफी समय से हैं लेकिन इधर जो चर्चा मिली वह कुछ अलग थी. महाराष्ट्र की एक संस्था की चुनौती के चलते बाबा इन दिनों सुर्खियां बटोर रहे हैं. लोग बाबा के समर्थन और विरोध में खूब लिख रहे हैं. कई लोगों ने तो कह दिया कि बाबा को शादी कर लेनी चाहिए. तो कुछ ये भी कह रहे हैं कि बाबा बजरंग बली के भक्त हैं और शादी करने से शक्तियां नष्ट हो जाएंगी. शक्तियों के शादी से जुड़े रहस्य से अब बाबा ने खुद ही पर्दा हटा दिया है.


सवाल का जवाब वो खुद सवाल से देते हैं. वो कहते हैं, "भगवान राम क्या थे? गृहस्थ थे. हनुमान जी किसके सेवक थे? यानि गृहस्थ के सेवक थे."


आगे वह बताते हैं कि 'हमने भगवान बालाजी से आज्ञा ली. गुरुजी से आज्ञा ली. हमने अपने मन से पूछा. सबका कहना है- नो प्रॉब्लम. हम बिल्कुल दावे से कहते हैं कि इससे हमारी शक्तियों में कोई कमी नहीं आएगी.'


लव मैरिज पर कही ये बात
एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया कि गुरु आज्ञा लगी है. लेकिन कब होगी कैसे होगी इस बारे में माता-पिता और गुरुजी जानें. लव मैरिज के सवाल पर उन्होंने सीधे इनकार कर दिया और कहा कि शादी होगी लेकिन लव मैरिज नहीं.


लोगों ने भगवान को नहीं छोड़ा- धीरेंद्र शास्त्री
महाराष्ट्र की एक संस्था ने धीरेंद्र शास्त्री पर अंधविश्वास फैलाने का आरोप लगाते हुए उन्हें चुनौती दी थी कि वे नागपुर में उसके मंच पर आकर अपने चमत्कारों को दिखाएं. अगर ऐसा नहीं कर पाते हैं तो मुकदमा झेलने को तैयार रहें. 


पूरे विवाद को लेकर एबीपी न्यूज से विशेष बात करते हुए धीरेंद्र शास्त्री ने कहा, 'आदिकाल से भगवान राम को लोगों ने नहीं छोड़ा. ये भारत देश वो देश है, जहां भगवान राम से उनके होने के लिए सबूत मांगा गया. अयोध्या के लिए सबूत मांगा गया. भगवान कृष्ण को नहीं छोड़ा, उनको तांत्रिक और चमत्कारी कहा जाता रहा, तो हमें भरोसा है कि हम तो आम इंसान हैं, हमें कब छोड़ेंगे.'


क्यों विवादों में हैं बाबा?
मध्य प्रदेश के छतरपुर स्थित बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री कथा वाचक हैं. वो दावा करते हैं कि वे मन की बात जान लेते हैं. उनकी कथा के वीडियो इस समय खूब वायरल होते रहते हैं, जिसमें वे ऐसा करते दिखाई देते हैं. प्रसिद्धि बढ़ी तो धीरेंद्र शास्त्री को देश के अलग-अलग राज्यों से कथा के लिए बुलावा आने लगा. ऐसी ही एक कथा में वह नागपुर गए हुए थे. यह कथा 13 जनवरी तक चलनी थी लेकिन शास्त्री 11 जनवरी को ही वापस लौट गए. 


महाराष्ट्र की एक संस्था है- अंध श्रद्धा उन्मूलन समिति. इस संस्था के श्याम मानव ने कहा धीरेंद्र शास्त्री के नाम पर जादू-टोना करते हैं और अंधविश्वास को बढ़ावा देते हैं. उन्होंने पुलिस से धीरेद्र शास्त्री के खिलाफ कार्रवाई करने की भी मांग की. महाराष्ट्र में अंधश्रद्धा उन्मूलन कानून है जिसमें अंधविश्वास फैलाने वाले के खिलाफ कार्रवाई का प्रावधान किया गया है. संस्था ने इसी कानून के तहत कार्रवाई की मांग की.


30 लाख की चुनौती
समिति ने 30 लाख की चुनौती भी दे डाली कि धीरेंद्र शास्त्री अपने दिव्य दरबार में जिन चमत्कारों का दावा करते हैं, उन्हें आकर उसके मंच पर दिखाएं. ऐसा करते हैं तो उन्हें 30 लाख रुपये दिए जाएंगे. लेकिन शास्त्री ने चुनौती स्वीकार नहीं की. बल्कि, जैसा ऊपर बताया गया है वह दो दिन पहले ही कथा समाप्त करते वापस लौट गए. इस पर धीरेंद्र शास्त्री मंच को लेकर एक वर्ग सोशल मीडिया पर दावा करने लगा कि वो डरकर भाग गए. हालांकि बहुत सारे लोग उनके समर्थन में भी लिख रहे हैं. वैसे ताजा अपडेट ये है कि एक दिन पहले ही धीरेंद्र शास्त्री ने कहा है कि उन्हें चुनौती कबूल है.