Bahraich Encounter: उत्तर प्रदेश के बहराइच हिंसा के मुख्य आरोपियों का पुलिस ने एनकाउंटर किया है, जिसके बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और यूपी पुलिस एक बार फिर चर्चा में आ गई है. कुछ हफ्तों पहले एक डेटा सामने आया था, जिसमें योगीराज के दौरान एनकाउंटर का आंकड़ा दिया गया था. पिछले महीने सितंबर में मंगेश यादव, अनुज प्रताप सिंह और जाहिद के एनकाउंटर के बाद सियासी पारा चढ़ गया था.


अगर योगी सरकार में पहले एनकाउंटर की बात की जाए तो ये सहारनपुर में हुआ था. 2017 में योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद सितंबर के महीने में मंसूर पहलवान का पहला एनकाउंटर हुआ था. इसके बाद पुलिस ने कई दुर्दांत अपराधियों का एनकाउंटर किया और कई एनकाउंटर्स पर तो सवाल भी खड़े किए गए.


य़ोगीराज में कितने एनकाउंटर हुए?


20 मार्च 2017 से 5 सितंबर 2024 तक के आंकड़ों के मुताबिक, यूपी पुलिस ने कुल 12 हजार 964 एनकाउंटर की जानकारी दी है. इसमें 207 संदिग्ध अपराधियो की मौत हुई और 27 हजार 117 अपराधियों को गिरफ्तार किया गया. इन एनकाउंटर्स में 1 हजार 601 अपराधी घायल हुए. इन आकंड़ों पर अगर गौर किया जाए तो औसतन हर 13वें दिन एक लिस्टेट क्रमिनल के साथ एनकाउंटर हुआ.


कितने पुलिसकर्मी हुए शहीद


ऐसा नहीं है कि इन एनकाउंटर में सिर्फ अपराधी ही मारे गए. 17 पुलिसकर्मी शहीद हुए तो हजारों पुलिसवाले घायल भी हुए. जिन क्रमिनल को योगी सरकार में मार गिराया गया उन पर 75 हजार से लेकर 5 लाख रुपये तक का इनाम घोषित था.


एनकाउंटर में मारे गए अपराधियों का जातिगत आकंड़ा


वहीं, जाति के हिसाब के अपराधियों को देखें तो इन एनकाउंटर्स में मुसलमान अपराधी 67, ब्राह्मण 20, ठाकुर 18, यादव 16, दलित 14, एसटी 3, सिख 2, अन्य ओबीसी ग्रुप 8 अपराधी मारे गए. इसके अलावा अन्य जातियों और धर्मों के कुल 59 अपराधी मारे गए.    


उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद उनके कार्यकाल की चर्चा एनकाउंटर और बुलडोजर एक्शन के लिए की जाती है. बहराइच हिंसा में मारे गए शख्स के परिवार ने भी यूपी सीएम से अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की गुहार लगाई थी और कहा था कि इनका एनकाउंटर होना चाहिए और घरों पर बुलडोजर चलना चाहिए.


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