Bahrain approved Covaxin: भारत बायोटेक द्वारा निर्मित कोविड-19 रोधी टीका कोवैक्सीन को बहरीन में मंजूरी मिल गई है. बहरीन के नेशनल हेल्थ रेगुलेटरी अथॉरिटी ने कोवैक्सीन के आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी दी है. इसकी जानकारी बहरीन स्थित भारतीय दूतावास से दी गई है. उल्लेखनीय है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की ओर से इस महीने की शुरुआत में कोवैक्सीन के आपात इस्तेमाल की स्वीकृति मिली थी. इसके बाद भारत उन देशों से बात कर रहा है, जो कोवैक्सीन को मान्यता देने के लिए अलग-अलग आदेश जारी कर रहे हैं. ऐसे में बहरीन से मान्यता मिलने के बाद अब 97 देशों में कोवैक्सीन और कोविशिल्ड को आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी मिल चुकी है.
विदेश मंत्रालय ने बीते दिन यानी गुरुवार को यह जानकारी दी थी कि 96 देशों ने डब्ल्यूएचओ द्वारा स्वीकृत टीकों को या तो मंजूर कर लिया है या कुछ देशों ने केवल कोविशील्ड या कोवैक्सीन को ही मंजूरी दी है. डब्ल्यूएचओं ने कोविशील्ड और कोवैक्सीन दोनों टीकों को मान्यता दी है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा, "लेकिन हमें उम्मीद है कि कोवैक्सीन को डब्ल्यूएचओ की ओर से मंजूरी दिए जाने से इस सूची का विस्तार होगा और सभी 96 या अधिक देश दोनों टीकों को स्वीकार करेंगे. मुझे लगता है कि यह (मंजूरी) टीके की खुराक ले चुके भारतीयों की विदेश यात्रा को आसान बनाने में काफी सुधार लाएगी."
सरकार के बयान पर स्पष्टीकरण देने के लिए कहने पर बागची ने कहा कि स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के साथ ही विदेश मंत्रालय के वेब पेज पर कोई भी देख सकता है कि 9 नवंबर तक दो तरह की सूची है. पहली उच्च जोखिम की श्रेणी वाले देशों की और दूसरी ए श्रेणी वाले देशों की. उन्होंने कहा कि भारत में प्रवेश के लिए नए संशोधित दिशा-निर्देश मोटे तौर पर इन्हीं श्रेणियों पर निर्भर होंगे.
बागची ने कहा कि जिन देशों ने डब्ल्यूएचओ द्वारा स्वीकृत टीकों को मान्यता दी है और जिन्होंने हमारे टीकों को स्वीकार किया है उन्हें ए श्रेणी में रखा गया है. उन्होंने कहा कि 96 देशों ने डब्ल्यूएचओ द्वारा स्वीकृत टीकों या हमारे टीकों को मंजूरी दे दी है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, "एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इस महीने 3 नवंबर को भारत द्वारा विकसित कोवैक्सीन को आपात इस्तेमाल का लाइसेंस दे दिया. इससे कोवैक्सीन की खुराक लेने वाले लोगों की अंतरराष्ट्रीय यात्रा आसान होनी चाहिए. कई देशों ने पहले ही डब्ल्यूएचओ द्वारा स्वीकृत टीकों को मान्यता दे दी है और कोवैक्सीन स्वत: ही इस सूची में शामिल हो गया है."