Delhi Court: दिल्ली के एक कोर्ट के विशेष न्यायाधीश शैलेंद्र मलिक ने धोखाधड़ी करने वाले एक आरोपी अनुज श्रीवास्तव को यह कहकर जमानत दे दी कि गुण-दोष को सजा मानकर जमानत देने से इनकार नहीं किया जा सकता. कोर्ट के इस फैसले से आरोपी को बड़ी राहत मिली है. आरोपी अनुज श्रीवास्तव पर 85 वर्षीय बुजुर्ग को बलात्कार के झूठे मामले में फंसाने की धमकी देकर उनसे जबरन वसूली करने का आरोप है.


इस मामले में न्यायाधीश ने अनुज श्रीवास्तव के 30,000 रुपये के निजी मुचलके और इतनी ही राशि के एक मुचलके पर जमानत अर्जी को स्वीकार कर लिया. न्यायाधीश ने उसे अदालत की पूर्व अनुमति के बिना देश नहीं छोड़ने और गवाहों को प्रभावित या संपर्क नहीं करने या सबूतों के साथ छेड़छाड़ नहीं करने का निर्देश दिया.


कोर्ट ने सुनाया फैसला


न्यायाधीश शैलेंद्र मलिक ने याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा, 'दलीलों पर विचार करने और इस तथ्य पर ध्यान देने के बाद कि अभियुक्त/आवेदक पिछले तीन महीनों से न्यायिक हिरासत में है तथा अब इस मामले में अधिक जांच की जरूरत नहीं है. कानून में स्थापित सिद्धांत है कि (मामले में) गुण दोष को सज़ा मानकर ज़मानत से इनकार नहीं किया जा सकता है जबकि ज़मानत नियम है और इससे इनकार अपवाद है.”


जमानत पर पीड़ित पक्ष ने जताया विरोध


आरोपी को इस तरह से मिली जमानत पर पीड़ित पक्ष ने विरोध जताया है. अभियोजन पक्ष के मामले मुताबिक, आरोपी ने बुजुर्ग को धमका कर चार लाख रुपये अपने खाते में डलवा लिए थे.


शिकायतकर्ता के अनुसार, उन्हें अगस्त 2022 में उनके वॉट्सऐप पर एक दिन आपत्तिजनक तस्वीरें और वीडियो मिले थे. इसके बाद उन्हें ब्लैकमेल किया गया और साथ ही पैसे देने की मांग की गई थी. बुजुर्ग ने बताया कि ऐसा नहीं करने पर उन्हें झूठे मामले में फंसाने की धमकी दी गई थी. 


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