मुंबई: साल 2008 के मालेगांव ब्लास्ट केस में साध्वी प्रज्ञा को बॉम्बे हाईकोर्ट ने सशर्त जमानत दे दी है, लेकिन कोर्ट ने कर्नल पुरोहित की जमानत याचिका खारिज कर दी. साध्वी प्रज्ञा मालेगावं बम धमाके में आरोपी थीं.


कर्नल प्रसाद पुरोहित को कोई राहत देने से इनकार


बॉम्बे हाई कोर्ट ने 2008 मालेगांव बम विस्फोट मामले में साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को जमानत दे दी लेकिन सह आरोपी और पूर्व कर्नल प्रसाद पुरोहित को कोई राहत देने से इनकार कर दिया.


न्यायमूर्ति रंजीत मोरे और न्यायमूर्ति शालिनी फनसाल्कर जोशी की खंड पीठ ने कहा, ''साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर द्वारा दायर अपील को मंजूरी दी जाती है. याची (साध्वी) को पांच लाख रूपये की जमानत पर रिहा करने का निर्देश दिया जाता है. प्रसाद पुरोहित की ओर से दायर अपील को खारिज किया जाता है.'


कोर्ट ने साध्वी को राष्ट्रीय जांच एजेंसी(एनआईए) को अपना पासपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया. पीठ ने उसे सबूतों से छेड़छाड़ नहीं करने और जब भी जरूरत हो एनआईए अदालत में रिपोर्ट करने का भी निर्देश दिया है.


न्यायमूर्ति मोरे ने आज के आदेश पर रोक लगाने से इनकार करते हुए कहा, ''हमने अपने आदेश में कहा है कि पहली नजर में साध्वी के खिलाफ कोई मामला नहीं बनता है.''


बाइक में बम लगाकर किया गया था विस्फोट


साध्वी प्रज्ञा और पुरोहित मालेगांव बम विस्फोट में आरोपी है जिसमें आठ लोगों की मौत हुई थी और तकरीबन 80 लोग जख्मी हो गए थे. 29 सितंबर 2008 को मालेगांव में एक बाइक में बम लगाकर विस्फोट किया गया था. साध्वी और पुरोहित को 2008 में गिरफ्तार किया गया था और तब से वे जेल में हैं.


अदालत साध्वी और पुरोहित की ओर से दायर अपीलों की सुनवाई कर रही थी जिसमें उन्होंने उनकी जमानत अर्जी को खारिज करने के एक विशेष अदालत के फैसले को चुनौती दी थी.



कर्नल पुरोहित की जमानत याचिका खारिज


आपको बता दें कि एनआईए की एक विशेष अदालत ने पिछले साल जून में साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर और कर्नल पुरोहित की जमानत याचिका खारिज कर दी थी.


उस समय मालेगांव ब्लास्ट केस के एक पीड़ित ने भी साध्वी प्रज्ञा की जमानत का विरोध किया था. पीड़ित का कहना था कि साध्वी को जमानत दिए जाने पर विस्फोट में घायल हुए गवाहों की जान को खतरा होगा.